शिमला हिमाचल प्रदेश में पहली बार जुलाई में बादल झमाझम बरस रहे हैं। 1 से 21 जुलाई तक प्रदेश में अभी तक सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। कुल्लू, किन्नौर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश दर्ज हुई है। बीते 19 वर्षों में 16 बार जुलाई में सामान्य से कम बरसात हुई है। सिर्फ तीन बार वर्ष 2005, 2021 और 2022 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान सामान्य से सिर्फ चार से सात फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बीते कई वर्षों के दौरान जुलाई के पूरे माह में इतनी बारिश नहीं हुई है। जितनी इस बार 21 जुलाई तक हो गई है। इस माह के अंत तक बारिश का आंकड़ा और अधिक पहुंचने के आसार हैं। इस माह के दौरान किन्नौर में सामान्य से 274 फीसदी, कुल्लू में 242, शिमला में 222, सिरमौर में 187, सोलन में 179, बिलासपुर में 135, चंबा में 99, हमीरपुर में 82, लाहौल स्पीति में 71, मंडी में 73, ऊना में 66 और कांगड़ा जिला में 41 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। एक से 21 जुलाई तक प्रदेश में 354 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि इस अवधि के लिए 165 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार जुलाई के दौरान मानसून सक्रिय रहा है। आने वाले एक सप्ताह तक भारी बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मानसून सीजन में अभी तक 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज प्रदेश में 24 जून को मानसून ने प्रवेश किया है। 24 जून से 21 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। प्रदेश में 475 मिलीमीटर बारिश हुई है। सितंबर अंत तक मानसून प्रदेश में सक्रिय रहेगा। ऐसे में बारिश की मात्रा और अधिक बढ़ने का पूर्वानुमान है। पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान प्रदेश में इस बार पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में मानसून को आए सिर्फ एक माह हुआ है। पूरे सीजन की करीब 40 फीसदी बारिश इस दौरान हो चुकी है। आने वाले ढाई माह में और अधिक बारिश होने पर पुराने रिकॉर्ड टूटने की संभावना बन गई है। साल 2011 से 2022 तक हर बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश ही हुई है।
View More जुलाई में पहली बार सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश, कई रिकॉर्ड टूटेCategory: Natural Disaster
शिमला-कुल्लू में बादल फटा, तीन लापता; चंबा में स्कूल-आंगनबाड़ी बंद, बारिश का येलो-ऑरेंज अलर्ट
(शिमला)/चंबा/कुल्लू हिमाचल प्रदेश में चार दिनों तक भारी बारिश का येलो व ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 23 से 25 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट है। उधर, शिमला के रोहड़ू में छौहारा विकास खंड की कलोटी खड्ड में बादल फट गया। चिड़गांव तहसील के लैला में तीन लोगों के मलबे में दबने की खबर है। जगोटी गांव के रोशन लाल और उनकी धर्म पत्नी भागा देवी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ लैला में ही था। लैला खड्ड में आए भारी फ्लड में ढाबा बह गया। जिसके बाद तीनों लापता हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ जेसीबी की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटने का समाचार है। भलाण एक पंचायत के खोड़ाआगे में शुक्रवार शाम को बादल फटा है। बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। भूस्खलन के चलते खोड़ाआगे गांव के 30 मकानों को खाली कर दिया गया है। गड़सा-खोड़ाआगे सड़क बाढ़ में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बादल फटने के बाद गांव के लोगों में दशहत का माहौल है। भलाण एक पंचायत प्रधान कोयला देवी ने कहा कि पालगी से नीचे ओर खोड़ाआगे में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। सिरमौर जिले के नाहन में सीजेएम आवास के पास शिमला रोड पर सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ है। यहां पार्क की गईं दो गाड़ियां डंगे से नीचे गिर गईं। मुख्य सड़क यातायात के लिए सुचारू है। वहीं, चंबा जिले के भरमौर और भटियात उपमंडल के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। जिले में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह फैसला लिया गया है। मौसम केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में चल रही वर्षा गतिविधि में आज से अगले 48 घंटों के लिए वृद्धि होने की संभावना है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, ऊना, हमीरपुर, किन्नौर और लाहौल जिले में भारी बारिश की संभावना है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के निचले और मध्य पर्वतीय जिलों में चार दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। अगले 4 से 5 दिनों के दौरान औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। प्रदेश के कई भागों में 27 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं।
View More शिमला-कुल्लू में बादल फटा, तीन लापता; चंबा में स्कूल-आंगनबाड़ी बंद, बारिश का येलो-ऑरेंज अलर्टयमुनोत्री हाईवे के पास पहाड़ी से मलबा-पत्थर गिरने का सिलसिला जारी, मौसम ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता
देहरादून उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री घाटी में रातभर मूसलाधार बारिश के चलते यमुना नदी और नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा, बोल्डर और दलदल होने से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड और गंगनानी के पास मलबा और पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। जिसके बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। वाहन मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे यात्री परेशान हैं। एनएच बड़कोट के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, पुरोला इलाके में आधी रात से मूसलाधार बारिश हो रही है। छाड़ा खड में बादल फटने की आशंका है। धान के रोपे खेतों को भारी भूकटाव हुआ है। इससे आवासीय भवनों को खतरा है। छाडा खंड में उफान से तीन छोटी गाड़ी और बाइक बहने की खबर है। उत्तरकाशी प्रशासन के मुताबिक, छटांगा समेत कई जगहों पर यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया है, स्थिति का जायजा लेने के लिए एक तहसीलदार को भेजा गया है। उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि बड़कोट क्षेत्र में गंगनानी के पास भारी बारिश के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी मलबा और पत्थर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जलजभराव हो गया। स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। राहत कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन बल और अग्निशमन विभाग की एक-एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। उधर, लगातार बारिश जारी रहने की वजह से चमोली जिले के पास बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा गिरने के कारण तीन स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना के कारण बड़ी संख्या में यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर घंटों तक फंसे रहे। चमोली पुलिस ने शनिवार सुबह एक ट्वीट में कहा कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदप्रयाग, बेलाकुची और पागलनाला में मलबा आने के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरिद्वार जिले के दमकोठी में जलभराव के संबंध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी लगातार स्थिति पर नजर रखने को कहा है। गंगनानी के पास यमुनोत्री हाईवे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रशासन की चिंता बढ़ रही है। उधर ओजरी डाबरकोट में पत्थर मलबा बोल्डर लगातार
View More यमुनोत्री हाईवे के पास पहाड़ी से मलबा-पत्थर गिरने का सिलसिला जारी, मौसम ने बढ़ाई प्रशासन की चिंतापौड़ी में बादल फटा, गौशाला बहने से कई मवेशी लापता, 80 से ज्यादा गांवों की आवाजाही प्रभावित
पौड़ी उत्तराखंड में पौड़ी के थलीसैंण में गुरुवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई है। थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी गांव के समीप पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चौथान पट्टी के पांच से अधिक गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। जबकि पट्टी के 80 गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है। पट्टी के ग्रामीणों को भीड़ा-जसपुर-उफरैंखाल मोटर मार्ग से 30 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना होगा। इस आपदा से पट्टी के रौली गांव के एक ग्रामीण की गौशाला बह गई है। जिसमें 10 बकरियां व दो बैल लापता हैं। जबकि एक बकरी का शव बरामद हो गया है। साथ ही रौली और बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों के खेत बह गए हैं। थलीसैंण ब्लाक के चौथान पट्टी में लगातार हो रही बारिश के बीच रौली गांव के समीप बीते गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे बादल फटने की घटना हुई। जिसके बाद पास का गदेरा उफान पर आ गया। जिसमें रौली गांव के ग्रामीण चंदन सिंह की गौशाला बह गई। ग्रामीण के अनुसार, गौशाला में दो बैल व 11 बकरियां थी। अभी सिर्फ एक बकरी बरामद हुई है। जबकि अन्य लापता हैं। घटना की सूचना मिलने पर राजस्व पुलिस, लोनिवि बैजरों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आपदा में हुई क्षति का आंकलन करने में जुट गए हैं। नायब तहसीलदार थलीसैंण आनंदपाल ने बताया कि पुल पर आवाजाही बंद होने से चौथान पट्टी के बगवाड़ी, व्यासी, रणगांव, सुंदरगांव, पीठसैंण आदि गांवों का यातायात ठप हो गया है। खतरे की जद में आया मकान एनटी आनंदपाल ने कहा कि रौली गांव में एक मकान भू-स्खलन की जद में आ गया है, लेकिन उस मकान में कोई नहीं रहता है। साथ ही रौली गांव में पेयजल लाइन टूटने से जलापूर्ति भी बंद हो गई है। एनटी आनंद पाल ने कहा कि आपदा से हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है। प्रभावितों को जल्द ही मानकानुसार मुकावजा प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर कानूनगो भीम सिंह असवाल, राजस्व उपनिरीक्षक जितेंद्र रावत, सहायक अभियंता लोनिवि सुशील कुमार आदि मौजूद रहे।
View More पौड़ी में बादल फटा, गौशाला बहने से कई मवेशी लापता, 80 से ज्यादा गांवों की आवाजाही प्रभावितगंगोत्री-यमुनोत्री व बदरीनाथ हाईवे बंद, बारिश का रेड अलर्ट, उत्तरकाशी में कल स्कूल रहेंगे बंद
देहरादून उत्तराखंड में आज भी मौसम बिगड़ा हुआ है। प्रदेशभर में बारिश ने परेशानी खड़ी कर दी है। भूस्खलन और मलबा आने से गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे बंद हो गए हैं। यमुनोत्री हाईवे पर राना चट्टी से आगे झर्झरगाड़ के पास 100 से अधिक भू-धंसाव हो गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में भी बंद है। जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई है। उधर, केदारनाथ हाइवे पर भी जगह जगह पत्थर गिर रहे हैं। हाईवे को खोलने का काम जारी है लेकिन बार-बार बारिश होने से मलबा हटाने में दिक्कतें आ रही हैं। वाहनों को सुरक्षा की दृष्टि से धरासू बैंड में पुलिस ने रोक दिया है। गंगोत्री हाईवे बंदरकोट में बंद होने के चलते पुलिस ने वाहनों को ओपन टनल से पहले रोक दिया है। उत्तरकाशी में बंद रहेंगे स्कूल आगामी दो दिन भारी बारिश के अलर्ट को को देखते हुए उत्तरकाशी में कल 12 जुलाई को कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूल ओर आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। उफान पर खीरगंगा हर्षिल घाटी के धराली में खीरगंगा उफान पर है। खीरगंगा के उफान पर आने से धराली बाजार को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, हर्षिल और गंगोत्री घाटी मे दो दिन से विद्युत आपूर्ति ठप है। फाटा में बाइक सवार की मौत रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मार्ग पर फाटा में सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। हाईवे पर एक बाइक हादसे का शिकार हो गई। जिसमें एक यात्री की मौत हो गई। गुर्जर डेरे में घुसा पानी लैंसडोन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत गुर्जर डेरे में तेली श्रोत का पानी घुस गया। वन कर्मियों में रेस्क्यू कर गुर्जरों की सुरक्षित निकाला। रेंज अधिकारी अजय ध्यानी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं।
View More गंगोत्री-यमुनोत्री व बदरीनाथ हाईवे बंद, बारिश का रेड अलर्ट, उत्तरकाशी में कल स्कूल रहेंगे बंदमनाली के जगतसुख और कुल्लू के सैंज में फटा बादल, घर छोड़कर भागे ग्रामीण
मनाली (कुल्लू) :मनाली के जगतसुख गांव में रात पौने 12 बजे बादल फट गया। इसके बाद नाले से सड़क पर मलबा आ गया, जो सड़क तक पहुंच गया। इससे मार्ग अवरुद्ध हो गया। वहीं कुल्लू के सैंज में बादल फटा है। पाशी गांव में ग्रामीणों को घर छोड़कर भागना पड़ा। सैंज बाजार भी प्रशासन ने सुबह चार बजे खाली करवाया दिया है। पाशी गांव में बदल फटने से लोगों में दहशत का माहौल है। उधर मौसम विभाग ने चार दिनों तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इससे लोगों को राहत के आसार नहीं है। प्रदेश में आगामी चार दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 26 जुलाई तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। आनी, निचार, सांगला में भारी बारिश के चलते 22 जुलाई तक स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं। गुरुवार शाम तक प्रदेश में 676 सड़कें और 1,138 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद रहे।
View More मनाली के जगतसुख और कुल्लू के सैंज में फटा बादल, घर छोड़कर भागे ग्रामीणबिजली परियोजनाओं से भी खोखले हो रहे हैं पहाड़, कमजोर होकर दरकने की यह भी एक वजह
कुल्लू उत्तर भारत को रोशन करने वाले जिला कुल्लू के बिजली प्रोजेक्टों के निर्माण से पहाड़ नाजुक होने लगे हैं। इससे पहाड़ कमजोर होकर दरकने लगे हैं। जिला कुल्लू में करीब 20 बिजली प्रोजेक्ट हैं। इसमें अधिकतर का निर्माण पूरा हो गया है। कुछ का निर्माण चल रहा है। जिले में बाह्य सराज आनी-निरमंड से लेकर मनाली तक हर नदी-नालों पर प्रोजेक्ट बने हैं। इसमें 10 के करीब बड़े प्रोजेक्ट हैं, जिसकी उत्पादन क्षमता 100 मेगावाट से अधिक है। इतने ही माइक्रो प्रोजेक्ट हैं। उसमें एक से पांच मेगावाट तक बिजली पैदा हो रही है। इन प्रोजेक्टों में दस से 12 सुरंगों को निर्माण किया गया है। हजारों के हिसाब से हर भरे पेड़ों को काटा गया है। इसकी एवज में कुछ ही पेड़ों को लगाया जाता है। ब्यास में बाढ़ से हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का लारजी में 126 मेगावाट का प्रोजेक्ट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसमें बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप है। 10 जुलाई को ब्यास, पार्वती, तीर्थन तथा सैंज नदी में आई बाढ़ से प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस-नहस हो गया है। पावर हाउस में बाढ़ का पानी और मलबा घुसा है। प्रोजेक्ट को 658 करोड़ का नुकसान आंका गया है।
View More बिजली परियोजनाओं से भी खोखले हो रहे हैं पहाड़, कमजोर होकर दरकने की यह भी एक वजहअल्मोड़ा में तीन सड़कें बंद, 12 गांवों के लोगों की दुश्वारी बढ़ी
अल्मोड़ा। जिले में बंद सड़कों की वजह से 12 गांवों के लोग काफी परेशान हैं। तीन सड़कें बंद होने से यहां की चार हजार से अधिक की आबादी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और ग्रामीणों का गांवों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। जिले में बारिश के बाद से तीन सड़कें बंद हैं। उडालीखाल-भेल्टागांव, हिनोला-कानेखल पाटी, पैसिया-पीपना-टनल सड़कों पर आवाजाही ठप रहने से 12 से अधिक गांवों का संपर्क कटा है और यहां की चार हजार से अधिक की आबादी परेशान है। हालात यह हैं कि दैनिक जरूरत के सामान का प्रबंध करने के लिए भी उन्हें बदहाल रास्तों और मलबा, बोल्डरों के बीच किसी तरह जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। जल्द ही इन्हें खोलकर आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।
View More अल्मोड़ा में तीन सड़कें बंद, 12 गांवों के लोगों की दुश्वारी बढ़ीछह सड़कों पर थमे रहे वाहनों के पहिए, आठ हजार की आबादी परेशान
अल्मोड़ा। बारिश के बाद जिले में छह सड़कें बंद हैं। इन सड़कों पर आवाजाही ठप होने से 20 से अधिक गांवों का जिले से संपर्क…
View More छह सड़कों पर थमे रहे वाहनों के पहिए, आठ हजार की आबादी परेशानयूपी में तेज हुआ डेंगू का हमला, मरीजों से भरे अस्पताल, कानपुर में अबतक 17 की मौत
यूपी में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2022 से लेकर अभी तक कुल 11,183 मरीज मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा लखनऊ…
View More यूपी में तेज हुआ डेंगू का हमला, मरीजों से भरे अस्पताल, कानपुर में अबतक 17 की मौत