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परिवहन विभाग के आदेश की बेखौफ अवेहलना,

परिवहन विभाग के आदेश के बाद भी टाटा और आईचर वाहन डीलर स्पीड गवर्नर एएमसी के लिए चार्ज कर रहे हैं रुपए 2000,

दिल्ली में व्यवसायिक वाहनों में वाहन के अन्दर ही स्पीड गवर्नर डिवाइस लग कर आता है और दिल्ली की सड़कों पर स्पीड कैमरे भी लगाए जा चुके हैं जिनसे सड़कों पर वाहनों की स्पीड अपनी आप जांच होती हैं पर उसके बाद भी दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा वाहन फिटनेस की जांच के समय स्पीड गवर्नर डिवाइस की एएमसी अनिवार्य कर रखी है ।

कुछ महीने पहले वाहन मालिकों और अन्य संगठनों ने परिवहन विभाग में डिवाइस एएमसी अनिवार्यता समाप्त करने की बात कही थी जिस पर परिवहन विभाग ने इसकी अनिवार्यता समाप्त ना करके आदेश पारित किए थे की एएमसी जारी करने वाला कोई भी वाहन डीलर 500 रुपए से अधिक चार्ज नहीं करेगा पर परिवहन विभाग का यह आदेश आज भी हवाई आदेश बना हुआ है।

वाहन के स्पीड गवर्नर डिवाइस की एएमसी बनाने वाले आज भी वाहन मालिको से रुपए 2000 ले रहे हैं और उनसे आदेश की बात करो तो जवाब में बोल देते हैं जो इतने में कर रहा है वहा से करवा लो। स्पीड गवर्नर डिवाइस एएमसी इंचार्ज नंबर 099583 63647 Mr Mukesh Mishra

वाहन मालिक क्या करे उसको मजबूर होकर रुपए 2000 देने पड़ रहे हैं क्योंकि परिवहन विभाग ने वाहन जांच के लिए इस एएमसी की अनिवार्यता कर रखी है जिसका भरपूर फायदा एएमसी बनाने वाले उठा रहे हैं।

परिवहन विभाग अगर अपने द्वारा जनहित में जारी आदेश को लागू करवाने में असमर्थ हैं तो ऐसे आदेश जनहित में पारित करने का क्या उद्देश्य

परिवहन विभाग को अपने द्वारा जारी इस जनहित के आदेश को या तो वापिस ले लेना चाहिए अन्यथा एएमसी डीलर्स के द्वारा आदेश के बाद भी अधिक फीस लेने वाले से वाहन मालिको को ब्याज समेत पैसा वापिस दिलवाना चाहिए अन्यथा स्पीड गवर्नर डिवाइस की एएमसी की अनिवार्यता समाप्त कर देनी चाहिए जिससे परिवहन विभाग के आदेश ना मानने वालों को आगे के लिए समझ आ सके।

अब देखना है की परिवहन विभाग द्वारा उनके आदेश की अवहेलना करने वाले एएमसी डीलर के प्रति क्या फैसला लिया जाता हैं ।

जनहित में जारी
संजय बाटला

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