पैठणी साड़ी में नीता अंबानी का खूबसूरत अंदाज, जानें इस साड़ी की खासियत, लाखों में होती है कीमत

पैठणी साड़ी में नीता अंबानी का खूबसूरत अंदाज, जानें इस साड़ी की खासियत, लाखों में होती है कीमत
, नई दिल्ली
हाल ही में पैठणी साड़ी में नीता अंबानी का काफी खूबसूरत लुक सामने आया है। आज के लेख में हम आपको इस साड़ी की खासियत बताने जा रहे हैं।

हाल ही में सभी जगह धूमधाम से गणेश उत्सव की शुरूआत हुई है। इसी क्रम में देश के जाने-माने बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने अपने घर बप्पा का स्वागत किया था। एंटीलिया में स्थापित गणपति के दर्शन के लिए कई दिग्गज सितारे अपने परिवार के साथ वहां पहुंचे। इस मौके पर पूरा अंबानी परिवार वहां मौजूद था।

 

इस खास मौके के लिए मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी भी वहां खूबसूरत सी हरे रंग की साड़ी पहनकर मौजूद थीं। उनके इस खूबसूरत लुक ने लोगों को अपनी तरफ आकर्षिक किया। नीता अंबानी ने जो हरे रंग की साड़ी पहनी थी, वो कोई आम साड़ी नहीं थी। दरअसल, ये पैठणी साड़ी है, जिसका इतिहास बेहद खास है। ये देखने में जितनी खूबसूरत है, इतनी ज्यादा मेहनत इसे बनाने में लगती है। आज के अपने इस लेख में हम आपको इस साड़ी की खासियत बताने जा रहे हैं।

कहां बनाई जाती हैं पैठणी साड़ी

सबसे पहले बात करते हैं इस साड़ी के इतिहास की तो इसको बनाने की शुरूआत महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 50 कि.मी दूर पैठण नाम की जगह पर सतवाहना वंश के समय हुई थी। पैठण नाम की वजह से ही इस साड़ी का नाम पैठाणी पड़ा। यहां से शुरूआत होने के बाद इसे पुणे के एक पेशवा ने शिरडी के पास यिओला नामक पर जगह पर भी बनाने का आदेश दिया।

हमेशा रहती हैं डिमांड में

काफी समय बदलने के बावजूद इस तरह की 5.5 मीटर लंबी पैठनी साड़ी की हमेशा डिमांड रहती है। इस साड़ी को मलबरी सिल्क का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। पैठनी साड़ियों की सबसे खास बात उसकी ‘कडियाल’ बुनाई तकनीक है, जिसमें एक मजबूत और टिकाऊ फैब्रिक बनाने के लिए ताने और बाने के धागों को इंटरलॉक किया जाता है।

साड़ी पर होता है सोने का काम

इस साड़ी पर जरी के काम के लिए सोने या चांदी के तारों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इसकी कीमत ज्यादा होने की वजह से अब कई जगह अन्य धातुओं का इस्तेमाल भी किया जाता है। इस पूरी साड़ी को हाथ से ही बुना जाता है।

चटक रंगों में होती हैं उपलब्ध

इस तरह की साड़ियां नई दुल्हनों के लिए सबसे सही रहती हैं, क्योंकि इनके रंग काफी चटक से होते हैं। इन साड़ियों पर ज्यादातर तोते, मोर, फूल, देवी-देवताओं और आसावली की डिजाइन बनाई जाती है।

इतनी होती है कीमत

इस खास साड़ी को खरीदने का सपना तकरीबन हर महिला देखती है, लेकिन इसकी कीमत इतनी ज्यादा होती है कि इसे खरीदना सबसे बस की बात नहीं है। इस साड़ी की कीमत तकरीबन 11 लाख रुपये तक जा सकती है। इसके पीछे की वजह इसे बनने में लगने वाले तकरीबन 4 महीने का समय और कारीगरों के हाथों की मेहनत है।

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