80 ‘बुजुर्ग’ पेड़ों को मिली पहली पेंशन, प्राण वायु देवता योजना के तहत मालिकों को दी गई राशि

80 ‘बुजुर्ग’ पेड़ों को मिली पहली पेंशन, प्राण वायु देवता योजना के तहत मालिकों को दी गई राशि

पेड़ों की देखभाल के लिए 2750 रुपये उनके मालिकों को सौंपा गया है। हरियाणा में हेरिटेज पेड़ों की यह पहली पेंशन राशि है। यह पेंशन प्रत्येक साल दी जाएगी। पचहत्तर साल से ज्यादा की उम्र वाले गुरुग्राम के 80 हेरिटेज पेड़ों को प्रदेश सरकार पेंशन राशि का भुगतान कर दिया। पेड़ों की देखभाल के लिए 2750 रुपये उनके मालिकों को सौंपा गया है। हरियाणा में हेरिटेज पेड़ों की यह पहली पेंशन राशि है। यह पेंशन प्रत्येक साल दी जाएगी। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 में प्राण वायु देवता पेंशन योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत साल 2021 में गुरुग्राम में 75 पेड़ों का चयन किया गया था। पेड़ों को संरक्षण देने के लिए 2500 रुपये सालाना पेंशन का प्रावधान थी। घोषणा के दो साल बाद 26 अक्तूबर 2023 को सरकार ने पेंशन जारी किया है। योजना के तहत गुरुग्राम में चिह्नित किए गए पेड़ों की उम्र 75 वर्ष से अधिक है। माना जा रहा है कि इससे पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। बढ़ाए गए 250 रुपये : सरकार ने घोषणा की थी कि प्रत्येक हेरिटेज पेड़ की देखभाल के लिए 2500 रुपये बतौर पेंशन के रूप दिए जाएंगे, हालांकि यह राशि घोषणा के दो साल बाद पहली बार जारी की गई है। इसके साथ ही राशि को 250 रुपये का इजाफा करके इसे 2750 रुपये कर दिया गया है। वहीं, संरक्षित पेड़ों की संख्या भी 75 से बढ़ाकर 80 कर दी गई है। यह योजना पेड़ों के जीवन काल तक लागू रहेगी। चयनित पेड़ों में 90 फीसदी पीपल : चयन किए गए पेड़ों में 90 प्रतिशत पेड़ पीपल के हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि पीपल के वृक्षों से ऑक्सीजन ज्यादा निकलती है। इसके साथ ही चौड़ी पत्ती हाेने के कारण प्रदूषण बढ़ाने वाले कण इन पत्तियों पर आकर चिपक जाते हैं। यही कारण है कि ऐसे पेड़ों के संरक्षण की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। पेंशन पाने के लिए नियम: योजना के तहत यदि किसी व्यक्ति के घर या स्वयं की जमीन पर 75 वर्ष से या उससे ज्यादा की उम्र का पेड़ है तो वो अपने संबंधित जिले के वन विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। पेड़ों की परिधि और विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मानदंडों के आधार पर पेड़ों की उम्र की पहचान की है। इन पेड़ों का ठीक ढंग से रखरखाव सुनिश्चित करने, पोषक तत्व प्रदान करने और इन वृक्षों को उचित आकार में रखने के लिए पंचायतों और मंदिर ट्रस्टों को जिम्मा सौंपा गया है। इसके तहत पेंशन का भुगतान भी किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत केवल स्वस्थ पेड़ों को ही शामिल किया गया है।

 

 

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