दिल्ली परिवहन विभाग किसके लिए, बड़ा सवाल ?

दिल्ली परिवहन विभाग
जनहित के लिए या अन्यों के हित के लिए बड़ा सवाल ???

परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली के वाहन मालिको से गैर कानूनी तरीके से फीस लेकर सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा करवाने का सबूत आया सामने,

वाहन के परमिट के लिए ली जाने वाली फीस सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय और दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा एमवी एक्ट और रूल में व्यक्त है और साथ ही यह भी बताया गया है कि कितने समय पहले उस परमिट के लिए दुबारा रिन्यू के लिए फीस जमा करवा सकते हैं।

दिल्ली परिवहन विभाग में एक वाहन मालिक के द्वारा 2022 में अपने परमिट के नवीनीकरण (रिन्यू) की फीस जमा करवाई जो कि 5 साल के लिए थी यानी 2027 तक।
वाहन की उस परमिट पर चलने की समय सीमा 2023 तक थी जिसके लिए परिवहन विभाग द्वारा उस मालिक को वाहन का परमिट नवीनीकरण (रिन्यू) 2023 तक करके जारी कर दिया,
वाहन मालिक के द्वारा वाहन का परमिट रिप्लेसमेंट मोड़ यानी नए वाहन को अपने पुराने वाहन के लिए ज़ारी परमिट पर लाने के लिए जमा कर दिया गया,
वाहन मालिक द्वारा जिस दिन रिप्लेसमेंट मोड़ में परमिट जमा करवा कर रिप्लेसमेंट स्लिप प्राप्त की गई उस दिन तक उस पर कोई देरी का जुर्माना बकाया नही था
नियम के अनुसार वाहन को रिप्लेसमेंट करवाने के बाद बिना किसी जुर्माना भरे 120 दिन में नया वाहन खरीद कर उस परमिट पर चढ़वाया जा सकता है,
वाहन मालिक द्वारा 10 दिनों में ही नया वाहन खरीद कर अपने पुराने वाहन की जगह उस परमिट पर चढवाने के लिए परिवहन विभाग में प्रस्तुत कर दिया,
वाहन मालिक को नए वाहन पर उसके पुराने वाहन की जगह नए वाहन पर जो परमिट प्रदान किया गया वह उसी तारीख तक मान्य था जिस तारीख को उसका पुराने वाहन के लिए परमिट जारी किया गया था क्योंकि उस वाहन की परमिट श्रेणी के अनुसार सड़क पर चलने की समय सीमा समाप्त हो रही थी,
वाहन मालिक द्वारा परिवहन विभाग को बताया गया की उसके द्वारा इस परमिट के लिए 2027 तक की फीस जमा करवाई हुई है पर उसकी बात किसी ने नहीं सुनी और उसे उसके परमिट के नवीनीकरण (रिन्यू) के लिए दुबारा फीस जमा करवाने के लिए कह दिया,

अचम्बा
वाहन मालिक द्वारा परमिट फीस जमा होने के बावजूद जब दुबारा उसी परमिट के नवीनीकरण (रिन्यू) की फीस कटवाने लगा तो फीस के साथ उससे जुर्माना भी मांगा गया वह भी उस समय के लिए जब वह परमिट रिप्लेसमेंट मोड़ में जमा था,

अब आप समझ सकते है की परिवहन विभाग ने सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा करवाने के लिए किस आधार पर मालिको के साथ ठगी यानी गैर कानूनी तरीके से पैसा वसूल करने के लिए एप प्रोग्राम बनवा रखे हैं और सच तो यह भी है की आप किसी से भी शिकायत करके देख ले असर जीरो पाएंगे।

जनहित में जारी
संजय बाटला

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