परिवहन आयुक्त को जनहित के कार्यों से अब तक समय ना मिल पाने के कारण दिल्ली को जनता को नही मिल पाई रेंट ए बाइक स्कीम

2015 से रेंट ए बाइक स्कीम 2023 तक भी नही हुई शुरू, आख़िर क्यों ?

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली की जनता को 2015 में मिल रही थीं रेंट ए बाइक स्कीम, पर आज 2023 तक भी दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा नही की गईं शुरू आखिर क्यों और लिए कारण, बड़ा सवाल?

जनता के समक्ष घोषणा करने के बाद भी जनता को दो पहिया वाहनों की व्यवसायिक सवारी सेवा ना प्रदान करने के पीछे क्या रहे कारण आइए जानें

जैसे ही दिल्ली की जनता के लिए परिवहन विभाग द्वारा इस स्कीम की घोषणा हुई तभी से कई व्यवसायिक कंपनियों ने परिवहन विभाग को अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए चक्कर लगाने शुरू कर दिए।

कुछ कंपनियों द्वारा लिखित में भी इस स्कीम में अपने पंजीकरण के लिए अपना प्रपोजल जमा करवा दिया था पर पिछले कई सालों से वह प्रपोजल की फाईल परिवहन मंत्री के कार्यालय में जाकर रह गई और जो कार्य परिवहन विभाग द्वारा किया जाना था इस स्कीम को लागू करने के लिए वह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

रेंट ए बाईक स्कीम में जो फैसला परिवहन विभाग को लेना था वह था
व्यवसायिक श्रेणी में दो पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए चार्ज किए जाने वाले टैक्स का फैसला और उस पर माननीय उपराज्यपाल की रजामंदी और उसके बाद गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर डीएमवीआर में उसको लाना,
दो पहिया व्यवसायिक वाहनों के लिए परमिट कंडीशन बनाना और जारी करना,
दो पहिया व्यवसायिक वाहनों के परमिट किसे और किस शर्त पर देना का फैसला लेना और उसकी सूचना जनता तक पहुंचाना,

लेकिन तत्कालीन परिवहन आयुक्त और परिवहन मंत्री जनहित के कामों में इतने व्यस्त रहे की उन्हे इस स्कीम के प्रति लिए जाने वाले फैसलों के लिए समय ही नहीं मिला या यह भी कहा जा सकता है की आए हुए प्रपोजल पर फैसला लेने का समय ही नहीं मिला क्योंकि इस स्कीम से भी अधिक जरूरी अन्य जनहित के कार्य करने आवश्यक थे।

आज 2023 में परिवहन आयुक्त को कुछ समय मिला और पता चला की दिल्ली में कई कंपनियां बिना परिवहन विभाग की आज्ञा प्राप्त किए और बिना व्यवसायिक वाहन श्रेणी में वाहनों को पंजीकृत करवाए जनता को दो पहिया वाहनों द्वारा व्यवसायिक सेवा प्रदान कर रहे है और इस पर तत्काल कानून के अनुसार कार्यवाही के आदेश पारित कर दिए, जो एक अच्छा फैसला है पर स्वयं अपने कार्यकाल में दो पहिया वाहनों को व्यवसायिक श्रेणी में पंजीकरण की नीति को लागू नहीं करना क्या नीतिगत है, बड़ा सवाल?

दिल्ली की जनता आरटीआई के माध्यम से परिवहन विभाग से पता कर सकते हैं की पहली बार रेंट ए बाइक स्कीम के लिए एसटीए बोर्ड में एजेंडा कब लगा था और उसके बाद उस पर आज तक फैसला होकर यह स्कीम जनहित में क्यों जारी नही हुई।

जनहित में जारी
संजय बाटला

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