दिल्ली परिवहन विभाग अन्य राज्यो के पंजीकृत स्क्रैप डीलरो को दिल्ली की जनता के समय सीमा पूरे कर चुके वाहनों को सोपने के निर्णय लेने को आतुर, आख़िर क्यों बड़ा सवाल?

दिल्ली परिवहन विभाग अन्य राज्यो के पंजीकृत स्क्रैप डीलरो को दिल्ली की जनता के समय सीमा पूरे कर चुके वाहनों को सोपने के निर्णय लेने को आतुर, आख़िर क्यों बड़ा सवाल?

आप सभी जानते हैं कि दिल्ली में आज की तारिख में एक भी पंजीकृत स्क्रैप डीलर उपल्ब्ध नही है और ना ही दिल्ली परिवहन विभाग की जनहित नीतियों के कारण एक भी पंजीकृत इलेक्ट्रिक किट लगाने वाला उपलब्ध हो पाया जो दिल्ली की जनता अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा सके और सड़कों पर चला सके।

दिल्ली के परिवहन आयुक्त पहले ही अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं “”वाहनों में इतनी मजबूती ही नहीं बचती की उसे किट लगाकर या अपग्रेड इंजन लगाकर सड़को पर चलाया जा सके””।

दिल्ली परिवहन आयुक्त के अनुसार दिल्ली में मात्र नए इलेक्ट्रिक वाहन चलने के लायक है जबकि यह माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी माना है की दिल्ली में एसेंशियल वाहनों के लिए डीजल वाहनों को पंजीकृत किया जाए और स्वयं परिवहन विभाग द्वारा अपनी प्रवर्तन शाखा के लिए सभी वाहन डीजल के 2022 और 2023 में खरीदे गए सभी वाहन डीजल से चालित हैं “वह भी तब जब दिल्ली सरकार ने यह घोषणा करी हुई है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत कोई भी विभाग इलेक्ट्रिक वाहन के अतिरिक्त कोई वाहन नही खरीदेगा और ना ही किराए पर लेगा” स्वयं परिवहन विभाग द्वारा प्रवर्तन शाखा के लिए डीजल वाहन खरीद कर जनता के समक्ष यह सिद्ध किया है की अभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर पुरा भरोसा नहीं किया जा सकता फिर परिवहन आयुक्त आख़िर दिल्ली की जनता के वाहनों को क्यों जल्द से जल्द स्क्रैप डीलरो के हवाले करने के लिए प्रयत्नशील है बहुत बड़ा सवाल ?

दिल्ली की जनता के लिए अब न्याय की मांग के लिए सिर्फ एक ही विकल्प बचा है की वह एकजुट होकर माननीय उच्चतम न्यायालय से न्याय की मांग करे और सही दिशा निर्देश जारी करे। अगर दिल्ली की जनता अभी भी नहीं जागी तो जनहित के लिए कुछ भी कर गुजरने वाली दिल्ली सरकार और परिवहन आयुक्त आपके सभी वाहनों जिनका5 समय सीमा पूरा हो चुका या ना हुए वाहनों को दिल्ली की सड़को से खत्म करने के लिए कोई भी आदेश/ दिशा निर्देश जारी करने से नही हिचकेंगे।

आप सभी के लिए एक सवाल ?

जो आप सभी को दिल्ली सरकार, परिवहन विभाग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ पेट्रोलियम मंत्रालय से जानना और मांगना चाहिए :- “क्या दिल्ली में उपल्ब्ध पेट्रोलियम पदार्थ मानक यूरो VI के हैं या सिर्फ नाम के लिए उन्हें मानक यूरो VI का नाम दे कर दिल्ली में बेचा और जनता को बताया जा रहा हैं ?”

इस सवाल का जवाब इसलिए अनिवार्य है क्योंकि परिवहन विभाग द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय को बताया गया था की मानक यूरो VI के पेट्रोलियम पदार्थ आने के बाद पेट्रोलियम पदार्थ का प्रयोग करने वाले सभी पर्यावरण मुक्त या स्वच्छ हो जाएंगे फिर आज के परिवहन आयुक्त किस आधार पर दिल्ली के प्रदुषण मुक्ति के लिए सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर लोगो को लाना चाहते हैं और उसके लिए कोई भी आदेश और दिशा निर्देश जारी करने में लगे हैं।

जनहित में जारी,
संजय बाटला

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