भूस्खलन से बंदला सड़क के पूरी तरह अवरुद्ध होने का खतरा

भूस्खलन से बंदला सड़क के पूरी तरह अवरुद्ध होने का खतरा

बिलासपुर। साथ लगती बंदलाधार में बंदला और चनालग गांव के बीच भूस्खलन से सड़क के पूरी तरह बंद होने का खतरा पैदा हो गया है।…

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दो गुट में जोरदार झड़प, हवलदार पर भी फेंके पत्थर; सभी आरोपी फरार

दो गुट में जोरदार झड़प, हवलदार पर भी फेंके पत्थर; सभी आरोपी फरार

नई दिल्ली पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में बृहस्पतिवार देर रात पुरानी रंजिश को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों ने एक दूसरे पर पथराव कर दिया। मौके पर पहुंचे हवलदार ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो हमलावरों ने उनपर भी पत्थर फेंके। थाने से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा तो सभी आरोपी फरार हो गए। मौके पर पुलिस को दो लोग घायल अवस्था में मिले, जिन्हें पुलिस ने पास के अस्पताल में भर्ती कराया। मयूर विहार थाना पुलिस दंगा फसाद और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार देर पथराव होने की जानकारी मिली। मौके पर पहुंची टीम को बीट हवलदार अजय यादव मिले। साथ ही पुलिस को नितिन चौहान और अमित घायल अवस्था में मिले। पुलिस ने दोनों को लाल बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया। हवलदार ने बताया कि नितिन चौहान और अमित अपने दोस्तों के साथ दूसरे गुट से मारपीट कर रहे थे। दोनों गुट एक दूसरे पर ईंट पत्थर फेंक रहे थे। पुलिस दोनों पक्षों में शामिल हमलावरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

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ट्रक यूनियनों को माल ढुलाई दरें तय करने का कोई अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने पारित किए आदेश

ट्रक यूनियनों को माल ढुलाई दरें तय करने का कोई अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने पारित किए आदेश

ऊना/शिमला उद्योग से माल ढुलाई विवाद मामले में हरोली ब्लॉक इंडस्ट्री एसोसिएशन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए डीसी और एसपी ऊना को उद्योगों से निर्बाध माल ढुलाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। पीठ ने पूर्व में सुनाए एक फैसले का इस मामले में जिक्र करते हुए इसे लागू करने को कहा है। अदालत ने बीते 19 जुलाई को आदेश जारी करते हुए दो याचिकाओं का निपटारा किया है। अदालत ने पारित आदेश में कहा है कि ट्रक यूनियनों को माल ढुलाई दरें तय करने और उद्योगों के परिवहन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। परिवहन में हस्तक्षेप करने को अवमानना माना जाएगा। इसी के साथ डीसी, एसपी को निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियां ध्यान में आती हैं तो तुरंत पीठ के ध्यान में लाया जाए। निजी प्रतिवादी (ट्रक यूनियनों) को वाहनों के संचालन या माल ढुलाई शुल्क के निर्धारण के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। आदेश में मैसर्ज मेट ट्रेड इंडिया लिमिटेड बनाम राज्य सरकार मामले का जिक्र करते हुए इस मामले सुनाए गए फैसले को लागू करने के लिए कहा गया है। इसके साथ डीसी और एसपी ऊना से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि हरोली क्षेत्र के तहत आने वाले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में माल ढुलाई को लेकर विवाद था। ट्रक यूनियन उद्योग पर उनके ट्रकों से माल ढुलाई का दवाब बना रहे थे। उद्योगों की तरफ से सस्ते भाड़े पर बाहरी ऑपरेटरों से माल ढुलाई पर स्थानीय यूनियन बाधा पहुंचाती थी। इसी को लेकर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब यहां एसोसिएशन को राहत मिली है। उधर, जजमेंट आने के बाद एसोसिएशन ने सभी सदस्यों के लिए एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसमें पीठ की जजमेंट का उल्लेख करते हुए बिना हस्तक्षेप परिवहन होने की बात कही है।

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जुलाई में पहली बार सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश, कई रिकॉर्ड टूटे

जुलाई में पहली बार सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश, कई रिकॉर्ड टूटे

शिमला हिमाचल प्रदेश में पहली बार जुलाई में बादल झमाझम बरस रहे हैं। 1 से 21 जुलाई तक प्रदेश में अभी तक सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। कुल्लू, किन्नौर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश दर्ज हुई है। बीते 19 वर्षों में 16 बार जुलाई में सामान्य से कम बरसात हुई है। सिर्फ तीन बार वर्ष 2005, 2021 और 2022 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान सामान्य से सिर्फ चार से सात फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बीते कई वर्षों के दौरान जुलाई के पूरे माह में इतनी बारिश नहीं हुई है। जितनी इस बार 21 जुलाई तक हो गई है। इस माह के अंत तक बारिश का आंकड़ा और अधिक पहुंचने के आसार हैं। इस माह के दौरान किन्नौर में सामान्य से 274 फीसदी, कुल्लू में 242, शिमला में 222, सिरमौर में 187, सोलन में 179, बिलासपुर में 135, चंबा में 99, हमीरपुर में 82, लाहौल स्पीति में 71, मंडी में 73, ऊना में 66 और कांगड़ा जिला में 41 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। एक से 21 जुलाई तक प्रदेश में 354 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि इस अवधि के लिए 165 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार जुलाई के दौरान मानसून सक्रिय रहा है। आने वाले एक सप्ताह तक भारी बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मानसून सीजन में अभी तक 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज प्रदेश में 24 जून को मानसून ने प्रवेश किया है। 24 जून से 21 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। प्रदेश में 475 मिलीमीटर बारिश हुई है। सितंबर अंत तक मानसून प्रदेश में सक्रिय रहेगा। ऐसे में बारिश की मात्रा और अधिक बढ़ने का पूर्वानुमान है। पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान प्रदेश में इस बार पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में मानसून को आए सिर्फ एक माह हुआ है। पूरे सीजन की करीब 40 फीसदी बारिश इस दौरान हो चुकी है। आने वाले ढाई माह में और अधिक बारिश होने पर पुराने रिकॉर्ड टूटने की संभावना बन गई है। साल 2011 से 2022 तक हर बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश ही हुई है।

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बिलासपुर में बड़ा सड़क हादसा, 500 फीट नीचे खाई में गिरी कार

बिलासपुर में बड़ा सड़क हादसा, 500 फीट नीचे खाई में गिरी कार

बिलासपुर नेशनल हाईवे चंडीगढ़-मनाली पर शनिवार सुबह स्वारघाट के समीप धारकांशी में सुबह साढ़े चार बजे एक दिल्ली नंबर की कार गहरी खाई में गिर गई। हादसे में कार (DL 3 CCT 5269) सवार तीनों लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान सचिन और उसका दोस्त पिंटू व खुशी के तौर पर हुई है। सभी नोएडा दिल्ली निवासी बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर ही तीनों ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि कार अनियंत्रित होकर सड़क से लुढ़क कर करीब 500 फीट नीचे गहरी खाई में जा गिरी। घटना की सूचना मिलते ही स्वारघाट थाना के पुलिस प्रभारी राजेश वर्मा और उनकी टीम के एएसआई मनसू राम, हवलदार रिंपी, और एनडीआरएफ स्वारघाट की टीम को गहरी खाई से शव निकालने के लिए कड़ी मशक्क्त करनी पड़ी।

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शिमला-कुल्लू में बादल फटा, तीन लापता; चंबा में स्कूल-आंगनबाड़ी बंद, बारिश का येलो-ऑरेंज अलर्ट

शिमला-कुल्लू में बादल फटा, तीन लापता; चंबा में स्कूल-आंगनबाड़ी बंद, बारिश का येलो-ऑरेंज अलर्ट

(शिमला)/चंबा/कुल्लू हिमाचल प्रदेश में चार दिनों तक भारी बारिश का येलो व ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 23 से 25 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट है। उधर, शिमला के रोहड़ू में छौहारा विकास खंड की कलोटी खड्ड में बादल फट गया। चिड़गांव तहसील के लैला में तीन लोगों के मलबे में दबने की खबर है। जगोटी गांव के रोशन लाल और उनकी धर्म पत्नी भागा देवी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ लैला में ही था। लैला खड्ड में आए भारी फ्लड में ढाबा बह गया। जिसके बाद तीनों लापता हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ जेसीबी की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटने का समाचार है। भलाण एक पंचायत के खोड़ाआगे में शुक्रवार शाम को बादल फटा है। बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। भूस्खलन के चलते खोड़ाआगे गांव के 30 मकानों को खाली कर दिया गया है। गड़सा-खोड़ाआगे सड़क बाढ़ में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बादल फटने के बाद गांव के लोगों में दशहत का माहौल है। भलाण एक पंचायत प्रधान कोयला देवी ने कहा कि पालगी से नीचे ओर खोड़ाआगे में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। सिरमौर जिले के नाहन में सीजेएम आवास के पास शिमला रोड पर सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ है। यहां पार्क की गईं दो गाड़ियां डंगे से नीचे गिर गईं। मुख्य सड़क यातायात के लिए सुचारू है। वहीं, चंबा जिले के भरमौर और भटियात उपमंडल के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। जिले में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह फैसला लिया गया है। मौसम केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में चल रही वर्षा गतिविधि में आज से अगले 48 घंटों के लिए वृद्धि होने की संभावना है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, ऊना, हमीरपुर, किन्नौर और लाहौल जिले में भारी बारिश की संभावना है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के निचले और मध्य पर्वतीय जिलों में चार दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। अगले 4 से 5 दिनों के दौरान औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। प्रदेश के कई भागों में 27 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं।

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यमुनोत्री हाईवे के पास पहाड़ी से मलबा-पत्थर गिरने का सिलसिला जारी, मौसम ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता

यमुनोत्री हाईवे के पास पहाड़ी से मलबा-पत्थर गिरने का सिलसिला जारी, मौसम ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता

देहरादून उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री घाटी में रातभर मूसलाधार बारिश के चलते यमुना नदी और नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा, बोल्डर और दलदल होने से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड और गंगनानी के पास मलबा और पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। जिसके बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। वाहन मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे यात्री परेशान हैं। एनएच बड़कोट के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, पुरोला इलाके में आधी रात से मूसलाधार बारिश हो रही है। छाड़ा खड में बादल फटने की आशंका है। धान के रोपे खेतों को भारी भूकटाव हुआ है। इससे आवासीय भवनों को खतरा है।  छाडा खंड में उफान से तीन छोटी गाड़ी और बाइक बहने की खबर है। उत्तरकाशी प्रशासन के मुताबिक, छटांगा समेत कई जगहों पर यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया है, स्थिति का जायजा लेने के लिए एक तहसीलदार को भेजा गया है। उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि बड़कोट क्षेत्र में गंगनानी के पास भारी बारिश के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी मलबा और पत्थर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जलजभराव हो गया। स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। राहत कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन बल और अग्निशमन विभाग की एक-एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। उधर, लगातार बारिश जारी रहने की वजह से चमोली जिले के पास बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा गिरने के कारण तीन स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना के कारण बड़ी संख्या में यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर घंटों तक फंसे रहे। चमोली पुलिस ने शनिवार सुबह एक ट्वीट में कहा कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदप्रयाग, बेलाकुची और पागलनाला में मलबा आने के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरिद्वार जिले के दमकोठी में जलभराव के संबंध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी लगातार स्थिति पर नजर रखने को कहा है। गंगनानी के पास यमुनोत्री हाईवे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रशासन की चिंता बढ़ रही है। उधर ओजरी डाबरकोट में पत्थर मलबा बोल्डर लगातार

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गर्मियों में स्किन पर लगाएं तुलसी का टोनर, ग्लोइंग और यंग दिखेगी आपकी स्किन

गर्मियों में स्किन पर लगाएं तुलसी का टोनर, ग्लोइंग और यंग दिखेगी आपकी स्किन

गर्मियों में स्किन संबंधी तमाम ऐसी समस्याएं होती हैं, जो महिलाओं को परेशान करती हैं। जिसके लिए महिलाएं अलग पार्लर में जाती हैं, या फिर घर पर घरेलू नुस्खे ट्राई करती हैं। जिससे की तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी से अपनी त्वचा का ध्यान रखा जा सकता है। बता दें कि ऐसा ही एक उपाय तुलसी टोनर है। वहीं लोगों के घरों में तुलसी का पौधा लगा भी होता है। तुलसी में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं। जो आपकी त्वचा को बैक्टीरिया और जर्म से बचाने का काम करते हैं। तुलसी की पत्तियों की मदद से आप तुलसी टोनर बनाकर तैयार कर सकती हैं। आइए जानते हैं टोनर बनाने का तरीका… सामग्री तुलसी की पत्तियां- 10-12 गुलाबजल- 2 चम्मच ग्लिसरीन- 1 चम्मच ऐसे बनाएं तुलसी टोनर सबसे पहले पैन में एक गिलास पानी को उबाल लें। जब पानी अच्छे से उबल जाए तो उसमें तुलसी की पत्तियां डाल दें। अब पानी को ठंडा हो जाने दें। फिर उस पानी में गुलाबजब और ग्लिसरीन मिक्स कर दें। पानी को अच्छे से मिक्स कर एक बोतल में भर लें। इस तरह से आपका टोनर बनकर तैयार हो गया है। फेस पर अप्लाई करने का तरीका इसे अप्लाई करने से पहले फेस को अच्छे से साफ कर लें। इसके बाद फेस पर इस टोनर को स्प्रे करें। आप चाहें तो इसे कॉटन की मदद से भी अप्लाई कर सकती हैं। जब यह टोनर सूख जाए तो लोशन अप्लाई करें। इसके फायदे तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण के होने से मुंहासे और स्किन इंफेक्शन की समस्या दूर होती है। इसकी मदद से स्किन की एजिंग समस्या भी दूर होती है। गर्मियों में तुलसी टोनर अप्लाई करना काफी बेस्ट माना जाता है। क्योंकि इससे आपनी स्किन भी हाइड्रेट रहती हैं। वहीं इसमें मौजूद गुलाबजल और ग्लिसरीन आपके चेहरे की नमी को बरकरार रखता है। जिसके चलते आपकी स्किन ग्लोइंग बनती है। तुलसी का टोनर आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसक लगाने से ग्लो बना रहता है। साथ ही गुलाब जल और ग्लिसरीन आपकी स्किन को टाइट रखने का काम करता है। इस टोनर के इस्तेमाल से आपकी स्किन में पीएच बैलेंस बना रहता है। स्किन के ढीले होने और झुर्रियों से भी निजात दिलाता है।

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बारिश के मौसम में किचन को रखना चाहती हैं फ्रेश, तो

बारिश के मौसम में किचन को रखना चाहती हैं फ्रेश, तो

बारिश का मौसम ऐसा होता है कि आप चाहे घर की कितनी भी सफाई कर लो, लेकिन गंदगी हो ही जाती है। बारिश का पानी और धूल मिट्टी के कारण हमारा किचन न सिर्फ गंदा होता है, बल्कि नमी होने के कारण इसकी साफ-सफाई करने पर भी यह जल्दी सूखता नहीं है। वहीं ज्यादा समय तक नमी और गीलापन होने से मक्खी, कॉकरोच और छोटे-छोटे भुनगे आने लगते हैं। ऐसे में किचन की साफ-सफाई सही तरीके से करना बेहद जरूरी होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के किचन हाइजीन से जुड़े कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें फॉलो कर आप भी अपने किचन को चमका सकती हैं। पोछा कपड़ा किचन की फर्श से लेकर बर्तन तक को पोंछने के लिए हम कई सारे कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इससे साफ-सफाई करना काफी आसान होता है। लेकिन बारिश के मौसम में कपड़ों को सुखा पाना एक मुश्किल टास्क होता है। ऐसे में आप बारिश के मौसम में कपड़े की जगह वाइप्स का उपयोग करें। इससे सफाई भी हो जाएगी। साथ ही किचन के कपड़ों को सुखाने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। वाइपर बर्तन धोने के बाद सिंक के आस पास और स्लेब में पानी भर जाता है। वहीं बारिश में नमी होने के कारण यह जल्दी सूखता भी नहीं है। जिसकी वजह से जर्म्स और गंदगी फैलने का डर होता है। इसे साफ करने के लिए आप किचन के कपड़े की जगह वाइपर का इस्तेमाल करें। वाइपर की मदद से स्लैब जल्दी सूख जाएगा। लिक्विड डिशवॉश का करें इस्तेमाल बर्तन धोने के लिए लोग डिशवाश बार का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि यह बाकी महीनों के लिए तो अच्छा होता है, लेकिन मानसून में नमी के कारण गीला होने पर गलने लगता है और साबुन की खपत भी ज्यादा होती है। ऐसे में बर्तन धोने के लिए आप होममेड लिक्विड डिश वॉश का इस्तेमाल करें। बर्तन रखने वाली टोकरी बर्तनों को साफ सुथरा और जल्दी सुखाने के लिए आपको अपने किचन में सिंक के पास एक जाली वाली टोकरी को रखना चाहिए। जिसमें आप बर्तन धोकर रख सकें। ऐसे में बर्तन में मौजूद पानी सीधे सिंक में बह जाएगा और बर्तन भी जल्दी सूख जाएंगे।

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पेट की चर्बी को मक्खन की तरह पिघला देगा सौंफ और चिया सीड्स का मिश्रण, ऐसे करें सेवन

पेट की चर्बी को मक्खन की तरह पिघला देगा सौंफ और चिया सीड्स का मिश्रण, ऐसे करें सेवन

आजकल की खराब लाइफस्टाइल के चलते लोगों का वजन तेजी से बढ़ने लगा है। वहीं कई तरह की बीमारियों की वजह से भी लोगों का वजन बढ़ता है। ऑफिस के काम के प्रेशर के कारण लोगों को योग व एक्सरसाइज करने का मौका नहीं मिलता है। वहीं बाहर का जंक फूड खाने से आपके शरीर में अनहेल्दी फैट बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से वेट धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। वहीं बढ़ते मोटापे की वजह से कई तरह की बीमारियां शुरू होने लगती है। बता दें कि अगर आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव करते हैं, तो आप आसानी से मोटापे से मुक्ति पा सकते हैं। वजन कम करने के लिए आप सौंफ और चिया सीड्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। सौंफ और चिया सीड्स में फाइबर भरपूर मात्रा पायी जाती है। जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर कर वेट कम करने में मदद करता है। आइए जानते हैं कि सौंफ और चिया सीड्स की मदद से आप किस तरह अपने वेट को कंट्रोल में कर सकते हैं। मेटाबॉलिज्म करता है बूस्ट बता दें कि सौंफ और चिया सीड्स में एनेथाल पाया जाता है। यह पाचन एजाइम्स बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे आपकी एक्स्ट्रा कैलोरी तेजी से बर्न होती है। मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने से वेट धीरे-धीरे कम होता है। जिससे आपके सभी अंगों को ऊर्जा मिलती है। इससे एनर्जी लेवल भी बढ़ता है। फाइबर से भरपूर  चिया सीड्स और सौंफ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। वहीं पेट फूलना, गैस और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है। इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होने के साथ ही वेट भी तेजी से कम होता है। भूख होती है कंट्रोल सौंफ और चिया सीड्स में भूख को कंट्रोल करने के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से आपको बार-बार भूख भी नहीं लगती है। जिससे मोटापा कंट्रोल होता है। वहीं चिया सीड्स में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। यह भूख को कंट्रोल करने में सहायक होती है। ब्लड शुगर चिया सीड्स में कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है। जो चीनी को ब्लड में अवशोषित करने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इससे आपका वेट भी नहीं बढ़ता है। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण चिया सीड्स और सौंफ ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो शरीर की सूजन को कम करने के साथ फैट को घटाने में सहायक होता है। इससे आपका वेट तेजी से घटता है। ऐसे करें सेवन सबसे पहले एक बर्तन में करीब डेढ़ गिलास पानी गर्म कर लें।जब पानी हल्का गुनगुना हो जाए तो इसमें सौंफ और चिया सीड्स को उबाल लें।अब करीब 10-15 मिनट तक उबालने के बाद पानी को एक गिलास में छान लें। इसके बाद पानी में एक चम्मच शहद डालकर अच्छे से मिक्स कर दें।अगर आप बेहतर रिजल्ट पाना चाहते हैं, तो इसका सुबह खाली पेट सेवन करें।

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