परिवहन विभाग द्वारा जनहित में जारी आदेश कितना जन के लिए हितकारी

वाहन मालिकों को ऑनलाईन फेस फ्री कार्यशैली में कितना सुखद अनुभव, जाने

परिवहन विभाग ने अपने आप को सर्वश्रेष्ठ दिखाने के लिए दिल्ली में फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली लागू कर दी थी बिना सोचे समझे

दिल्ली में वाहन मालिक के नाम को परिवर्तित करने के लिए सुखद अनुभव प्रदान किया की घर बैठे वाहन अपने नाम करवाए।

ऑटो यूनिट दिल्ली में एक वाहन मालिक की मौत हो जाने के बाद फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली के कारण ऑटो के स्क्रैप आदेश, रिप्लेसमेंट आदेश, नया वाहन पंजीकृत और नाम परिवर्तन भी कर दिया गया।

विभाग से इस बारे में जानने के बाद पता चला कि इसमें ऑटो शाखा की गलती कहा और कैसे?परिवहन मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत केवाईसी और फेस फ्री कार्यशैली से सभी कार्य हुए हैं तो हमको कैसे पता चलेगा कि इस प्रक्रिया को करने वाला जीवित हैं या मरा हुआ।

आधार कार्ड में डेथ सर्टिफिकेट इश्यू होने के बाद भी कोई टिप्पणी नहीं होती और ना ही आधार कार्ड को रद्द किया जाता हैं ऐसे में भारत सरकार और परिवहन विभाग द्वारा जारी फेस फ्री आनलाइन आदेश के तहत अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी तो उसके लिए कोई भी विभागीय अधिकारी जिम्मेदार कैसे हो सकता है।

ऑटो यूनिट ने जानकारी में आने के बाद उस वाहन को ब्लैक लिस्ट में कर उसके आगे होने वाले सभी कार्य रोक दिए, पर क्या ब्लैक लिस्ट करना इस तरह की समस्याओं का सही हल है इस बात का जवाब देने को परिवहन विभाग के आला अधिकारियों में कोई भी तैयार नहीं।

दिल्ली की जनता अब स्वयं फैसला ले फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली कितनी सुखद,

संजय बाटला

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