माननीय उपराज्यपाल दिल्ली द्वारा भारत की माननीया राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के विचारों और दिशा निर्देश को दिल्ली में लागू करवाने की पहल करते हुए महिलाओं के रोजगार और सशक्तिकरण के लिए लोनी क्षेत्र में फ्री ड्राईविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स की शुरुआत करवाई ।
एक अच्छी पहल पर क्या माननीय उपराज्यपाल द्वारा की गई पहल के प्रति वह एनजीओ जो परिवहन विभाग की फ्री के दाम पर जमीन पर ड्राइविंग ट्रैनिंग स्किल डेवलपमेंट सैंटर चला रहा है इसके काबिल था एक बड़ा सवाल ?
माननीय उपराज्यपाल द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार महिलाएं जो दिल्ली में ड्राईविंग स्किल पाकर व्यवसायिक वाहनों को चला कर रोजी रोटी कमाना चाहती हैं उन सभी को बिना पैसा खर्च किए ड्राइविंग स्किल और नौकरी दिल्ली परिवहन विभाग दिलवाएगा और उनकी स्किल डेवलपमेंट कोर्स का खर्चा दिल्ली परिवहन विभाग और कम्पनी 50% 50% के आधार पर करेंगी, महिलाओ को इस स्किल डेवलपमेंट कोर्स के लिए कोई खर्चा नहीं करना होगा।
जो सबूत सामने आ रहे हैं वह अपने आप में एक बहुत बड़ी जांच का विषय है क्योंकि हम आपको इसी ब्लॉग के साथ इन महिलाओ के लर्निंग लाइसेंस की फीस की रसीद और महिलाओ द्वारा दिए गए पेमेंट का एक प्रिन्ट आपकी जानकारी हेतु स्लगन कर रहे है। जिसके आधार पर यह तो साफ हो गया कि परिवहन विभाग द्वारा इन महिलाओ से लर्निंग ड्राइविंग टैस्ट के नाम पर जो पैसा चार्ज किया है उसमे ड्राईविंग टैस्ट के पैसे चार्ज नहीं होने चाहिए थे जबकि नोटीफिकेशन के अनुसार इन महिलाओ को जो ड्राईविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स करवाया जा रहा है उसके बाद टैस्ट देने की जरूरत ही नहीं है।
जब टैस्ट देने की जरूरत नहीं तो उसके नाम की फीस महिलाओ द्वारा जमा करवाने का कारण, सोचनीय बात?
फीस की रसीद रुपए 500 पर महिलाओ द्वारा दिए गए लर्निंग लाइसेंस की फीस के नाम पर 950 रुपए, आख़िर बाकी पैसे किस बात के थे, सोचनीय बात?
अब मुख्य बात जो जानने योग्य :- दिल्ली में अनगिनत ड्राइविंग ट्रैनिंग स्कूल परिवहन विभाग के ऑपरेशन ब्रांच द्वारा मान्यता प्राप्त है और ड्राइविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स करवा रहें हैं और प्रमाण पत्र भी जारी करते हैं फिर भी इनके द्वारा दी गई स्किल के बाद टैस्ट अनिवार्य पर यहां की दी गई ट्रैनिंग स्किल के बाद नही, आखिर क्यों ?
जनहित में जारी
*संजय बाटला*