आईएमएस बीएचयू: ट्रॉमा सेंटर में जल्द शुरू होगा अंग प्रत्यारोपण, दुर्घटनाओं के गंभीर मरीजों को राहत
वाराणसी
ट्रॉमा सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एम्स नई दिल्ली में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रो. दीपक गुप्ता ने अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू कराने के साथ ही लोगों को डोनेशन के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया।
आईएमएस बीएचयू: ट्रॉमा सेंटर में जल्द शुरू होगा अंग प्रत्यारोपण, दुर्घटनाओं के गंभीर मरीजों को राहत – फोटो :
आईएमएस बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में जल्द ही अंग प्रत्यारोपण की सुविधा भी होगी। सड़क सहित अन्य दुर्घटनाओं के गंभीर मरीजों का अंग प्रत्यारोपण किया जा सकेगा। इसकी घोषणा आईएमएस निदेशक ने विश्व ट्रॉमा दिवस पर मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में की। इससे पहले बोन बैंक, स्पाइन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलने की पहल की गई थी।
ट्रॉमा सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एम्स नई दिल्ली में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रो. दीपक गुप्ता ने अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू कराने के साथ ही लोगों को डोनेशन के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया। आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन शंखवार ने ट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह को जरूरी औपचारिकता पूरी करने की जिम्मेदारी दी। प्रो. शंखवार ने कहा कि एम्स नई दिल्ली के साथ मिलकर इस सुविधा शुरू की जाएगी। बता दें कि ट्रॉमा सेंटर में हर दिन इमरजेंसी में 200 से अधिक मरीज आते हैं। इसमें सड़क दुघर्टना के कई गंभीर मरीजों को इलाज के दौरान अंग प्रत्यारोपण की जरूरत होती है।
सुरक्षित छज्जा-सुरक्षित बच्चा अभियान चलाने की जरूरत – फोटो : अमर उजाला
सुरक्षित छज्जा-सुरक्षित बच्चा अभियान चलाने की जरूरत
बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में एम्स नई दिल्ली के डॉ. दीपक गुप्ता ने कहा कि छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल होने वाले ज्यादा लोग आते हैं। अब सुरक्षित छज्जा-सुरक्षित बच्चा अभियान चलाने की जरूरत है।उन्होंने इन-फ्लाइट इमरजेंसी और ब्रेन स्टेम डेथ पर चर्चा भी की है।
एरा मेडिकल कॉलेज लखनऊ के मनोचिकित्सा विभाग के प्रो एम. अलीम सिद्दीकी ने कहा कि ट्रॉमा मरीजों के इलाज में तकनीकी दक्षता बहुत जरूरी है। प्रो. सौरभ सिंह, प्रो. एसके सिंह, प्रो. अशोक चौधरी ने डॉ. दीपक गुप्ता की पुस्तक ब्रेन स्टेम डेथ, ऑर्गन डोनेशन एंड ट्रांसप्लाटेशन का लोकार्पण किया। इससे पहले 60 लोगों ने ट्रॉमा सेंटर के ब्लड बैंक में रक्तदान किया। कार्यक्रम में प्रो. राजेश मीना, प्रो. कविता मीना, प्रो. एसके भारतीय मौजूद रहे।
आउटसोर्स कर्मियों को दिया हेलमेट, मृत कर्मी के परिजन को दी आर्थिक सहायता
ट्रॉमा सेंटर में आउटसोर्स पर तैनात कर्मियों को हेलमेट दिया गया। इस पहल की अतिथियों ने सराहना की और कहा कि दो पहिया चलाते समय हेलमेट, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट-बेल्ट लगाना जरूरी है। इसी बीच दुर्घटना में मृत एक आउटसोर्सिंग कर्मचारी के परिजनों को 1.66 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों ने आपसी सहयोग धनराशि जुटाई है।