कोरोना संक्रमित रहे अधिकतर लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा, रही है ऐसी स्थिति तो आप भी करा लें जांच
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड-19 के संक्रमण ने लोगों में उच्च रक्तचाप विकसित होने का खतरा बढ़ा दिया है। इसके बाद अब हृदय रोग या स्ट्रोक जैसी गंभीर जटिलताओं का जोखिम भी बढ़ गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों को हाल ही में कोरोना का संक्रमण रह चुका है, उन्हें इसके कारण होने वाली गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को एहतियातन भी ब्लड प्रेशर की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे समस्या का समय रहते पता चल सके।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जर्नल हाइपरटेंशन में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि तेजी से वैश्विक रूप से हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ती जा रही है। इस अध्ययन के लिए मार्च 2020 से अगस्त 2022 तक कोविड से पीड़ित 45,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। किसी भी प्रतिभागी में पहले हाई ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री नहीं थी। अस्पताल से लौटे लोगों का औसतन 6 महीने तक ध्यान रखा गया, इसमें देखा गया कि क्या संक्रमण से ठीक होने के बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में जाने की जरूरत पड़ी?
सेहत पर कोरोना के दुष्प्रभावों के मूल्यांकन में वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण था और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ी थी, ऐसे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के विकसित होने का जोखिम दो गुना तक अधिक देखा गया। वहीं जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण तो था लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी उनमें ये खतरा डेढ़ गुना अधिक देखी गई।
मसलन कोरोना के संक्रमण के शिकार रहे लगभग सभी लोगों में इस रोग के विकसित होने का जोखिम हो सकता है।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया, सबसे अधिक जोखिम 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में रिपोर्ट किया जा रहा है। इसके अलावा जिन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), कोरोनरी आर्टरी डिजीज या क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या थी, उनमें भी जोखिम अधिक देखा गया है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या इन रोगों की जटिलताओं को भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
लेखकों ने कहा वायरस के अलावा महामारी के अन्य पहलुओं ने भी उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ाया है। हाइपरटेंशन की स्थिति हृदय रोगों के खतरे का प्रमुख कारण मानी जाती रही है जिसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
अध्ययन के निष्कर्ष में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड-19 को शुरुआत से ही हृदय रोगों के लिए एक जोखिम कारक माना जाता रहा है। उच्च रक्तचाप, हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है, इसके कारण हार्ट अटैक का भी खतरा अधिक जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को एहतियातन इससे होने वाली समस्याओं जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हृदय स्वास्थ्य की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे जोखिमों को समय रहते पता लगाया जा सके। कोरोना संक्रमण का शिकार रहे किसी भी व्यक्ति में पोस्ट कोविड का खतरा हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतते रहना सभी के लिए जरूरी है।