दिल्ली
सीबीआई ने सिख विरोधी दंगा मामले में शनिवार को दिल्ली की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद के समक्ष कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। सीबीआई ने चार्जशीट में टाइटलर पर लोगों को सिखों की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को दिल्ली में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास एंबेसडर कार से उतरकर भीड़ से कहा था -सिखों को मार डालो….उन्होंने हमारी मां को मार डाला है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को नई दिल्ली के पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी।
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कार से उतरने के बाद टाइटलर ने वहां मौजूद अपने समर्थकों को उकसाते हुए कहा था कि मैं आपको पूरी तरह से आश्वस्त करता हूं कि आपको कुछ नहीं होगा। आप बस सिखों को मार डालो।
आरोप पत्र के अनुसार, टाइटलर ने यह भी कहा था कि पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की तुलना में उनके निर्वाचन क्षेत्रों (सदर लोकसभा सीट के तहत आने वाला विधानसभा क्षेत्र) में केवल नाममात्र के सिख मारे गए हैं, इसके चलते उन्हें शर्मसार होना पड़ रहा है। मैंने ज्यादा से ज्यादा सिखों की हत्या करने का वादा किया है और मैं हत्या करने वालों की सुरक्षा की गारंटी लेता हूं, लेकिन तुम लोगों ने मुझे धोखा दिया है, मुझे निराश किया है। उसके बाद वह गुस्से में वहां से चले गए। गवाहों के अनुसार, उनके जाने के बाद वहां मौजूद लोग हिंसक हो गए। उन्होंने सिखों पर हमले शुरू कर दिए और गुरुद्वारा पुल बंगश में आग लगा दी।
गवाहों ने टाइटलर को कार से उतरते देखा
मामले में अधिकांश गवाहों ने कहा कि वे ये नहीं सुन पाए कि टाइटलर ने भीड़ से क्या कहा, लेकिन उन्होंने टाइटलर को कार से उतरते और लोगों को उकसाते हुए देखा था, जिससे भीड़ भड़क गई। एक गवाह ने बताया कि वह डर की वजह से पड़ोसी के घर में जाकर छिप गया। एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिले हैं कि हिंसा के दौरान कांग्रेस नेता वहां मौजूद थे।
चार्जशीट में स्टिंग वीडियो का भी जिक्र
चार्जशीट में एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा गया कि टाइटलर भीड़ को भरोसा दिला रहे थे कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी। आरोप पत्र में मंजीत सिंह की ओर से जांच एजेंसी को भेजे गए एक पत्र का भी उल्लेख है, जिसमें स्टिंग वीडियो थे, इसमें जगदीश टाइटलर के सामने एक व्यक्ति ने 100 सिखों की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी।
टाइटलर का जमानती बांड स्वीकार
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश में हुई हत्याओं से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का जमानती बांड शनिवार को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही मामले पर अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने कहा कि आरोपी को पहले ही एक सत्र अदालत से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को टाइटलर को आरोप पत्र की एक प्रति देने का निर्देश भी दिया। कांग्रेस नेता टाइटलर कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए। उनकी पत्नी जेनिफर टाइटलर उनकी जमानतदार बनीं। अदालत ने जेनिफर की पहचान और वित्तीय स्थिति का सत्यापन किया। साथ ही यह देखने के बाद कि वह आर्थिक रूप से सक्षम थीं, उन्हें जमानतदार के रूप में स्वीकार कर लिया।
मजिस्ट्रेट ने कहा, जमानत बांड प्रस्तुत किया गया है। जमानत आदेश में लगाई गई शर्तों के अधीन इसे स्वीकार किया जाता है। सत्र अदालत ने शुक्रवार को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत प्रतिभूति पर टाइटलर को राहत दे दी थी। अदालत ने कांग्रेस नेता पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएंगे। उल्लेखनीय है, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों की ओर से हत्या किए जाने के एक दिन बाद 1 नवंबर, 1984 को यहां पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी।
सिख संगत की मांग– टाइटलर को मिले फांसी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की जमानत के खिलाफ रोज एवेन्यू कोर्ट के सामने रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने टाइटलर को फांसी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिख दंगों के एक-एक आरोपी को सलाखों के पीछे भेजने के लिए वह आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि 1984 के सिख नरसंहार को समुदाय कभी भूल नहीं सकता।
सिख समुदाय को बड़ी उम्मीद थी कि जगदीश टाइटलर जेल जाएंगे, लेकिन इसके विपरीत उन्हें जमानत दे दी गई, जिसने सिखों के घावों पर नमक छिड़का है। सिखों के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और सबसे काला दिन है। आरोप लगाया कि सीबीआई द्वारा उचित भूमिका नहीं निभाने के कारण टाइटलर को जमानत मिली है। सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील को पेश नहीं किया गया। टाइटलर के खिलाफ गवाह और सबूत हैं। जल्द से जल्द टाइटलर को गिरफ्तार करने और जमानत रद्द करने की मांग की। यहां दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी, सदस्य व बड़ी संख्या में सिख संगत मौजूद रही।