*दिल्ली परिवहन विभाग और सरकार द्वारा आज से दिल्ली में प्रदुषण अलर्ट,* नए नियम लागू, रहें बच कर।
दिल्ली से मानसून की बिदाई हो चुकी है और अब आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली की जनता पर नकेल कसने वाला समय आ गया है।
दिल्ली जो ग्रीन सिटी के अवार्ड से सम्मानित थी उस दिल्ली में जिस दिन से आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई उसी दिन से दिल्ली को ग्रीन सिटी की जगह प्रदुषण के चैंबर नाम देकर दिल्ली की जनता को अलग अलग नियमो और पाबंदियों में बाधना शुरु कर रखा है।
*सच क्या था, क्या है और यह सब क्या लीलाएं है यह तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और परिवहन विभाग के आला अधिकारी ही बेहतर जानते हैं।*
पर आप सभी दिल्ली वासियों और भारत देश में परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों को बता देना मेरा कर्तव्य है कि आज 1 अक्टूबर है और आज से दिल्ली परिवहन विभाग आपके ऊपर कई नए नियमों के तहत आने वाले चार महीनों तक कार्यवाही करने के लिए सड़को पर बाज की तरह दृष्टि गड़ाए मिलेगा, ध्यान रखें अपने वाहनों को दिल्ली की सड़को पर उतारने से पहले अपने वाहन के सभी दस्तावेजो की जांच के साथ यह अवश्य जान लेना की आपका वाहन दिल्ली में प्रवेश हेतू वर्जित तो नही किया हुआ। क्योंकि यह दिल्ली सरकार और उसका सबसे प्रिय परिवहन विभाग हैं जो सरकारी खजाने में इजाफा करवाने के लिए कुछ भी कर सकता हैं आपका वाहन जब्त कर जुर्माना वसूल कर वाहन सुपुर्द करने की जगह जबरदस्ती स्क्रैप भी करवा सकता है।
यहां सबसे मुख्य जानने योग्य बात यह है की पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 2017 में दिल्ली के प्रति जी.आर.ए.पी. ज़ारी किया था और इसे 15 अक्टूबर से लागू करने की बात कही थी। सी.ए.क्यू.एम. के निर्देशो के तहत इसे 15 दिन पहले से भी लागू किया जा सकता है जिससे हवा में प्रदुषण बढ़ाने वाले तत्वों को रोका जा सके।
आपकी जानकारी हेतु बता देना जरूरी है सी.ए.क्यू.एम. के अनुसार जी.आर.ए.पी. को चार श्रेणियों में लागू किया गया है,
1. ए.क्यू.आई. का स्तर :- 201 से 300 के बीच
2. ए.क्यू.आई. का स्तर :- 301 से 400 के बीच
3. ए.क्यू.आई. का स्तर :- 401 से 450 के बीच
4. ए.क्यू.आई. का स्तर :- 450 से ऊपर
यहां आपकी जानकारी हेतु यह बताना भी अनिवार्य है और आपके लिए जानना भी की सभी स्टेज के लिए अलग अलग पाबंदियां भी घोषित हैं जिसके अंतर्गत ही दिल्ली सरकार और और उसके अंतर्गत कार्यालय जैसे परिवहन विभाग इत्यादि कार्यवाही कर सकते हैं, जाने किस स्टेज पर क्या पाबंदियां लागू हैं :-
*स्टेज 1 पर लगती हैं ये पाबंदियां*
कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे.
सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा.
खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी.
पी.यू.सी. के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना पी.यू.सी. के नहीं चलने दी जाएंगी.
एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी. डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा.
*स्टेज 2 पर लगती हैं ये पाबंदियां*
हर दिन सड़कों की सफाई होगी. हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा.
होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा.
अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा.
लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए सरकार पार्किंग फीस बढ़ाने के दिशा निर्देश जारी कर सकती है .
इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
*स्टेज 3 पर लगती हैं ये पाबंदियां*
हर दिन सड़कों की सफाई के साथ पानी का छिड़काव होगा.
अस्पताल, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी बंद रखी जाएगी.
इंडस्ट्रियां बंद कर दी जाएंगी. मिल्क-डेरी यूनिट, दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी.
दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग बंद करवा दी जाएगी. स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम बंद कर दिया जाएगा.
बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल पर चलने वाली कारों को लेकर प्रतिबंध लाया जा सकता हैं.
*स्टेज 4 पर होती हैं ये पाबंदियां*
दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद कर दी जाएगी. सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे.
दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स के चलने पर प्रतिबंध. जरूरी सामान ढोने वाले व्हीकल को छूट रहेगी.
दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल पर चलने वाली कारों पर प्रतिबंध रहेगा. सिर्फ बीएस VI इंजन गाड़ियों और जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों को छूट रहेगी.
इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद रहेंगी. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर भी रोक रहेगी. सिर्फ हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पाइपलाइन बनाने का काम चलता रहेगा.
एनसीआर में राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आ सकेंगे. बाकी घर से काम करेंगे. केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी.
स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर सरकार फैसला लेगी.
जनहित में जारी
*संजय बाटला*