*दिल्ली मेट्रो द्वारा जनता को सूचना “घर से घर तक सेवा”*
दिल्ली मेट्रो ने लिया फैसला अब मेट्रो में सफर करने वालो को मिलेगी घर से घर तक छोड़ने की सेवा वह भी एसी वाहनों द्वारा,
दिल्ली मैट्रो ने कहा कि मेट्रो स्टेशन से लास्ट माइल कनेक्टविटी देने के लिए डीएमआरसी मिनी बस के रूप में फीडर बसों की संख्या बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए 40 नई वातानुकूलित सस्ती मिनी बस चलाई जाएंगी। जबकि दिल्ली मैट्रो द्वारा पहले से चल रही 174 मिडी बसों में से अंदाजन 68 बसों की सेवा को पूर्ण रूप से बंद करने के लिए मेट्रो द्वारा दिल्ली परिवहन विभाग के एसटीए ब्रांच में पत्र लिखकर उनके परमिट स्थाई रूप से जमा करने का अनुरोध किया हुआ है। बाकी 106 मिडी बसे भी बिना फिटनेस के मेट्रो बस टर्मिनल में ही खड़ी है। कुछ समय पहले मैट्रो द्वारा निजी संचालकों के माध्यम से इलेक्ट्रिक मिनी बसें परिचालित करवाई है जिनकी गिनती शायद 54 हैं और मैट्रो के अनुसार 9 मैट्रो स्टेशन से 4 रूट पर चालित है।
आपकी जानकारी हेतु बता दें मैट्रो ने दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए दिल्ली में 300 फीडर मिडी बसों के परमिट का टैंडर किया था जिसमे से कुल 174 बसे आई थी और उसमे से भी 68 बसों के परमिट मेट्रो द्वारा रद्द करवाने की प्रक्रिया जारी है।
मैट्रो द्वारा लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए अपने कई मैट्रो स्टेशन से ई रिक्शे चलवाए है और अब मैट्रो ई रिक्शे के साथ इलेक्ट्रिक ऑटो, इलैक्ट्रिक मिडी और मिनी बसों के साथ एसी मिनी बसें चलवाने के लिए तत्पर है। इन सभी वाहनों का किराया मेट्रो द्वारा तय किया जाएगा ।
मेट्रो ने इसके परिचालन के लिए निजी संचालकों को निविदा जारी करके आमंत्रित किया है। निजी संचालकों के पास इसके परिचालन से लेकर मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। मेट्रो संचालकों को मेट्रो फीडर बसों के लिए डिपो में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह बसें अलग-अलग रूट पर चलेंगी।
मेट्रो द्वारा बताया गया जल्द ही मेट्रो द्वारा द्वारका उप शहर में ई-ऑटो का परिचालन शुरू होगा। शुरूआत में द्वारका में 50 ई-ऑटो से शुरूआत की गई है, जो कि बाद में बढ़ाकर 136 किए जाएंगे। पूरी दिल्ली में अलग-अलग स्टेशन से आने वाले दिनों में 799 ई-ऑटो चलाएं जाएंगे।
मैट्रो द्वारा लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए घोषित सभी वाहन ई रिक्शे, इलैक्ट्रिक ऑटो, इलैक्ट्रिक मिडी और मिनी बसें, एसी बसें, और बिना फिटनेस के खड़ी बसे अगर समय से परिचालन में आ जाती हैं तो दिल्ली की जनता को सुरक्षित सवारी सेवा की कुछ उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी क्योंकि दिल्ली में सुरक्षित सवारी सेवा प्रदान करने वाले वाहन जल्द ही समय सीमा पूर्ण करके या दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग की गलत नीतियों के कारण सड़को से हटने वाले हैं।
डीटीसी की अपनी सभी बसे अगले साल तक समय पूरा कर जाएगी और दिल्ली सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी बस नही खरीदी और आरटीवी वालो को दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग की गलत नीतियों ने बर्बाद कर दिया है एवम् अन्य सवारी सेवा प्रदान करने वाले वाहन भी अब आपको सड़को पर कम ही नज़र आते होंगे।
डूबते को तिनके का सहारा कहावत यहां चरितार्थ होती हैं अगर सच मे दिल्ली मैट्रो इन वाहनों को सड़को पर लाकर जनता को सेवा प्रदान करने में सफल होता है तब।
जनहित में जारी,
संजय बाटला