सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं पर संज्ञान लेकर और अंकुश लगाने के लिए जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन किया था। इस विशेष समिति की रिपोर्ट के आधार पर मॉर्थ (मिनिस्टरी ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज) ने इलेक्ट्रिक दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए ए.आई.एस. 156 सेफ्टी स्टैंडर्ड को अपडेट कर लागू किया है।
सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को आग की घटनाओं से बचाव के लिए समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार और लागू किए नए नियम,
आग के मामलो की जांच करने वाली विशेष समिति ने 29 अगस्त 2022 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसके आधार पर इलैक्ट्रिक पॉवर से चलने वाले वाहनों को इलैक्ट्रिक पावरट्रेन वाली श्रेणी एल, श्रेणी एम और श्रेणी एन. के लिए नए सुरक्षा नियम लागु किए गए।
श्रेणी एल. में चार पहियो से कम वाले वाहनों और श्रेणी एम. और श्रेणी एन. में (4) चार पहिया वाहनों को शामिल किया गया जो यात्री और फ्रंट लोडेड वाहनों के लिए उपयोग किया गया है।
नए नियमों में बैटरी सेल, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक के डिजाइन और अतिरिक्त सेल शॉर्ट सर्किट से आग के कारण थर्मल ट्रांसफर से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा उपाय शामिल किए और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है।
- सेल के थर्मल रनवे के मामलो मे थर्मल घटनाओं या गैस का जल्द पता लगाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन ऑडियो-विजुअल अलर्ट से लैस होंगे।
- इलेक्ट्रिक वाहनों में सेफ्टी फ्यूज का होना अनिवार्य कर दिया गया जिससे अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होने या उच्च धारा प्रवाह के होने पर बैट्री को पावरट्रेन से तुरन्त काटेगा,
- इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयोग होने वाली बैट्री में दो सेल के बीच की दूरी बढ़ाने के आदेश इससे रिचार्जेबल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (आर.ई.एस.एस.) में थर्मल रनवे की स्थिति में गर्मी कम करने और सेल्स को अलग करने में मदद मिलेगी ।
- टाइम-बेस्ड चार्ज कट-ऑफ फंक्शन को शामिल करने के लिए फिर से डिजाइन किया जाएगा, आर.ई.एस.एस. को ओवरचार्ज होने से रोकने में मदद होगी।
- इलेक्ट्रिक वाहनों में अब चार (4) अतिरिक्त सेंसर होंगे, यह बैट्री सिस्टम के साथ किसी भी समस्या को जल्दी से पहचान करेंगे में और वाहन के कंसोल पर एक त्रुटि दिखाएगा जो सवार को सचेत करेगा कि वाहन अतिरिक्त गर्म हो रहा है।
- इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से लैस सभी दोपहिया वाहनों को ओवर वोल्टेज, ओवर चार्ज, ओवर डिस्चार्ज, ओवर-टेंप्रेचर, ओवर करंट और शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में उन्नत बैट्री सिस्टम लगाना होगा।
- एक अक्टूबर से इलेक्ट्रिक वाहनों में मौजूदा बैट्री सुरक्षा मानक के साथ लागू कर वाहनों की बिक्री की इजाजत होगी।
जनहित में जारी,
संजय बाटला