*भारत देश और सबसे ज्यादा दिल्ली राज्य की आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ) की गाइडलाइंस के अनुसार खराब हवा में सांस ले रही हैं।*
ग्रीन पीस इण्डिया द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत देश की 99 फीसदी आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ) की गाइडलाइंस के अनुसार खराब हवा में सांस ले रही हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत देश में प्रदुषण के सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र/ राज्य दिल्ली-एनसीआर हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर की वायु में सूक्ष्म कणों की मात्रा अत्याधिक है जो सांस लेने पर शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों और श्र्वसन के मार्ग में सूजन पैदा कर देते हैं जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती हैं तथा मानव को ह्रदय और सांस संबंधी समस्याओं का खतरा उत्पन्न हो जाता हैं।
इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की सरकार को इसके लिए ठोस वायु गुणवता निगरानी प्रणाली पेश करनी चाहिए और सार्वजनिक रुप से रियल टाइम डेटा उपल्ब्ध करवाना चाहिए।
इसी रिपोर्ट में कहा गया है सरकार को डेटा के आधार पर खराब हवा होने पर हेल्थ एडवाइजरी जारी कर जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कारगार कदम उठाए जाने चाहिए।
अन्त में इस रिपोर्ट में कहा गया है राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवता मानक (नैशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स) दिल्ली-एनसीआर के लिए अपर्याप्त हैं और तत्काल सुधार की जरूरत है।
इस रिपोर्ट में अगर सच्चाई है तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को अपने आप को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए जितना समय विज्ञापनों पर खर्च करती हैं उस समय और सोच को इस कार्य में लगा कर वायु प्रदूषण नियंत्रण करने का प्रयास करना चाहिए ,
इस रिपोर्ट को पढ़ने से एक बात तो साफ हो गई की जिस कार्य को करने की जरुरत है सरकार को सबसे अधिक यानी सफाई, ( *दिल्ली की सड़कों और गलियों से धुल मिट्टी और कचरा समाप्त करवाना* ) उसे करने की जगह *वाहनों पर पाबंदी लगवाकर सिर्फ जनता को धोखा और दिखावा कर के दिखाया जा रहा है प्रदुषण मुक्त के नाम पर।*
जनहित में जारी
*संजय बाटला*