दिल्ली में सवारी वाहनों को चलाने के लिए चालक के पास ड्राईविंग लाईसेंस के साथ ड्राईवर बैज होना अनिवार्य है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब बहुत से संगठन सवारी वाहन चालकों के लिए इस बैज की अनिवार्यता को खत्म करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
आपकों बताते हैं कि ड्राईवर बैज क्या है ? इसके बनवाने के लिए क्या मुख्य दस्तावेज अनिवार्य होते हैं।
ड्राईवर बैज उस चालक को लेना अनिवार्य होता हैं जिस चालक को दिल्ली में व्यवसायिक सवारी वाहन चलाना है, इसके लिए उस ड्राईवर को परिवहन विभाग की शाखा में लाइसेंस बनवाने के बाद अलग से प्रार्थना करनी पड़ती हैं जिस पर परिवहन विभाग की शाखा के द्वारा उस चालक का दिल्ली पुलिस द्वारा जांच प्रणाम रिपोर्ट मंगवाई जाती हैं जिसमे दिल्ली पुलिस उसके निवास स्थान और कैरेक्टर की जांच प्रस्तुत करती हैं, जिससे पता चलता है कि उस चालक पर पहले से केस दर्ज तो नही है जो जनता की सुरक्षा के विपरित हो। पुलिस द्वारा सत्यापित रिपोर्ट के बाद ही किसी ड्राईवर को बैज प्रदान किया जाता हैं।
आज वाहन चालक के लिए सिर्फ दो श्रेणी में ही लाइसेंस जारी होते हैं
1. हल्के वाहन जिस लाइसेंस के द्वारा व्यक्ति स्कूटर, ऑटो, रिक्शा, कार और हल्के श्रेणी में पंजीकृत वाहनों को चला सकता है।
2. भारी वाहन जिसके अंतर्गत हल्के श्रेणी और उसके अलावा अन्य सभी पंजीकृत वाहनों को चलाने की इजाजत होती हैं।
दोनो ही श्रेणी के चालको को जो दिल्ली में व्यवसायिक सवारी वाहन चलाना चाहते हैं बैज लेना अनिवार्य है पर जानकार सूत्रों की माने तो जल्द ही दिल्ली के लाइसेंस धारकों को बैज की जरूरत से मुक्त कर दिया जाएगा।
जानकार सूत्रों की माने तो परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त ओ. पी. मिश्रा बैज की अनिवार्यता को खत्म करवाने के पक्ष मे है और उम्मीद की जाती हैं दिल्ली में चालक को व्यवसायिक सवारी वाहन चलाने के लिए जल्द ही बैज की अनिवार्यता से मुक्ति मिल जाएगी।
बैज की अनिवार्यता समाप्त होने के बाद दिल्ली में ऑटो के परमिट के लिए सभी हल्के लाइसेंस धारक जिन्होंने अपनी निजी कार चलाने के लिए भी लाइसेंस बनवा रखे है परमिट के लिए मान्य माने जाएंगे।
अब देखना है जनहित के कार्यों में पूर्ण रूप से समर्पित परिवहन विभाग कितनी जल्दी इस जनहित के कार्य को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली में बिना पुलिस जांच प्रमाण पत्र प्राप्त व्यक्तियो को सवारी वाहन चलाने की इजाजत देता है ।
दिल्ली परिवहन विभाग सदैव जनहित के लिए तत्पर, इस आदेश के पारित होते ही यह सिद्ध हो जाएगा।
जनहित में जारी,
संजय बाटला.