आओ जुड़ कर अपने अधिकार इन राजनीतिक दलों, नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से प्राप्त करे।
भाग :- 1
क्या भारत देश के युवा जानते हैं आपको बेरोजगार रखने से राजनीतिक पार्टियों और सरकार को कितना फायदा होता है, जाने ?
देश में कोई बेरोजगार ना हों, यह किसी देश के लिए सम्मान की बात होती हैं, इसीलिए पश्चिमी देशों में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देकर दुसरे देशों में जाने के लिए बोल दिया जाता हैं जहां जाकर वह अपना जीवन उस बेरोजगारी भत्ते के पैसों से कर सकता हो।
लेकिन भारत देश पश्चिमी देशों से इस के लिए बिलकुल भिन्न है यहां के सभी राजनीतिक दल चाहते है भारत देश का युवा बेरोजगार रहे।
यह मै जिंदगी में देखे गए अनुभव के आधार पर बता रहा हू ।
भारत देश के राजनीतिक दलों और नेताओं को भीड़ दिखाने, नारे लगवाने, आगे पीछे चापलूसी करते घूमने वालों की जरूरत सबसे ज्यादा रहती हैं, जिसके आगे पीछे जितनी भीड़ उसकी नज़र में उसका कद उतना बड़ा।
अब आप ही बताइए अगर भारत देश के युवाओं को रोजगार / नौकरी मिल गई तो क्या वह किसी नेता, अभिनेता, नायक या अभिनायक के पीछे घुमेंगे ?
भारत देश के सविधान में सबको समानता के अधिकार मिले हुए हैं पर अधिकारों को पाने के लिए जनता को उन्हे जानना और समझना जरूरी है जिसके लिए पढ़ाई की आवश्यकता होती हैं । पढ़ाई जो हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है पर उसके बावजूद भारत में पढ़े लिखे से ज्यादा अनपढ़ की गिनती है जिसके पीछे मुख्य कारण गरीबी है और उसके लिए जिम्मेदार है राजनीतिक पार्टियां जो सत्ता पर काबिज है।
दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत देश में तो पढ़े- लिखे अधिकतर युवा बेरोजगार हैं या अपने ज्ञान से बहुत न्यूनतम कार्य करने को मजबूर हैं और उसका मुख्य कारण भारत देश के राजनीतिक
भारत देश में राजनीतिक पार्टी सत्ता पर विराजमान होने के लिए जनता को लुभावनी वायदे और प्रलोभन देकर जनता से वोट प्राप्त कर सत्ता पर कब्जा कर जाते है और सत्ता पर विराजमान होते ही जनता को सिर्फ वायदों पर घुमाते रहते हैं जिससे उनके आगे पीछे घूमने वालों का तांता लगा रहें।
अब सरकारों का फायदा भी देखें:- सरकार बेरोजगार के लिए नौकरी का विज्ञापन जारी करेगी और साथ में जारी करेंगे उसको प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र जिसका सरकार की कथनी के अनुसार होगा एक मामूली सा मूल्य, नौकरी होगी मान ले 100, आवेदन प्रक्रिया में आवेदन प्राप्त होगें कम से कम लाखों में।
अब आप अंदाजा लगा सकते है 100 नौकरी के एवज में मामूली से मूल्य से भी सरकारी खजाने में पैसे जमा हो गए करोड़ों रुपए।
यह बात भी यही खत्म नहीं हो जाती उसके बाद किसी भी बहाने का समाचारों में ढिंढोरा पिटवा कर जैसे पेपर लीक हो जाना इत्यादि उस प्रक्रिया को बंद करवा देना। यानी बेरोजगार से रोजगार प्राप्त करने वाला एक भी नहीं और सरकारी राजस्व में इज़ाफ़ा करोड़ों रुपए।
आपकों आपके अधिकार दिलवाने और अधिकारों की जानकारी हेतु यह पहला ब्लॉग है, आपकी जानकारी और मदद के लिए प्रतिदिन आपके साथ मिलेंगे।
आओ जुड़ कर अपने अधिकार इन राजनीतिक दलों, नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से प्राप्त करे।
जनहित में जारी,
संजय बाटला