अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी साकेत कोर्ट की अदालत ने दिल्ली की जनता को राहत देते हुए शर्तो के साथ अपने समय सीमा तय कर चुके वाहनों को यादगार के तौर पर घर में रखने के किए आदेश पारित।
इस आदेश में माननीय न्यायालय ने कहा
- वाहन को रखने के लिए निजी परिसर में स्थान होना चाहिए
- वाहन सड़को पर चलते हुए नही पाया जाना चाहिए
- वाहन को घर में रखने के लिए अदालत से मंजूरी लेनी जरूरी,
न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर वाहन सड़क पर चलते या सार्वजनिक पार्किंग में पाया गया तो वाहन मालिक के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 177के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
इस आदेश के साथ ही एक बड़ा सवाल और उठ खड़ा हुआ की जब भारत देश में विंटेज कारों के लिए कोई नियम और शर्तें लागू नहीं तो किसी भी अन्य नागरिक जो अपने वाहन स्क्रैप नही करवाना चाहते उन पर शर्त क्यों ?
जनहित में जारी
संजय बाटला