दिल्ली में जहा भी परिवहन मंत्री या परिवहन विभाग के आला अधिकारी जांच के लिए पूरा ढिंढोरा पीट कर जाते हैं तो वहा उतने समय के लिए सभी लाईन में चलते नजर आ जाते हैं पर क्या दिल्ली की जनता जो दिल्ली की सड़को पर चलते हैं जरूर जानते ही हैं की कितने प्रतिशत बसे लाईन में चलती है।
हमने कुछ दिन पहले भी कुछ बसों की विडियो क्लिप प्रस्तुत किए थे कितने कलस्टर कम्पनियों की बसे लाईन में चलती है। हम आज परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग के आला अधिकारियों को खुला दावा करते हैं की दिल्ली में किसी भी क्षेत्र में बिना पूर्व सूचना के सिर्फ एक घंटा खड़े होकर निकलने वाली बसों में से सिर्फ़ 60 प्रतिशत बसे ही लाईन में चलते दिखा दे, दिल्ली में आज भी करोड़ों रुपए खर्च कर दिल्ली सरकार अपने फ़ोटो लगाकर जो विज्ञापन लगा रहें हैं वह सिर्फ ली हुई फोटो के विज्ञापन के अलावा कुछ नहीं।
यह एक अच्छी बात है कि दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग दिल्ली की सड़को को जाम मुक्त, दुर्घटना मुक्त और प्रदुषण मुक्त बनाने की बात करते हैं पर सिर्फ विज्ञापनों या पूर्व सूचना के आधार पर यह सब करवाना असंभव है।
इसके लिए बसों में कानून के अनुसार लगे सभी उपकरणों का सुचारू रूप से कार्य करना आवश्यक है जो शायद डीटीसी या क्लस्टर बसों में उपल्ब्ध नही है क्योंकि अगर उपल्ब्ध होते और सुचारू रूप से कार्य में हो तो किसी भी जगह से किसी भी बस की जांच सम्भव है और गलत तरीके से चलने वाली बसों को भी कहीं से भी चेक कर चालान भेजा जा सकता है।
दिल्ली की सड़को को जाम मुक्त, दुर्घटना मुक्त और प्रदुषण मुक्त करने के लिए विज्ञापनों की नही सही प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है, सच को देखना बहुत आसान है लेकिन अगर देखने की इच्छा हो।
जनहित में जारी
संजय बाटला