दिल्ली के ऑटो मालिको को कब मिलेगा परेशानियों से छुटकारा

*दिल्ली परिवहन विभाग के ऑटो शाखा से आख़िर क्यों है ऑटो मालिक परेशान*

सच्चाई तो यह है की ऑटो शाखा में पिछले कई सालों से ऐसे अधिकारियो को मुख्य यानी डीटीओ के पद पर आसीन किया जाता गया है जिनकी छवि काफी अच्छी रही है और जनता के लिए हितकारी कहलाते रहे हैं पर अफसोस की बात फिर भी ऑटो के परमिट चालकों की परेशानियां दूर ही नहीं हो पा रही।

*आख़िर कौन है इस परेशानी का जिम्मेदार* ?

प्रथम दृष्टि से ऑटो के मालिको की परेशानियों के जिम्मेदार परिवहन विभाग के आला अधिकारी ही लगते हैं क्योंकि उनकी जानकारी में एक शिकायत आने के बाद उस से संबंधित अन्य सभी समस्याओं का पूरा विवरण मंगा कर सबकी समस्याओं का कारण जांच कर ऑटो मालिको को उनकी परशानियो से मुक्त कर देना चाहिए पर ऐसा हो नहीं रहा और दूसरी सबसे बड़ी सच्चाई यह भी है की आम ऑटो मालिक अपनी परेशानी लेकर आला अधिकारियों तक पहुंच ही नहीं पाते क्योंकि आला अधिकारी तो अपने चारो और जेड प्लस सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर के बैठे हैं।

आप सभी यह तो जानते ही होंगे कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनवाने में अगर किसी का श्रेय हैं तो वह हैं ऑटो चालक और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी।

सबसे महत्वपूर्ण बात आज अन्य तो परेशान हैं ही पर यह दोनों (ऑटो मालिक और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी) सबसे ज्यादा परेशान, ऐसा नहीं की आम आदमी पार्टी ने ऑटो चालकों के लिए मदद में कोई कमी नहीं रखी पर फिर भी है परेशान, आख़िर क्यों। बड़ा सवाल ?

दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से टोलवा की और से नरम निवेदन प्रार्थना है
ऑटो चालको और मालिको को अपने परमिट को नए वाहनों पर आने वाली परेशानियों की जांच करवाएं की आख़िर पिछले 6 सालों से ऑटो मालिक नया वाहन पूर्ण कानूनी कार्यवाही करके खरीद कर वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के इंतजार में धक्के खा रहे हैं आख़िर क्यों, क्या आला आधिकारी जनता को बताना पसन्द करेगें।
ऑटो मालिक अपने ही नाम के परमिट को नए ऑटो पर पाने के लिए धक्के खाते रहते हैं क्या आला अधिकारी जनता को बताना पसन्द करेगें क्यों ?

जनहित में जारी
संजय बाटला

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