कार के सस्पेंशन को होने वाले नुकसान से कैसे बचाएं, जानें 5 जरूरी टिप्स

कार के सस्पेंशन को होने वाले नुकसान से कैसे बचाएं, जानें 5 जरूरी टिप्स
नई दिल्ली

जारों जटिल कंपोनेंट्स शामिल होते हैं। ये कंपोनेंट्स मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि कार बेहतर तरीके से चले। कार का सस्पेंशन सिस्टम (निलंबन प्रणाली) एक ऐसा जटिल कंपोनेंट है जो वाहन के साथ-साथ उसमें बैठे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। साथ ही, यह सड़क की सतह से आने वाले झटकों को एब्जॉर्ब करके वाहन में सवार लोगों के लिए एक आरामदायक राइडिंग एक्सपीरियंस सुनिश्चित करता है। हालांकि, इतना महत्वपूर्ण कंपोनेंट होने के बावजूद, सस्पेंशन सिस्टम की अक्सर उपेक्षा की जाती है।

किसी वाहन की सुरक्षा और परफॉर्मेंस के लिए सस्पेंशन सिस्टम बहुत अहम होता है, और यह ठीक से काम कर रहा है कि नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए इसकी नियमित रखरखाव जरूरी है। इसीलिए यदि आप सस्पेंशन सिस्टम से संबंधित किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो भविष्य में किसी भी सुरक्षा खतरे या महंगी मरम्मत से बचने के लिए उन्हें जल्द से जल्द ठीक कराना जरूरी है। यहां हम आपको कुछ ऐसे संकेत बता रहे हैं जो यह बता सकते हैं कि आपके वाहन का सस्पेंशन सिस्टम खराब है या नहीं। इसके साथ ही कार के सस्पेंशन को होने वाले नुकसान से कैसे बचा जाए, यह समझने के लिए यहां कुछ अहम टिप्स दी गई हैं।

घिसे-पिटे पार्ट्स को बदलें
एक सस्पेंशन सिस्टम में स्प्रिंग्स, शॉक एब्जॉर्बर, स्ट्रट्स, कंट्रोल आर्म्स और बॉल जॉइंट्स सहित कई पार्ट्स होते हैं। यदि इनमें से कोई भी खराब हो जाता है, तो पूरे सस्पेंशन सिस्टम में खराबी का खतरा पैदा हो जाता है। सस्पेंशन के घिसे-पिटे पार्ट्स वाहन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और सुरक्षा संबंधी खतरे भी पैदा कर सकते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह ठीक से काम करे, सस्पेंशन सिस्टम के घिसे-पिटे पार्ट्स को हमेशा बदलें। हर 80,000-100,000 किलोमीटर पर शॉक एब्जॉर्बर्स और स्ट्रट्स को बदलने की सिफारिश की जाती है। हालांकि, ड्राइविंग के तौर तरीकों और सड़क की स्थिति के आधार पर रिप्लेसमेंट की अवधि अलग-अलग हो सकती है।

हमेशा हाई-क्वालिटी वाले पार्ट्स का इस्तेमाल करें
सस्पेंशन पार्ट्स को बदलते समय, हाई-क्वालिटी वाले पार्ट्स का इस्तेमाल करना सुनिश्चित करें जो खास वाहन के लिए डिजाइन किए गए हैं। हमेशा सिर्फ निर्माता द्वारा सुझाए गए पार्ट्स का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। आफ्टरमार्केट से सस्ते और कम गुणवत्ता वाले पार्ट्स का उपयोग करने से शुरुआत में लागत बचाई जा सकती है, लेकिन बाद में यह ज्यादा समस्याएं पैदा कर सकती है और सुरक्षा से भी समझौता कर सकती है।

वाहन में ओवरलोडिंग करने से बचें
वाहन पर ओवरलोडिंग करने से उसके सस्पेंशन सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे वह तेजी से खराब हो सकता है। यह आपके घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालने जैसा है। ऐसा करने से सस्पेंशन सिस्टम को भारी नुकसान हो सकता है।

समय-समय पर पहियों को एलाइन करें
व्हील एलाइनमेंट यह सुनिश्चित करता है कि वाहन के टायर सही ढंग से संरेखित हैं। यह असमान टायर घिसाव, ऊबड़-खाबड़ सवारी और गलत अलाइन सस्पेंशन सिस्टम से जुड़ी अन्य समस्याओं को रोकता है। इसलिए, साल में कम से कम एक बार या 15,000-20,000 किलोमीटर चलने के बाद पहियों को एलाइन कराएं। इसके अलावा, ओईएम के सुझाव के अनुसार टायरों में हवा का दवाब सुनिश्चित करें। टायरों पर हवा का दबाव कम होने से वाहन के सस्पेंशन सिस्टम पर दबाव पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *