शिमला
हिमाचल प्रदेश में रविवार को बारिश थमने से राहत तो मिली, लेकिन अगले चार दिन बादल बरसने का दौर जारी रहेगा। 27 जुलाई तक का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 29 तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। इससे दुश्वारियां फिर बढ़ेंगी। उधर, पिछले दिनों खराब रहे मौसम के चलते जिला कुल्लू समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में अभी भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। बिजली और पानी की आपूर्ति कई क्षेत्रों में बाधित है।
प्रदेश में 696 सड़कें, 1,052 बिजली के ट्रांसफार्मर और 370 पेयजल योजनाएं अभी ठप हैं। मनाली-कुल्लू नेशनल हाईवे क्लाथ तक बहाल हो गया है। अब कुल्लू से मनाली तक सिर्फ आठ किमी में हाईवे की बहाली का कार्य शेष है। हालांकि, शिमला से किन्नौर और डलहौजी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल हो गए हैं। रविवार को शिमला जिला के अलावा मंडी, सुंदरनगर, बल्ह, नाचन, सराज और धर्मपुर में हल्की हुई। कुल्लू में धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली। शनिवार रात को भूतनाथ पुल के समीप एक पेट्रोल पंप को भूस्खलन से क्षति पहुंची है।
दारचा-शिंकुला मार्ग, नेशनल हाईवे-505 ग्रांफू से काजा वाहनों के लिए अभी बंद हैं। कुल्लू में ब्यास नदी में बही पंजाब रोडवेज की बस को दूसरे दिन भी नहीं निकाला जा सका है। आईएमडी के उपनिदेशक ने बताया कि कई इलाकों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई। रविवार को न्यूनतम तापमान भरमौर में 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया तो अधिकतम तापमान धौलाकुआं में 29.9 डिग्री सेल्सियस रहा।
रविवार को भी सुक्खू सक्रिय, ओकओवर बुलाए तीन मंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को मंत्रियों के साथ राहत कार्यों पर चर्चा की और अपडेट लेते रहे। सीएम ने अपने सरकारी आवास ओकओवर में मंत्री बुलाए। सीएम सुक्खू ने मंत्रियों से कहा कि सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने में किसी तरह की समस्या न हो। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को भी निर्देश जारी करने को कहा। संपर्क सड़कों की शीघ्र बहाली के आदेश भी दिए।
इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन मौजूद रहे। मंत्रियों ने अपने-अपने महकमों के कार्यों पर भी सीएम ने चर्चा की। मुख्यमंत्री में फल मंडियों में उपजे विवाद पर भी चर्चा की। कैबिनेट बैठक में अपने महकमों से संबंधित महत्वपूर्ण एजेंडे लाने को कहा सीएम ने मंत्रियों से कैबिनेट बैठक में अपने महकमों से संबंधित महत्वपूर्ण एजेंडे लाने को कहा है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 25 जुलाई को बुलाई गई है।
5115 करोड़ के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान निरीक्षण कर दिल्ली लौट गई केंद्र से आई टीम
हिमाचल में नुकसान का जायजा लेने आई केंद्रीय टीम लौट गई है। प्रारंभिक आकलन में अब तक 5115.83 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। हालांकि, जिलों से नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट आने का सिलसिला जारी है। इसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि यह नुकसान का आंकड़ा आठ हजार करोड़ से ऊपर जाएगा।
सोमवार को टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान के मामले में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। सरकार चाहती है कि जल्द ही आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत राशि की पहली किस्त जारी हो जाए।
जल प्रलय से सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है। अब तक विभाग ने 1666.58 करोड़ रुपये नुकसान का आकलन कर लिया है। वहीं, जल शक्ति विभाग को भी अब तक 1475.69 करोड़ रुपये नुकसान का आकलन कर लिया गया है। इसके अलावा अन्य विभागों को भी भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ से 158 लोगों की मौत हुई है। 606 घर ढह गए जबकि, 5363 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1648 गोशलाएं भी ढहने से सैकड़ों पशुओं की मौत हुई है।
आपदा राहत कोष में अंशदान 16.50 करोड़ रुपये के पार
हिमाचल प्रदेश आपदा राहत कोष-2023 में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक प्रदेशवासियों, विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने 16.50 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान किया है। यह जानकारी राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने दी है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी उपायुक्तों को राहत कार्यों के लिए 188.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
शुरुआती आकलन के अनुसार आपदा के कारण प्रदेश को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रभावित लोगों को सम्मानजनक राशि प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वित्तीय सहायता राशि में कई गुणा वृद्धि की है। तत्काल सहायता के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।