*दिल्ली परिवहन विभाग के द्वारा तीन एमएलओ कार्यालय बंद करके खोला गया बेकैंड कार्यालय ,* कितना जनता के लिए हितकारी
दिल्ली सरकार द्वारा अपनी प्रशंसा को खुद ही पीठ ठपठपा कर विज्ञापनों द्वारा प्रदर्शित करना आप सभी जानते हैं। अपनी प्रशंसा के दौर को दिखाने और लाइसेंस, बेज और आरसी कार्ड प्रिंट करने वाली कम्पनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से दिल्ली में तीन एमएलओ कार्यालयों को बंद करके और सभी कार्यालयों में कार्ड प्रिंटिग बंद करके सिर्फ एक जगह शुरु करवाने का श्रेय प्राप्त कर जनहित का नाम दे दिया।
आप सभी को तो याद ही होगा इसके बाद दिल्ली में जनता कितनी परेशान हुई और दो बार तो बेकैंड आफिस में तोड़ फोड़ भी हुई पर परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार के लिए तो यह जनहित है।
इसके बाद दिल्ली परिवहन विभाग ने कार्ड प्रिंटिग के कार्यों को एक से दो स्थानों पर शुरु करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए जिसके तहत लाइसेंस और बेज बेकैंड कार्यालय में और आरसी द्वारका कार्यालय में ।
इससे एक तो फायदा पहुंचा की आज व्यवसायिक वाहन मालिको की अतिरिक्त अन्य किसी को ज्यादा आरसी समय पर उपल्ब्ध होने की समस्या से निजात मिल गया पर बेकैंड कार्यालय में बचा काम आज भी राम भरोसे है और वहा जनता किसी से मिल कर शिकायत भी नहीं सुना सकते क्योंकि इस ब्रांच के डीटीओ परिवहन आयुक्त की गुड लिस्ट में है । डीटीओ के कहने के बाद बेकैंड कार्यालय को खोलने का मुख्य उद्देश्य यानी कार्यों को भी वापिस सभी बचे हुए डीटीओ कार्यालयों में करने के दिशा निर्देश जारी करवा दिए और अब यहां बचा है मात्र एक काम लाइसेंस और बेज प्रिंटिंग और वह भी समय सीमा में ना तो अप्रूव हो रहा है और ना प्रिंट ।
*इन हालातों में अब दिल्ली की जनता स्वयं फैसला करे कि परिवहन विभाग का जनहित के नाम से किया गया यह आदेश जनहित में था या अपने हित में* और दूसरा सोचने का विषय *तीन कार्यालय जो इस जनहित का नाम लेकर दिल्ली परिवहन विभाग ने बंद किए थे उन सभी को होने वाली असुविधाएं जनहित है या अहित?*
आपके लिए एक लाइसेंस की फीस रसीद और उसके वापिस बेकैंड आफिस में पहुंचने का सबूत इस ब्लॉग के साथ आज भी स्लगन कर रहे हैं जिससे आपकों स्वयं फैसला लेने में दिक्कत नहीं होगी की किस तरह का कार्य कर रहा है बेकैंड कार्यालय और इसकी ज़रुरत जनता को है या किसी और को जिसके शुरु करने पर दुनियां में सर्वश्रेष्ठ बनने के विज्ञापन जारी हुए थे।
*संजय बाटला*