*दिल्ली सरकार राजस्व से एक बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा कितना सच्चा, जाने!*

दिल्ली सरकार राजस्व से एक बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा कितना सच्चा, जाने!

आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली के राजस्व और भारत सरकार द्वारा 300 बसों के खरीदने के लिए सब्सिडी लेने के बाद भी जनता के सार्वजनिक सेवा के प्रति एक भी बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा दिल्ली में देंगे दुनियां की सबसे बेहतरीन परिवहन व्यवस्था

  1. दिल्ली सरकार दावों को करने में नम्बर वन,
  2. विज्ञापनों में अपने आप को श्रेष्ठ बना कर दिखाने में नम्बर वन,
  3. वायदा करने और उससे मुकर जाने में नम्बर वन,

आम आदमी पार्टी जो पहले उतराखंड में, अब हिमाचल और गुजरात में जाकर लोगो को जो वायदे करके अपना वोट बैंक कायम करना चाहतीं हैं उन को दिल्ली में जहा पूर्ण बहुमत से सरकार है और जिसके बल और पैसों की ताकत पर दूसरे राज्यों में सरकार बनाने के प्रयास में जुटी है में तो लागू करे।

अपने द्वारा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा कर भुल जाना और दूसरे राज्यों में फिर वही वायदे करना यह सिर्फ आम आदमी पार्टी ही कर सकती हैं।

दिल्ली की सार्वजनिक वाहन सेवा को पूर्ण रूप से बर्बाद करने के बाद भी जनता को विज्ञापनों और समाचारों के माध्यम से बोलना की दिल्ली में दुनियां की सबसे बेहतरीन परिवहन व्यवस्था । यह बोलने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी के पास ही है।

दिल्ली की सड़को को पूर्ण रूप से गावों से भी गई गुजरी सड़को में बदलवा कर उसकी तुलना लंदन से करने की बोलने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी मे है।

सबसे बड़ी बात आखों से सब कुछ देखते हुए भी भारत सरकार, माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली और सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का मुंह बंद रखवाने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी की पास है।

धन्य है दिल्ली की जनता जिसने पूरी ईमानदारी से आम आदमी पार्टी को राजनीति में आगे आने और सक्रिय होने का मौका दिया और दुनियां को एक और राजनीति के गुण से अवगत करवाया।

दिल्ली में कितने सरकारी पद है और उनमें कितने पद खाली है, क्या आप जानते है?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के बनने से लेकर आज तक कितने व्यक्तियों को नियमित नौकरी दी गई, क्या आप जानते हैं ?
दिल्ली में सरकारी राजस्व से कितनी सार्वजनिक सवारी वाहन खरीदे गए, क्या आप जानते हैं?

अगर हां तो अच्छी बात और अगर नहीं तो मात्र 10 रुपए खर्च कर आरटीआई में जाने, आपकी आंखे स्वयं खुल जाएगी और मन प्रसन्न हो जाएगा।

जनहित में जारी
संजय बाटला

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