क्या माननीय उपराज्यपाल द्वारा जारी आदेश पर एंटी करप्शन ब्रांच सिर्फ बुराड़ी में हो रहे भ्रष्टाचार की ही जांच करेंगी या पूरे विभाग में फैले भ्रष्टाचार की, बड़ा सवाल ?
आप सभी जान चुके हैं माननीय उपराज्यपाल दिल्ली द्वारा परिवहन विभाग में दलालों / ऑटो फाइनेंस / अनाधिकृत डीलर्स के साथ अधिकारियो के साठ-गांठ करके भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाली उच्च न्यायालय में लगी क्रिमिनल रिट याचिका पर संज्ञान लेते हुए एंटी करप्शन ब्रांच को जांच करने के आदेश पारित कर दिए हैं और उसकी रिपोर्ट भी एक महीने के अंदर जमा करने को कहा है।
अब जानने योग्य बात यह रहेगी की माननीय उच्च न्यायालय में जो क्रिमिनल रिट याचिका दायर है वह तो सिर्फ बुराड़ी के ऑटो यूनिट के लिए है, इसका तात्पर्य यह हुआ कि एंटी करप्शन ब्रांच सिर्फ ऑटो यूनिट में अपनी जांच सीमित रखेगी या अपनी जांच का दायरा पूरे परिवहन विभाग पर।
आप सभी की जानकारी हेतु बता दें दिल्ली में परिवहन विभाग की अनगिनत ब्रांच हैं। पीछे तीन डीटीओ कार्यालय बंद करने के बाबजूद भी परिवहन मुख्यालय जहा आला अधिकारी उपलब्ध होते हैं के अलावा 20 से ज्यादा ब्रांच और दिल्ली में कार्यरत ड्राईविंग स्किल टैस्ट सैंटर है।
अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि एंटी करप्शन ब्रांच की जांच प्रक्रिया क्या रहेंगी तथा उसका दायरा कहा तक रहेगा और उनकी जांच का कहर किस पर गिरेगा।
कुल मिलाकर यह तो सच है की इस जांच की रिपोर्ट आते ही दूध का दूध ओर पानी का पानी तो हो ही जायेगा और सच भी सबके सामने आ जाएगा। क्योंकि *पिछले कुछ सालों से परिवहन विभाग द्वारा जनहित में अनगिनत आदेश पारित हुए हैं और बड़े अधिकारियों ने जनता से मिलना भी बंद कर रखा है जेड प्लस सुरक्षा को अपने द्वार पर लगाकर।*
जनहित में जारी
*संजय बाटला*