Rose Water के साथ भूल से भी मिक्स ना करें ये चीजें

Rose Water के साथ भूल से भी मिक्स ना करें ये चीजें

जब स्किन केयर प्रोडक्ट्स की बात होती है तो उसमें रोज़ वाटर या नी गुलाब जल का नाम अवश्य लिया जाता है। अपनी स्किन को ठंडक पहुंचाने से लेकर उसे टोन व क्लीन करने के लिए भी गुलाब जल का इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर से, गर्मी के दिनों में गुलाब जल  का इस्तेमाल करना स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अमूमन हम इसे स्किन पर ऐसे ही लगाते हैं या फिर किसी अन्य इंग्रीडिएंट के साथ इन्हें मिक्स करके अपनी स्किन पर अप्लाई करते हैं। हालांकि, ऐसे भी कई इंग्रीडिएंट होते हैं, जिनके साथ रोज वाटर को मिक्स नहीं करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ इंग्रीडिएंट्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके साथ आपको गुलाब जल मिक्स नहीं करना चाहिए- एसेंशियल ऑयल के साथ ना करें मिक्स गुलाब जल को एसेंशियल ऑयल के साथ मिक्स करना बिल्कुल भी अच्छा आइडिया नहीं माना जाता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को ऐसा करने से समस्या ना हो। लेकिन अगर किसी को फ्रेगरेंस से एलर्जी है या फिर अस्थमा की समस्या है तो इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप एसेंशियल ऑयल के साथ गुलाब जल को मिक्स करने की भूल ना करें। बेकिंग सोडा आज के समय में हम बेकिंग सोडा को भी अपने स्किन केयर रूटीन का हिस्सा बनाते हैं। लेकिन बेकिंग सोडा के साथ गुलाब जल को मिक्स करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, बेकिंग सोडा का पीएच स्तर लेवल काफी हाई होता है और जब इसे गुलाब जल के साथ मिक्स किया जाता है तो इससे आपकी स्किन कठोर और रूखी हो जाती है। जिसके कारण आपको स्किन में जलन या इरिटेशन की समस्या हो सकती है। नींबू का रस नींबू का रस बहुत अधिक एसिडिक होता है, जिसके कारण इसके इस्तेमाल से स्किन पर जलन की समस्या हो सकती है। इसके साथ जब गुलाब जल को मिक्स किया जाता है, तो इससे स्किन में सेंसेटिविटी से लेकर जलन आदि की समस्या हो सकती है। एक्सफोलिएंट के साथ ना करें मिक्स  कई बार हम एक्सफोलिएंट के साथ गुलाब जल को मिक्स करते हैं। जबकि हार्श एक्सफोलिएंट जैसे चीनी या नमक आदि को मिक्स नहीं करना चाहिए। ये आपकी स्किन में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं और कई तरह की अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।

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शरीर के लिए बेहद जरूरी है आयोडीन

शरीर के लिए बेहद जरूरी है आयोडीन

नई दिल्ली: आयोडीन हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है। जो हमें कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है। शरीर में इसकी कमी से अपच, थकान, कमजोरी और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आयोडीन का सबसे समृद्ध स्रोत नमक होता है। इसके अलावा भी और कई फूड्स हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर आयोडीन की कमी दूर कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं आयोडीन की कमी से कौन-सी समस्याएं हो सकती हैं और शरीर में इसकी पूर्ति के लिए क्या खाएं। आयोडीन की कमी से होती हैं ये समस्याएं गर्भपात। मांसपेशियों में ऐठन। कब्ज की समस्या। ज्यादा ठंड लगना। याददाश्त कमजोर होना। कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना। बच्चों के विकास में कमी। आयोडीन की कमी दूर करने के लिए खाएं ये फूड्स सी–फूड सी-फूड पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयोडीन की मात्रा पर्याप्त होती है। इसे खाने से आपकी मेमोरी बूस्ट होती है। शरीर में आयोडिन की कमी को दूर करने के लिए सी-फूड जरूर खाएं। कॉड फिश हमने आपको पहले ही बताया कि सी फूड में आयोडीन पाया जाता है। इन्हीं सी-फूड में शामिल कॉड फिश, जो आयोडीन का समृद्ध स्रोत है। इस फिश में आयोडीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है। शरीर में आयोडीन की पूर्ति के लिए डाइट में आप इस फीश को शामिल कर सकते हैं। दही दही सेहत का खजाना है। इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम जैसे तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-डी और आयोडीन की मात्रा भी पाई जाती है। दही पाचन को स्वस्थ रखने और आयोडीन की कमी भी दूर करता है। अंडे अंडे हेल्दी डाइट का अहम हिस्सा है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है। इसके अलावा अंडे में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटी ऑक्सीडेंट और अन्य विटामिंस पाए जाते हैं। यह आयोडीन का भी अच्छा स्रोत है। ब्राउन राइस ब्राउन राइस सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें कैल्शियम, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह राइस आयोडीन का भी अच्छा स्रोत है। शरीर में आयोडीन की कमी के दूर करने के लिए ब्राउन राइस जरूर खाएं।

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बची हुई ब्रेड को फेंकने के बजाय इन तरीकों से करें इस्तेमाल

बची हुई ब्रेड को फेंकने के बजाय इन तरीकों से करें इस्तेमाल

नई दिल्ली: ब्रेड ज्यादातर घरों में इस्तेमाल होने वाला ब्रेकफास्ट का ईजी ऑप्शन है। जिसकी मदद से आप एक नहीं, बल्कि कई तरह की रेसिपीज़ बना सकते हैं और सिर्फ ब्रेकफास्ट ही नहीं, ब्रेड की मदद से टेस्टी डेजर्ट भी तैयार किए जा सकते हैं। इतने सारे ऑप्शन्स होने के बाद भी पैकेट में दो-चार ब्रेड पड़ी ही रह जाती है। जिसे बाद में फेंकने का ही ऑप्शन समझ आता है। ऐसे में लगता है कि काश किसी तरह से इसका इस्तेमाल किया जा सकता, तो इस तरह इन्हें फेंकना न पड़ता, तो आपकी इसी समस्या का समाधान हम लेकर आए हैं। जी हां, आज का लेख बची हुई ब्रेड का कैसे करें अलग-अलग तरीकों से यूज, इसके बारे में हैं। बनाएं ब्रेड क्रम्स पकौड़ों को क्रंची बनाने के लिए आपने देखा होगा लोग ब्रेड क्रम्स का यूज करते हैं, तो इसके लिए फ्रेश ब्रेड का इस्तेमाल करने की जगह बची हुई ब्रेड को यूज में लाएं और अगली बार जब आप पकौड़े बनाएं, तो हर किसी की तारीफ मिले। ग्रेवी गाढ़ी करने के लिए ग्रेवी वाली सब्जी बनाते वक्त कई बार सब्जी के हिसाब से उसमें पानी की मात्रा ज्यादा लगने लगती है। ऐसे में एक्स्ट्रा पानी को निकालने से स्वाद में कमी आ सकती है, तो ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए आप इन बची हुई ब्रेड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप ग्रेवी में ब्रेड के छोटे छोटे टुकड़े डालें और कुछ देर ढंककर रख दें। उसके बाद सर्व करें। छोटी-मोटी भूख के लिए स्नैक्स बची हुई ब्रेड से आप शाम को लगने वाली छोटी-मोटी भूख के लिए मजेदार स्नैक्स भी तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आप ब्रेड्स को छोटे-छोटे पीस में काट लें और उन्हें हल्का फ्राई कर लें। ऊपर से नमक, मिर्च और चाट मसाला छिड़कर सर्व करें। अतिरिक्त तेल- मसाला करें कम सब्जी या दाल में कई बार बनने के बाद तेल या मसाला ज्यादा लगता है फिर समझ ही नहीं आता कि इसे कैसे कम करें, तो इस समस्या का भी हल है ब्रेड। बची हुई ब्रेड को आप सब्जी की ग्रेवी के ऊपर रख दें इससे एक्स्ट्रा तेल आसानी से ब्रेड खींच लेगा और जो लबालब तेल नजर आ रहा था, वो एकदम बैलेंस नजर आएगा।

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ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर पाचन को स्वस्थ रखने तक – मानसून में नाशपाती खाने के हैं अनगिनत फायदे

ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर पाचन को स्वस्थ रखने तक – मानसून में नाशपाती खाने के हैं अनगिनत फायदे

नई दिल्ली: मानसून के मौसम में सेहतमंद रहने के लिए डाइट पर ध्यान देना काफी जरूरी है। इस मौसम में कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियां बढ़ने लगती हैं। ऐसे में आपको इस मौसम में कुछ खास फलों को डाइट में शामिल करना चाहिए, जो आपको बारिश में बीमारियों से दूर रखेंगे। इन्हीं खास फलों में शामिल है नाशपाती। यह फल पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें विटामिन-सी, पोटैशियम, फोलेट, कॉपर, मैगनीज पर्याप्त होते हैं। यह आपको कई बीमारियों से बचाती हैं। तो आइए जानते हैं, नाशपाती खाने के क्या फायदे हैं। सूजन को कम करे कई बार पुरानी चोट या अन्य कारणों की वजह से सूजन की समस्या होती है। यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। इससे बचने के लिए आप अपनी डाइट में नाशपाती शामिल कर सकते हैं। यह फ्लेवोनोइड्स का समृद्ध स्रोत है, जो शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। इसमें विटामिन-सी और विटामिन-के भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। ये शरीर के सूजन को दूर करते हैं। पाचन तंत्र को दुरूस्त रखे नाशपाती फाइबर से भरपूर होती है। जो मल त्याग को आसान बनाने में सहायक है। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है। इसके अलावा, नाशपाती में मौजूद घुलनशील फाइबर आंत की सेहत में सुधार करता है। जिन लोगों को पाचन की समस्या है, वो अपनी डाइट में नाशपाती शामिल कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए नाशपाती डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें एंथोसायनिन पर्याप्त होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो डायबिटीज के खतरे को कम करता है। नाशपाती का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसे खाने से रक्त शर्करा का स्तर सामान्य रहता है। वजन कम करे नाशपाती में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। जो वजन घटाने में सहायक है। दिल की सेहत के लिए फायदेमंद नाशपाती कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें उच्च मात्रा में प्रोसायनिडिन होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। नाशपाती खाने से दिल से जुड़ी समस्या कम होती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का भी काम करती है। इस फल के छिलके में क्वेरसेटिन उच्च मात्रा में पाया जाता है। जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।

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माथे पर एक्ने होने से खो गई है आपकी खूबसूरती, तो अपनाएं आसान तरीका

माथे पर एक्ने होने से खो गई है आपकी खूबसूरती, तो अपनाएं आसान तरीका

माथे पर होने वाले एक्ने काफी ज्यादा बेकार लगते हैं। लेकिन इसके होने का कारण किसी को समझ नहीं आता है। कई बार यह पिंपल इतने ज्यादा बढ़ जाते हैं कि किसी भी क्रीम या अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट से भी सही नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कई लोग घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि माथे पर एक्ने की समस्या को कम करने के लिए कौन सी चीज फायदेमंद होता है। क्यों होते हैं माथे पर मुंहासे गंदगी, बैक्टीरिया और अतिरिक्त तेल से आपकी त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं। जिसके कारण माथे पर मुंहासे हो जाते हैं। तैलीय स्किन अगर आपकी स्किन या फेस ऑयली है और खासतौर से टी-जोन पर अक्सर ऑयलीनेस फील होता है। जिसके कारण भी माथे पर एक्ने की समस्या होने लगती है। हार्मोनल बदलाव हार्मोन सेबम उत्पादन को उत्तेजित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। हार्मोनल असंतुलन से आपके माथे पर एक्ने निकलने लगते हैं। खराब स्वच्छता अगर आप अपने फेस को अच्छे से साफ वहीं रखते हैं, तो मुंहासे की समस्या हो सकती है। अगर आप अपने चेहरे को नियमित रूप से नहीं धोते हैं, तो इससे फेस पर तेल जमा हो सकता है। जिसकी वजह से भी मुंहासे हो सकते हैं। हेयर प्रोडक्ट्स बालों के उत्पाद स्कैल्प को परेशान करते हैं। जिसकी वजह से आपके माथे पर मुंहासे निकल सकते हैं। अगर आप अपने बालों को नियमित रूप से नहीं धोती हैं, तो आपका स्कैल्प ऑयली होने लगती है। वहीं यह ग्रीस आपके माथे पर आ सकती है और रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। ऑयली स्कैल्प और डैंड्रफ आपके स्कैल्प को डैंड्रफ ऑयली बना सकता है। माथे पर तेल फैलने से मुंहासे होने लगते हैं। माथे के मुंहासों के सबसे सामान्य कारणों में डैंड्रफ भी एक कारण है। टी ट्री ऑयल रेडनेस को भी कम करने में टी ट्री ऑयल काफी सहायक होता है। क्योंकि इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो आपके माथे पर होने वाले पिंपल्स को कम करता है। सामग्री एलोवेरा जेल- 2-3 चम्मच टी ट्री ऑयल- 3-4 बूंद ऐसे करें अप्लाई एलोवेरा जेल और टी ट्री ऑयल को एक कटोरी में मिक्स कर अपने फेस पर अप्लाई करें। इसके बाद अपना चेहरे अच्छे से साफ कर लें। आप चाहें तो इसे लगाकर भी रह सकती हैं। इस प्रक्रिया को आपको रोज रात में करें और तब तक करते रहें, जब तक आपको रिजल्ट न मिलें। सेब का सिरका सेब के सिरके में जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं। इससे आपके मुंहासे की समस्या कम हो सकती है। साथ ही यह आपके स्किन

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स्ट्रोक और हृदय रोगों का एक मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर होता है। जिन लोगों का बीपी हाई रहता हैं, उनमें नॉर्मल बीपी वाले लोगों से ज्यादा हृदय रोग का खतरा होता है। बता दें कि 120/80 mmHg या उससे कम बीपी को आमतौर पर सामान्य माना जाता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति का बीपी 140/90 mmHg या उससे ज्यादा होता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। हाई बीपी कई वजह से हो सकता है। यह जेनेटिक भी हो सकता है। अगर आपके घर में किसी सदस्य यानी की माता-पिता या दादा-दादी का हाई ब्लड प्रेशर रहता है, तो यह आपको भी हो सकता है। इसके अलावा नींद की कमी, ज्यादा तनाव होना और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी हाई बीपी का कारण बन सकता है। हाई बीपी को हाइपरटेंशन के तौर पर भी जाना जाता है। बीपी की जांच क्यों जरूरी हेल्थ एक्सपर्ट्स के माने तो अगर आप नियमित तौर पर हाई ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहेंगे तो आपको यह जानकारी मिलती रहेगी कि आपका बीपी हाई है, या नहीं। ऐसे में अगर जांच के दौरान आपका ब्लड प्रेशर हाई निकलता है, तो आप उसे कम करने के लिए कुछ उपाय भी अपना सकते हैं। लेकिन अगर आप इसकी जांच नहीं कराते हैं, तो आपको पता ही नहीं चल पाएगा कि ब्लड प्रेशर हाई है या नहीं। आमतौर पर देखा जाए तो हाई ब्लड प्रेशर का कोई भी लक्षण नहीं होता है। ऐसे में इसकी नियमित जांच ही ब्लड प्रेशर जानने का एक सही तरीका है। लेकिन अगर आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का खास ख्याल रखते हैं, तो इसे कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसे कंट्रोल में रखें बीपी हाई बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए आप अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या योग आदि को जरूर शामिल करें। इसके अलावा अपनी डाइट में हेल्दी फैट, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स आदि की मात्रा बढ़ाएं। स्ट्रेस न लें, क्योंकि इससे हृदय स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसके साथ ही 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजों का सेवन जरूर करें।

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तेजी से घटाना चाहते हैं वजन, तो डाइट में शामिल करें ये फूड कॉम्बिनेशन

तेजी से घटाना चाहते हैं वजन, तो डाइट में शामिल करें ये फूड कॉम्बिनेशन

नई दिल्ली: इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड्स के कारण वजन बढ़ने की समस्या आम होती जा रही है। आजकल लोग मोटापा के कारण कई गंभीर बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याओं से जूझते हैं। मोटापा कम करने के लिए लोग हेवी एक्सरसाइज करते हैं, लेकिन इसके अलावा आप अपनी डाइट में बदलाव कर शरीर में जमी चर्बी को कम कर सकते हैं। जिन फूड्स में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक हो, उन्हें वेट लॉस जर्नी में जरूर शामिल करें। माना जाता है कि फल, सब्जियां, मेवे, साबुत अनाज और अंडे वजन घटाने में सहायक हो सकते हैं। ऐसे में आज आपको इस आर्टिकल में कुछ फूड कॉम्बिनेशन के बारे में बताएंगे, जो वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। दाल और टमाटर आजकल टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। फिलहाल इसे अपने भोजन में शामिल करना मुश्किल है, लेकिन यह वजन कम करने में मदद कर सकता है। अगर आप दाल में टमाटर डालते है, तो यह खाने में भी स्वादिष्ट लगता है और सेहत को भी कई लाभ मिलते हैं। जहां टमाटर विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, तो वहीं दालें प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत होती हैं। यह आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करती हैं। जिससे आप ज्यादा खाने से बचते हैं। शहद और नींबू के साथ अदरक जैसा कि हम जानते हैं, अदरक पाचन के लिए अच्छा है और सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है। जबकि शहद और नींबू का स्वाद बेहतरीन होता है। नींबू मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है। इससे वजन कंट्रोल होने में मदद मिलती है। इसके लिए एक बाउल में कसा अदरक लें, इसमें शहद और नींबू का रस मिक्स करें और इसका आनंद लें। खीरा, पुदीना और नींबू इस ड्रिंक को बनाने के लिए एक गिलास पानी लें। इसमें नींबू के टुकड़े, ताज़ा खीरा और पुदीने की पत्तियां डालें। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो इस ड्रिंक को जरूर पिएं, इससे आपके सेहत को भी फायदा मिलेगा। नट्स नट्स हेल्दी फैट, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं। इससे सेहत को कई लाभ मिलते हैं। रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों ने अधिक मात्रा में नट्स का सेवन किया, उनका वजन नट्स न खाने वालों की तुलना में कम बढ़ा। इसके अलावा, इन लोगों में मोटापे का खतरा भी कम था। पुदीने के साथ जामुन जामुन में विटामिन्स और खनिज पर्याप्त होते हैं, जबकि पुदीना ताज़गी भरा स्वाद देता है। आप इन दोनों को सलाद में शामिल कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं।

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मानसून में इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए पिएं यह आयुर्वेदिक काढ़ा

मानसून में इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए पिएं यह आयुर्वेदिक काढ़ा

नई दिल्ली: मानसून आते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है। यह मौसम लोगों को उमस और गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। लोग इस मौसम में तरह-तरह की डिशेज का आनंद लेते हैं, जिससे मानसून का मजा दोगुना हो जाता है। इस मौसम में इम्युनिटी कमजोर होने के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मानसून में सर्दी, खांसी और कई मौसमी बीमारियों का खतरा रहता है। हालांकि, बदलते मौसम में स्वस्थ रहने के लिए विशेष रूप से डाइट पर ध्यान देना जरूरी है। आप इस मौसम में काढ़ा जरूर पिएं, जिससे आप कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं। काढ़ा एक आयुर्वेदिक घरेलू उपाय है, जो कई जड़ी-बूटियों और मसालों से बनाया जाता है। यह मिश्रण इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और संक्रमण से लड़ने का सबसे सस्ता घरेलू उपाय है। तो आइए जानते हैं काढ़ा बनाने की विधि और इसके फायदे। घर पर इस तरह बनाएं काढ़ा सामग्री पानी: 2 कप अदरक: एक टुकड़ा लौंग: 4 काली मिर्च: 5-6 तुलसी : 5-6 पत्तियां शहद: 1 छोटा चम्मच दालचीनी: 2 बनाने की विधि सबसे पहले एक पैन में पानी डालें और इसे गर्म करें। अब अदरक, लौंग, काली मिर्च और दालचीनी को कुचल दें। पैन में तुलसी के पत्तों के साथ इन सामग्री को डालें। लगभग 20 मिनट तक मध्यम आंच पर उबालें। पीने से पहले मिश्रण को गिलास में छान लें और कम मात्रा में शहद मिलाएं। काढ़ा पीन के क्या हैं फायदे…

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बच्चों की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है पेरेंट्स की सख्ती

बच्चों की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है पेरेंट्स की सख्ती

नई दिल्ली: हम सभी ने बचपन में कभी न कभी अपने माता या पिता से डांट जरूर खाई होगी। बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए अक्सर कई पेरेंट्स उनके साथ सख्ती से पेश आते हैं। दरअसल, कई माता-पिता का ऐसा मानना होता है कि बच्चों की सही परवरिश और उन्हें जिम्मेदार बनाने के लिए सख्त अनुशासन बेहद जरूरी है। हालांकि, जरूरत से ज्यादा सख्त अनुशासन और हर बात पर डांटने से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी भी सामने आई है।

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स्मार्टफोन ने छीन ली महिला की आंखों की रोशनी, क्या आपको भी है अंधेरे में फोन चलाने की आदत? जरूर पढ़ें ये खबर

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हैदराबाद से एक हैरान कर देने वाला केस आया है। यहां एक महिला को फोन की ऐसी लत थी कि उसकी आंखों की रोशनी ही…

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