इस विटामिन की कमी बढ़ा रही है गंभीर मस्तिष्क रोग का जोखिम, 60 साल की उम्र तक जा सकती है याददाश्त हेल्थ डेस्क, अमर उजाला,…
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मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करना वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी, जानिए इसके लिए कारगर और आसान तरीके
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करना वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी, जानिए इसके लिए कारगर और आसान तरीके नई दिल्ली शरीर को स्वस्थ रखने, भोजन के पाचन…
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रायबरेली। एक नगर पालिका और नौ नगर पंचायतों को साफ सुथरा बनाने में कितने प्रयास किए गए हैं, इसकी कसौटी पर खरा उतरने की बारी…
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चावल तो लगभग हर भारतीय घर में बनाए ही जाते हैं। अक्सर हम सभी चावल के पानी को यूं ही बेकार समझकर फेंक देते हैं। जबकि चावल को पकाने के बाद बचा हुआ पानी सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, यह स्टार्चयुक्त पानी होता है, जो सेहत पर कई सकारात्मक असर डाल सकता है। तो चलिए आज लेख में हम आपको चावल के पानी से मिलने वाले कुछ बेमिसाल हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बता रहे हैं- डाइजेस्टिव हेल्थ पर पॉजिटिव असर चावल का पानी डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना गया है। अक्सर लोग दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के घरेलू इलाज के रूप में चावल के पानी का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, चावल के पानी में मौजूद स्टार्च स्टमक लाइनिंग को आराम पहुंचाता है। साथ ही साथ, इससे आपको पेट में होने वाले दर्द व बैचेनी से भी राहत मिलती है। हाइड्रेशन लेवल करे मेंटेन यह तो हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को अपने बॉडी हाइड्रेशन को बनाए रखना आवश्यक होता है। ऐसे में अगर चावल के पानी का सेवन किया जाता है, तो इससे हाइड्रेटेड रहने में मदद मिल सकती है। खासकर अगर आप ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां पर पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी अवेलेबल नहीं होता है। चावल के पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की मात्रा शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति कर सकती है। मिलते हैं कई पोषक तत्व चावल के पानी का सेवन करने से आपके शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। दरअसल, चावल के पानी में विटामिन बी और ई के साथ-साथ पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं। जिससे आपकी सेहत को लाभ मिलता है। होती है एंटी–इन्फ्लमेटरी प्रॉपर्टीज चावल के पानी में एंटी-इन्फ्लमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं और इसलिए भी यह सेहत के लिए लाभकारी है। अपने इसी गुण के कारण एक्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी कंडीशन में इससे फायदा मिल सकता है। पीरियड में दर्द व ऐंठन से राहत अगर आपको पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द व ऐंठन की परेशानी होती है तो ऐसे में चावल के पानी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चावल के पानी में रिलैक्सिंग प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। जब आपको असुविधा महसूस हो तो राहत पाने के लिए एक कप गर्म चावल का पानी पिएं।
View More सेहत के लिए बेहद लाभकारी है चावल का पानी, जानें इसके लाभमानसून में स्किन की केयर करेंगे ये होममेड टोनर
मानसून के मौसम में आपकी स्किन अतिरिक्त केयर मांगती है। इस मौसम में स्किन पर बहुत अधिक ऑयल व चिपचिपापन महसूस होता है। जिसके कारण स्किन इचिंग व ब्रेकआउट्स आदि की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में एक बेहतर स्किन केयर रूटीन को फॉलो करना जरूरी हो जाता है। इतना ही नहीं, आपको अपने स्किन केयर रूटीन में टोनर का इस्तेमाल भी करना चाहिए, जो इस अधिक ऑयल को कण्ट्रोल करने में मददगार हो। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही होममेड टोनर के बारे में बता रहे हैं, जो मानसून में आपकी स्किन का बेहतर तरीके से ख्याल रखेंगे- Ads by एलोवेरा और गुलाब जल से बनाएं टोनर एलोवेरा और गुलाब जल दोनों ही आपकी स्किन को सूदिंग इफेक्ट प्रदान करते हैं। साथ ही साथ स्किन हाइड्रेशन का भी ख्याल रखते हैं। मानसून के दौरान यह टोनर आपके लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है। आवश्यक सामग्री– – 1/4 कप एलोवेरा जेल – 1/2 कप गुलाब जल टोनर बनाने का तरीका– – सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते को तोड़कर फ्रेश जेल निकाल लें। – अब इसमें गुलाब जल डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। – तैयार मिश्रण को एक साफ बोतल या कंटेनर में डालें। – अपनी स्किन को क्लीन करने के बाद इस टोनर का इस्तेमाल करें। सिरके और ग्रीन टी से बनाएं टोनर मानसून में एजिंग या ऑयली स्किन के लिए यह टोनर लाभकारी हो सकता है। ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो स्किन को यंगर बनाए रखने में मददगार है। वहीं, सेब के सिरके की एस्ट्रिजेंट प्रॉपर्टीज पोर्स को टाइटन कर सकती हैं। जिससे अतिरिक्त तेल की समस्या से निजात मिलती है। आवश्यक सामग्री– – 1/2 कप ग्रीन टी – 1/4 कप सेब का सिरका टोनर बनाने का तरीका– – टोनर बनाने के लिए सबसे पहले एक कंटेनर में ग्रीन टी को सिरका डालकर मिक्स करें। – जब यह अच्छी तरह मिक्स हो जाए तो इसे एक साफ बोतल या कंटेनर में डालें।…
View More मानसून में स्किन की केयर करेंगे ये होममेड टोनरबस 10 मिनट के इन योगासनों से मिलेगी अच्छी और सुकून भरी नींद
नई दिल्ली: नींद न आने की प्रॉब्लम के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें से रात को गरिष्ठ भोजन करना यानि तेल-मसाले युक्त खाना, बेड पर लेटकर मोबाइल का इस्तेमाल आदि, तो सबसे पहले तो इन चीज़ों से किनारा कर लें। मतलब रात को जितना हो सके हल्का भोजन करें, पानी कम पिएं जिससे बार-बार वॉशरूम न जाना पड़े क्योंकि इससे भी नींद में खलल पड़ती है। इसके अलावा ज्यादा नहीं बस 5-10 मिनट का वक्त निकालकर यहां बताए जा रहे योग आसनों को करें। यकीन मानिए काफी हद तक आपकी नींद न आने की समस्या सुलझ जाएगी। आइए जान लेते हैं कौन से योगासन हैं इसमें कारगर। विपरीत करणी मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को एक साथ रखें। लंबी गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं। हवा में पैरों को 15-20 सेकेंड रोककर रखें। सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाएं। इसे कम से कम तीन बार जरूर करें। बालासन वज्रासन यानी दोनों पैरों को मोड़ते हुए बैठ जाएं। सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को सामने से नीचे लाते हुए मैट पर टिकाएं। सिर को भी मैट पर रखें। इस स्थिति में आराम से सांस लें औऱ छोड़ें। इसे भी दो से तीन बार करने की कोशिश करें। जानु शीर्षासन दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर की जांघ के पास रखें। फिर से एक बार दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए हाथ को नीचे लाना है और सिर को घुटने के जितना पास ले जा सकते हैं ले जाएं। इस स्थिति में अपनी क्षमतानुसार बने रहें। फिर हाथों को ऊपर उठाते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएँ। दूसरे पैर से भी इसका अभ्यास करें। दोनों पैरों से कम से कम दो बार कर लें। आनंद बालासन इस आसन को करने के लिए आराम से पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को मोड़ते हुए ऊपर की ओर ले आएं। अब हाथों से पैर के अंगूठे के पकड़कर खीचें। दाएं हाथ से दाएं पैर को खींचे और बाएं पैर को बाईं ओर। हिप पर अच्छी स्ट्रेचिंग होती है।…
View More बस 10 मिनट के इन योगासनों से मिलेगी अच्छी और सुकून भरी नींदतेल और सीरम बालों के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद
बालों में तेल का इस्तेमाल कई सालों से किया जाता रहा है। तेल बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। ऑलिव ऑयल से लेकर नारियल तेल तक आप इस्तेमाल कर सकती हैं। आजकल मार्केट में कई तरह के हेयर केयर प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे। क्या आप भी अपने बालों में हेयर सीरम का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन बहुत सारे लोग सीरम और हेयर ऑयल के बीच का फर्क नहीं जानते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको हेयर सीरम और हेयर ऑयल के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं। तेल और सीरम दोनों एक चीज नहीं है। तेल और सीरम दोनों अलग प्रोडक्ट हैं। सिर के स्कैल्प पर तेल का इस्तेमाल किा जाता है। यह आपके बालों को नरिशमेंट का काम करता है। वहीं हेयर सीरम का उपयोग बालों पर किया जाता है। सीरम का इस्तेमाल करने से बाहरी तत्वों जैसे धूल, गर्म हवा और प्रदूषण आदि से बालों को प्रोटेक्ट करते हैं। हेयर सीरम लगाने से होने वाले फायदे हेयर सीरम लगाने से बालों में शाइन आती है। ऐसे में अगर आपके बालों की शाइन खो गई है, तो हेयर सीरम आपको बालों की खोयी हुई चमक वापस लाने में फायदमंद हो सकता है। स्टाइलिंग टूल्स का इस्तेमाल करने पर और बालों की अच्छे से देखभाल न करने पर बाल ड्राई हो जाते हैं। इसलिए बालों मुलायम करने के लिए हेयर सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपके बाल भी फ्रिजी रहते हैं तो बालों में सीरम अप्लाई करना चाहिए। इससे बालों की फ्रिजीनेस कम होगा। हीट डैमेज से बालों के बचाने के लिए सीरम काम आता है। इसलिए बालों को स्टाइल करने से पहले सीरम का इस्तेमाल करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा बालों के उलझने पर आप हेयर सीरम का इस्तेमाल कर सकते हैं। सीरम अप्लाई करने से बाल कम उलझते हैं। बाजार में आपको बालों से संबंधित अलग-अलग समस्या के लिए सीरम मिल जाएगा। आप अपने हेयर टाइप के हिसाब से सीरम खरीद सकते हैं। बालों में तेल अप्लाई करने के फायदे बालों में तेल लगाने से दोमुहे बालों की समस्या नहीं होती है। इसलिए हेयर केयर रूटीन में आपको तेल जरूर शामिल करना चाहिए। बता दें कि अगर आप रोजाना हेयर ऑयलिंग करती हैं, तो इससे बालों का रंग काला होता है। बालों को काला करने के लिए नारियल तेल के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। तेल बालों की ग्रोथ के लिए भी फायदेमंद होता है। बालों में तेल लगाने से यह बढ़ने लगते हैं। बालों को हेल्दी और स्ट्रांग बनाए रखने के लिए हेयर ऑयलिंग जरूरी मानी जाती है।
View More तेल और सीरम बालों के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंदपसीने की वजह से बिगड़ जाता है पूरा लुक, ट्रिक्स को अपनाने से मेल्ट नहीं होगा मेकअप
गर्मियों का मौसम आते ही पसीने और प्रदूषण के कारण हमारे फेस पर झाइंयां, मुंहासे, दाने और टैनिंग की समस्या होने लगती है। लेकिन गर्मियों में मौसम को मेल्ट होने से बचाना भी एक मुश्किल टास्क होता है। मेकअप मेल्ट होने से पूरा फेस बेकार लगने लगता है। जिसके कारण महिलाएं अक्सर दोपहर में बाहर जाने से कतराती हैं। क्योंकि धूप, धूल और पसीने की वजह से मेकअप पैचेस में बदल जाता है। हालांकि गर्मियों में पसीना आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया होता है। लेकिन अगर आप मेकअप के दौरान कुछ आसान टिप्स को फॉलो करती हैं, तो इससे अपने मेकअप को मेल्ट होने से बचा सकती हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ आसान और उपयोगी टिप्स बताने जा रहे हैं। जिससे गर्मियों में मेकअप मेल्ट नहीं होगा। आइए जानते हैं इन टिप्स के बारे में… मॉइश्चराइजर करना न भूलें गर्मियों में ज्यादातर लोग अपनी स्किन को मॉइश्चराइज नहीं करते हैं। ऐसे में चेहरे पर पसीना आने लगता है और मेकअप मेल्ट होने की समस्या भी बढ़ जाती है। इसलिए जब आप मेकअप का इस्तेमाल नहीं करती हैं, तो अपनी स्किन को मॉइस्चर करना न भूलें। सही प्राइमर है जरूरी अगर आप भी चाहती हैं कि गर्मियों में आपका मेकअप खऱाब न हो तो इसके लिए सही प्राइमर का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। क्योंकि सही और अच्छा प्राइमर आपके फेस के मेकअप के ऑयल को बैलेंस करने का काम करता है। इसलिए आप ऑयली स्किन के लिए बनाए गए प्राइमर का इस्तेमाल कर सकती हैं। हल्का फाउंडेशन गर्मियों में हल्के फाउंडेशन का इस्तेमाल अच्छा माना जाता है। अगर आप गर्मियों में हैवी फाउंडेशन अप्लाई करती हैं, तो इससे आपके स्किन की ऑक्सीजन लॉक हो जाती है। जिसके कारण पोर्स में पसीना आने लगता है और मेकअप मेल्ट होने की संभावना भी बढ़ जाती है। मेकअप पाउडर गर्मियों के मौसम में मेकअप पाउडर से सेट करना जरूरी होता है। फाउंडेशन और कंसीलर को सेट करने के लिए आप मार्किट से ट्रांसलूसेंट पाउडर खरीदकर उसका इस्तेमाल कर सकती हैं। वाटरप्रूफ मेकअप प्रोडक्ट अगर आप भी गर्मियों में मेकअप का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में आप गर्मियों में वारट प्रूफ मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं। हालांकि मार्केट में मिलने वाले अधिकतर मेकअप प्रोडक्ट वाटरप्रूफ होते हैं। जो आपके मेकअप को मेल्ट होने से बचाते हैं।
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मानसून का मौसम लगभग हर दूसरे व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दरअसल, इस मौसम में लोगों को ब्लोटिंग जैसी पेट से संबंधित परेशानियां झेलनी पड़ रही है। पेट संबंधित समस्याएं मानसून में बेहद आम हो जाती है क्योंकि इस मौसम में लोगों का मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के कमजोर होते ही लोगों का हाल बेहाल हो जाता है। बता दें, मेटाबॉलिज्म हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन के पोषक तत्वों को उर्जा में बदलने का काम करता है। इसलिए इसके कमजोर होने पर हमारे शरीर का सारा कामकाज बाधित हो जाता है। ये सबसे ज्यादा हमारे पेट को प्रभावित करता है। इसलिए लोगों को ब्लोटिंग, पेट में फैलाव, भारीपन की समस्या होने लगती है। अगर आप भी इन सभी समस्याओं से परेशान है तो हम आपके लिए एक आयुर्वेदिक उपाय लेकर आए हैं। इस उपाय की मदद से आपको आसानी से ब्लोटिंग, पेट में फैलाव, भारीपन की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। आयुर्वेद डॉक्टर दीक्सा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने एक पेय के बारे में बताया है, जो सूजन/पेट में फैलाव/पेट में भारीपन को दूर करने में असरदार है। चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं। इस पेय को बनाने के लिए सबसे पहले 300 मिलीलीटर पानी लें। इसके बाद इसमें 1/4 छोटा चम्मच हींग (घी में भूनी हुई), 1/4 छोटा चम्मच सेंधा नमक और आधा छोटा चम्मच जीरा पाउडर मिलाएं। अब 5 मिनट तक इसे अच्छे तक उबालें। इसके बाद इसे बिना छाने घूंट-घूंट करके पीएं।
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आपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि 30 साल की उम्र के बाद से महिलाओं का वेट बढ़ने लगता है। बता दें कि वजन बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक कारण जैसे हार्मोन्स में बदलाव का होना है। दरअसल, महिलाओं में प्यूबर्टी होने से लेकर बुजुर्ग होने तक शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। उम्र के बढ़ने के साथ ही हार्मोनल लेवल भी बदलता रहता है। ऐसे में क्या महिलाओं में 30 की उम्र के बाद हार्मोनल बदलाव के कारण ही मोटापा होता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि 30 की उम्र के बाद किस कारण से महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है। हार्मोनल परिवर्तन बता दें कि यह बात सही है कि महिलाओं के वजन में 30 की उम्र के बाद से तेजी से बदलाव आने लगते हैं। इसका एक मुख्य कारण हार्मोनल परिवर्तन भी होता है। क्योंकि 30 साल की उम्र के बाद से महिलाओं के शरीर में एक्ट्रोजेन के लेवल में गिरावट आने लगती है। एस्ट्रोजेन पीरियड साइकिल को बैलेंस करने का काम करता है। वहीं एस्ट्रोजेन के लेवल में गिरावट होने के कारण महिलाओं में चिंता और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। जिसके कारण मोटापा बढ़ने लगता है। मेटाबॉलिज्म कम होना इसके साथ ही 30 साल की उम्र के बाद से महिलाओं के शरीर में मेटाब़ॉलिज्म भी कम होने लगता है। जिसके कारण उनका वेट बढ़ने लगता है। वहीं न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के खानपान का स्टाइल भी पूरी तरह से बदला है। महिलाएं घर का बना खाना खाने की जगह जंक फूड आदि खाना ज्यादा पसंद करती हैं। जिसके कारण मोटापा बढ़ना सामान्य बात है। वहीं मेटाबॉलिज्म कम होने और फूड हैबिट्स भी खराब होने पर वजन तेजी से बढ़ने लगता है। स्ट्रेस लेवल बढ़ना बता दें कि 30 साल की उम्र तक आते-आते महिलाओं में स्ट्रेस का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। स्ट्रेस बढ़ने का कारण उनका करियर और पर्सनल लाइफ भी हो सकती है। इसके साथ ही यदि कोई महिला की लाइफ स्टेबल न हो और वह अपनी लाइफ को सही से कंट्रोल नहीं कर पा रही हो। रिश्ते अच्छे न होने पर या ऑफिस का एनवायरमेंट सही न होने पर भी स्ट्रेस बढ़ने लगता है। कई रिपोर्ट्स में भी यह साबित हो चुका है कि स्ट्रेट बढ़ने पर मोटापा बढ़ता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि महिलाएं स्ट्रेस को कम करने के लिए स्मोकिंग करती हैं। वहीं गलत खानपान से भी वजन बढ़ता है। फिजिकली एक्टिविटी वहीं 30 साल की उम्र के बाद महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान नहीं देती है। वहीं वर्गिंक वूमेन एक जगह पर लंबे समय तक बैठकर अपना काम करती रहती हैं। अगर बात हाउस वाइफ की हो तो वह घर के कामों में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि एक्सरसाइज के लिए उन्हें समय ही नहीं मिलता है। जिसके कारण 30 साल की उम्र के बाद उनका वेट बढ़ने लगता है।
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