ऊंचाहार। रायबरेली। भाई को रेल गाड़ी पर बैठाने आए युवक की रेलवे स्टेशन से बाइक चोरी हो गई। खोजबीन के बावजूद भी कहीं अता-पता ना…
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गुरुग्राम से हटाई गई धारा 144
गुरुग्राम जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने 31 जुलाई को नूंह जिला में हुए सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर गुरुग्राम जिला में लागू धारा 144 को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेशों में कहा गया है कि 31 जुलाई को नूंह जिला में हुए सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर गुरुग्राम में अब, वर्तमान स्थिति के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद और विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, यह देखा गया है कि जिला गुरुग्राम में सामान्य स्थिति वापस आ गई है और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। जारी आदेशों में सभी नागरिकों को सलाह दी गयी है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत…
View More गुरुग्राम से हटाई गई धारा 144गाजियाबाद के पेट्रोल पंप पर लूटे गए मोबाइल से भेजे थे बदमाशों ने रुपये
ग्रेटर नोएडा। प्रबंधक को कार में बंधक बनाकर नकदी मोबाइल लूटने वाले तीन और बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए तीनों…
View More गाजियाबाद के पेट्रोल पंप पर लूटे गए मोबाइल से भेजे थे बदमाशों ने रुपयेनोएडा में पुलिस के ताबड़तोड़ एनकाउंटर, पांच दिन में छह बदमाशों को मारी गोली
नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में कमिश्नरेट पुलिस ने अपराधियों पर ताबड़तोड़ एक्शन शुरु कर दिया है। इसकी ताजा बानगी पिछले एक हफ्ते में देखी गई है। जब महज पांच दिनों में पुलिस ने अलग-अलग थानाक्षेत्रों में अपराधियों पर सख्ती दिखाई है। जिसका नतीजा है कि आधा दर्जन से ज्यादा बदमाश पुलिस की गोली से घायल हुए हैं और जेल भेजे गए हैं। बीते 2 अगस्त से कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में ये अभियान शुरु किया गया। जिसमें पहली मुठभेड़ बिसरख थाना क्षेत्र में हुई जिसमें चैन लूटने वाले गिरोह के दो बदमाशों को गोली लगी। अगले दिन 3 अगस्त को बिसरख थानाक्षेत्र में ही एटीएस गोलचक्कर के पास पुलिस से मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ। 5 अगस्त को थाना सेक्टर 142 में पुलिस से मुठभेड़ में दो बदमाशों को गोली लगी तो 6 अगस्त को दादरी पुलिस ने कार में सवारी बैठाकर लूटने वाले दो लुटेरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। 6 अगस्त को ही थाना सेक्टर 58 पुलिस को एक बदमाश को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली तो देर रात सूरजपुर पुलिस की कार्रवाई में एक बदमाश घायल हो गया।
View More नोएडा में पुलिस के ताबड़तोड़ एनकाउंटर, पांच दिन में छह बदमाशों को मारी गोलीटाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर
दिल्ली सीबीआई ने सिख विरोधी दंगा मामले में शनिवार को दिल्ली की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद के समक्ष कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। सीबीआई ने चार्जशीट में टाइटलर पर लोगों को सिखों की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को दिल्ली में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास एंबेसडर कार से उतरकर भीड़ से कहा था -सिखों को मार डालो….उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को नई दिल्ली के पुल बंगश क्षेत्र में तीन…
View More टाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायरशख्स ने की पत्नी और दो मासूम बेटियों की हत्या
बेंगलुरु, एजेंसी। बेंगलुरु में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी और अपने दो बच्चों की हत्या कर दी और फिर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बुधवार (2 अगस्त) को इसकी जानकारी दी। 31 साल के वीरार्जुन विजय मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे। वीरार्जुन की शादी 29 साल की हेमवती से हुई थी। दंपत्ति की 2 बेटी थी। एक डेढ़ साल की मोक्ष मेघा नयना और 8 महीने की सुनयना। सभी का शव कडुगोडी के सीगेहल्ली में स्थित अपने अपार्टमेंट में संदिग्ध हालत में मिला। तीन दिनों तक शव के पास रहा शख्स इस बीच, जांच से पता चला कि शख्स तीन दिनों तक अपनी पत्नी और बच्चों के शवों के साथ रहा था और फिर बाद में उसने आत्महत्या कर ली। कर्ज में था शख्स विजय कुछ साल पहले शेयर कारोबार में उतरा था, जहां उसे भारी रूप से नुकसान हुआ था। उसने कर्ज लिया था और शेयरों में निवेश किया था। इससे वह गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति में आ गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस को यह बात उसके लैपटॉप और मोबाइल की जांच के बाद पता चली। विजय ने कर्ज वाली बात परिवार में किसी से भी शेयर नहीं की थी। हालांकि, हेमवती जानती थी कि वह शेयर व्यवसाय में है और अपने पति को शेयरों में निवेश न करने के लिए कहती थी। इसको लेकर दोनों के बीच लड़ाई भी हुई थी। पत्नी–बच्चों को उतारा मौत के घाट वीरार्जुन, पारिवारिक और आर्थिक नुकसान का दबाव सह नहीं सका और इसलिए उसने अपनी पत्नी, बच्चों को मारकर अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया। एफएसएल रिपोर्ट से पता चला है कि सबसे पहले हेमावती की मौत हुई थी। पुलिस के अनुसार, विजय ने 31 जुलाई को अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी थी। अगले दिन, उसने अपनी दो बेटियों की हाथ के तौलिये से गला घोंटकर हत्या कर दी। उन्हें मारने के बाद, वीराजुना तीन दिनों तक शवों के साथ रहा और 2 अगस्त को छत के पंखे से लटक गया। हेमवती और बच्चों के शव फर्श पर पाए गए। वहीं, पत्नी का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। मृतक दंपत्ति के मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त कर लिए हैं।
View More शख्स ने की पत्नी और दो मासूम बेटियों की हत्याएक या दो नहीं बल्कि 180 अपराधों में जेल की सजा से छुट्टी
नई दिल्ली: लोकसभा में पास हो चुके जन विश्वास बिल को राज्यसभा में भी मंजूरी मिल चुकी है। इस विधेयक ने कई अपराधों में जेल की सजा को खत्म कर दिया है। यह बिल 19 मंत्रालयों से जुड़े 42 कानूनों के 183 प्रावधानों को जेल की सजा से मुक्त करेगा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट करेगा। आसान शब्दों में कहे तो, यदि कोई व्यक्ति अनजाने में कोई कृत्य करता है और उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हो जाते हैं और लोगों को जेल की सजा तक होती थी, उन्हें अब अपराध नहीं माना जायेगा और उनमें मिलने वाली सजा कम या खत्म कर दी जाएगी। पहले जिन गड़बड़ी को अपराध की श्रेणी रखा गया था वो अब जुर्माने तक सीमित हो जाएंगे। बिल में साफतौर पर कहा गया कि देश के लोग सरकार और अलग-अलग संस्थानों पर भरोसा करें, यही लोकतंत्र का आधार है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि जन विश्वास बिल क्या है और इसके तहत किन कानूनों में अपराध के प्रावधान को हटाया गया या कम किया गया है। साथ ही, बताएंगे कि इसके पीछे क्या कारण है। जन विश्वास बिल क्या है? कई पुराने प्रावधानों में संशोधन करके उसे एक बिल के रूप में पेश किया गया है, इसे जन विश्वास बिल कहा गया है। जन विश्वास बिल का लक्ष्य है कि 19 मंत्रालयों के 42 कानूनों के 180 अपराधों को गैर-अपराधिक घोषित कर देना यानी 180 अपराधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा। इनकी सजा में बदलाव किया जाएगा, जिसमें कई अपराधों को जुर्माने तक सीमित कर दिया जाएगा, तो कई मामलों में सजा खत्म कर दी जाएगी। किन क्षेत्रों में दिखेगा बदलाव? इस बिल के पास हो जाने से अब तक क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिलेगा, जिसमें पर्यावरण, कृषि, मीडिया, उद्योग, व्यापार, प्रकाशन और कई अन्य क्षेत्र के हैं। जन विश्वास विधेयक से Ease of doing Business और Ease of Living आसान होगी। क्या-क्या बदलाव होगा? बिल के कानून में तब्दील होने पर कई बड़े बदलाव होंगे। कई अपराधों में जेल के प्रावधान को समाप्त किया जाएगा, जैसे- इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट, 1898 के तहत जो अपराध आते हैं और उन पर जो जुर्माना लगाया जाता है उसे हटाया जाएगा। शिकायत करने की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा, जुर्माना तय करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। यदि कानून का उल्लंघन होता है, तो स्थिति जांच होगी और समन जारी होंगे। किसी भी अपराध के लिए लगने वाले जुर्माने में बदलाव होगा और राशि को हर तीन साल में एक बार बढ़ाया जाएगा। जन विश्वास बिल क्यों लाया गया? इस बिल का उद्देश्य है कि भारत की व्यापार प्रणाली में सहजता आ सके। दरअसल, वर्तमान में व्यापार करने के लिए कई नियमों का पालन करना होता है। इन नियमों का उल्लंघन होने पर भारी जुर्माना लगता है और यहां तक कि कई मामलों में जेल की सजा होती है। फिलहाल, देश में 1,536 कानून हैं, जिसमें 70 हजार प्रावधान है। इनमें से अधिकतर नियम एमएसएमई सेक्टर के विकास में बाधा बनते हैं। बिल के मुताबिक, इसका मुख्य लक्ष्य, व्यवस्थाओं की उलझनों का कम करना और पुराने नियमों में वर्तमान की स्थिति के मुताबिक बदलाव करना है। बिल में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, “सरकार देश के लोगों और विभिन्न संस्थानों पर भरोसा करें, यही लोकतांत्रिक शासन की आधारशिला है।” दरअसल, इस बिल का सीधा-सीधा लक्ष्य है कि लब्बोलुआब नियमों में कमी लाई जाए, ताकि लोगों का डर कम किया जा सके। कई लोग छोटे-छोटे अपराधों के कारण जेल की सजा और जुर्माने से डरते हैं, लेकिन इसमें बदलाव होते ही व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और व्यवसाय करने और जीवन यापन में आसानी होगी। इन कानूनों में होगा बदलाव जन विश्वास बिल के तहत 19 मंत्रालयों के 42 कानूनों के 180 अपराधों को गैर-अपराधिक घोषित कर दिया जाएगा। इसमें सार्वजनिक ऋण अधिनियम, 1944; मोटर वाहन अधिनियम, 1988; फार्मेसी अधिनियम,…
View More एक या दो नहीं बल्कि 180 अपराधों में जेल की सजा से छुट्टीबेंगलुरु में प्रिंसिपल ने 10 साल की डिस्लेक्सिक लड़की से किया दुष्कर्म
बेंगलुरु । बेंगलुरु के एक स्कूल परिसर के अंदर 10 वर्षीय डिस्लेक्सिक लड़की से उसके प्रिंसिपल ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 65 साल के आरोपी, जो स्कूल का मालिक भी है, को घटना के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे वरथुर पुलिस स्टेशन की सीमा में स्थित स्कूल की एक खाली कक्षा के अंदर हुई। पुलिस ने आरोपित प्रिंसिपल को किया गिरफ्तार पुलिस के अनुसार, लड़की को उसका प्रिंसिपल फुसलाकर कक्षा में ले गया और कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। घर लौटने के बाद पीड़िता ने अपनी आपबीती अपनी मां को बताई जो उसे मेडिकल जांच के लिए नजदीकी अस्पताल ले गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर, घटना के संबंध में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा, “हमारी टीम ने स्कूल प्रिंसिपल को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।” पुलिस ने कहा कि पीड़िता की मां एक गृहिणी हैं और उनके पिता का 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया।
View More बेंगलुरु में प्रिंसिपल ने 10 साल की डिस्लेक्सिक लड़की से किया दुष्कर्मएयरलाइन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 6.55 लाख रुपये ठगे
साइबर जालसाजों ने एक छात्रा को एयरलाइन कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 6.55 लाख रुपये ठग लिए। साइबर थाने की जांच के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएचओ डालनवाला राजेश साह ने बताया कि इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश के तवांग की रहने वाली पेमा इटोन ने शिकायत की है। इटोन यहां करनपुर में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उसने गत जून में सोशल मीडिया पर एयरलाइन कंपनी में नौकरी का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में दिए गए नंबर पर जब उन्होंने संपर्क किया तो कॉल उठाने वाले युवक ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया। इटोन ने बताया कि कुछ दिनों बाद उनके पास इंटरव्यू के लिए कॉल भी आई। यह इंटरव्यू ग्राउंड स्टाफ के लिए बताया गया…
View More एयरलाइन कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 6.55 लाख रुपये ठगेManipur में महिलाओं के साथ दरिंदगी मामले में कोर्ट का एक्शन, 4 आरोपियों को 11 दिन की पुलिस कस्टडी
मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 4 मई की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें राज्य में दो समुदायों के बीच अशांति के बीच मणिपुर में 2-3 महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है। उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही है और कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है। मोदी ने की थी निंदा इस घटना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है और कहा है कि यह देश के लोगों के लिए शर्म की बात है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि आरोपियों से सख्ती से निपटा जाएगा और वे मौत की सजा पर भी विचार कर रहे हैं। यह वीडियो, जो बुधवार को सामने आया, कथित तौर पर 4 मई को कांगपोकपी इलाके में एक बैठक के दौरान राज्य में हुए हंगामे के एक दिन बाद शूट किया गया था। पुरुषों के एक समूह ने दो कुकी-ज़ोमी महिलाओं का यौन उत्पीड़न जारी रखा, जबकि उन्हें वीडियो में नग्न परेड कराया गया था। थौबल के मैतेई शासित घाटी क्षेत्र में हुई घटना के बाद, सीमावर्ती कांगपोकपी जिले के एक पुलिस मुख्यालय में एक आपत्ति दर्ज की गई और एक शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद मामला थौबल स्थित पुलिस मुख्यालय को भेजा गया। आरोपी का घर फूंका मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वीडियो के दो दिन बाद, स्थानीय लोगों ने वायरल वीडियो में देखे गए कथित आरोपियों में से एक ह्यूरिम हेरादास सिंह के घर में आग लगा दी। 20 जुलाई को इंफाल में महिलाओं ने मणिपुर वायरल वीडियो मामले के एक आरोपी का घर जला दिया। मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। यह घटना पूर्वोत्तर राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई। दूसरी ओर, भयावह फुटेज बुधवार को सामने आया और इंटरनेट प्रतिबंध हटने के बाद वायरल हो गया।
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