यूपी में बनेंगे कार्गो टर्मिनल और ट्रकर्स पार्क, निवेशकों को मिलेगी बड़ी रियायत, ये है पूरा प्लान
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कार्गो टर्मिनल और ट्रकर्स पार्क बनेंगे। निवेशक करने वालों को बड़ी रियायत मिलेगी। परिवहन विभाग ने नीति जारी कर दी है। क्रियान्वयन इकाई बनाई गई है। मूल्यांकन समिति भी गठित कर दी गई है।
प्रदेश में सस्ते और प्रदूषण मुक्त अंतर्देशीय परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्गो टर्मिनल, ट्रकर्स पार्क, बर्थिंग टर्मिनल और इन्लैंड बैसल बनाए जाएंगे। परिवहन विभाग ने उप्र. वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत इन क्षेत्रों में निवेश आमंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश में राष्ट्रीय जलमार्ग के क्षेत्र में अंतर्देशीय पोत संचालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार नीति लेकर आई है। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी से पोत संचालन के साथ बर्थिंग और कार्गो टर्मिनल भी स्थापित किए जाएंगे। एक्सप्रेसवे और हाइवे पर ट्रक चालकों की सुविधा के लिए ट्रकर्स पार्क भी बनाए जाएंगे।
नीति के संचालन के लिए परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में छह सदस्यीय नीति क्रियान्वयन इकाई बनाई गई है। आवेदनों के मूल्यांकन के लिए परिवहन आयुक्त की ही अध्यक्षता में दस सदस्यीय समिति बनाई गई है।
बर्थिंग टर्मिनल
राष्ट्रीय जलमार्ग के किनारे सामान्य उपयोग की सुविधा के लिए 5000 टन क्षमता के टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे। यहां भूमि की लागत को छोड़कर 20 करोड़ का पूंजी निवेश करना होगा। यहां पर कार्गो और अंतर्देशीय पोतों में माल भरने और खाली करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्षेत्र में पहली छह परियोजनाओं में निवेश करने वालों को 30 वर्ष के लिए भूमि बिल्ड ऑन ऑपरेट ट्रांसफर (बीओओटी) आधार पर दी जाएगी। पूंजी निवेश पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाएगी।
कार्गो टर्मिनल
भूमि की लागत को छोड़कर 20 करोड़ के निवेश से 10 एकड़ भूमि पर ग्रीनफील्ड कार्गो टर्मिनल बनाया जाएगा। इस क्षेत्र में पहली 25 परियोजनाओं में निवेश करने वालों को 30 वर्ष के लिए भूमि बीओओटी के आधार पर मिलेगी। 15 करोड़ तक निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी। इन क्षेत्रों में खनिजों और उप खनिजों के भंडारण की सुविधा भी मिलेगी।
ट्रकर्स पार्क
राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, स्टेट हाइवे और प्रमुख फ्रेट मार्गों पर सड़क के दोनों ओर न्यूनतम दो किमी की दूरी में ट्रकों के लिए दस एकड़ में पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। यहां 85 फीसदी भूमि ट्रकों की पार्किंग के लिए होगी, शेष 15 प्रतिशत भूमि पर आवास, विश्राम और वाणिज्यिक गतिविधियां संचालित होंगी। इस क्षेत्र में निवेश करने वालों को भूमि की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट मिलेगी। भू उपयोग परिवर्तन में 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी। विकास शुल्क में 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
अंतर्देशीय पोत सुविधाएं
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के क्षेत्र में 500 टन क्षमता के पोत संचालित किए जाएंगे। इसके लिए पोत खरीद पर 25 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) सब्सिडी दी जाएगी।