अखिलेश यादव से खास बातचीत; उपचुनाव के नतीजे से लेकर ‘INDIA’ की रणनीति तक, जानें क्या-क्या बोले

  • अखिलेश यादव से खास बातचीत; उपचुनाव के नतीजे से लेकर ‘INDIA’ की रणनीति तक, जानें क्या-क्या बोले
  • लखनऊ
    पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोसी रिजल्ट के बाद अमर उजाला के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उपचुनाव के नतीजे से लेकर ‘INDIA’ की रणनीति तक कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनकी सरकारों का अन्याय चरम पर है। यह सबसे ज्यादा जातिवादी पार्टी है।
  • अखिलेश यादव से खास बातचीत
  • घोसी उपचुनाव में सपा की जीत को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भविष्य का संकेत मान रहे हैं। वे इसे सिर्फ सपा प्रत्याशी की नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन की विजय मानते हैं। उनका कहना है कि सत्ताधारी भाजपा ने यह उपचुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाया।
  • मीडिया ने इंडिया के पक्ष को आवाज नहीं दी, फिर भी जनता ने अपना काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनकी सरकारों का अन्याय चरम पर है। यह सबसे ज्यादा जातिवादी पार्टी है। यहां पेश है उनसे अजित बिसारिया की बातचीत के प्रमुख अंश-
    सवाल-सपा प्रत्याशी की जीत के समीकरण क्या मानते हैं?
    जवाब-जनता भाजपा से जबरदस्त नाराज है। उसके नेता सिर्फ कोरे वादे करना जानते हैं। अस्पतालों में सामान्य रोगियों तक को दी जाने वाली दवाएं नहीं हैं। बड़ी संख्या में बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ रहे हैं। रोजगार और निवेश के केवल झूठे वादे हैं। हर तरफ बेरोजगारी पसरी हुई है। दूसरी ओर, समाजवादी सरकार ने अनेक कल्याणकारी काम किए, जिन्हें जनता भूली नहीं है और यही हमारी जीत का कारण है।
    सवाल-कहा जा रहा है कि एक उपचुनाव में जीत को भविष्य का संकेत कैसे मान सकते हैं?
    जवाब-लोकसभा चुनाव से पहले का यह उपचुनाव जनता के मूड का स्पष्ट संकेत है। भाजपा के अहंकार और घमंड के खिलाफ यह जनादेश है। पूरी सरकार घोसी में लग गई। जातियों के ठेकेदार बनने वाले नेताओं को भी मतदाताओं ने जता दिया है कि उन्हें जेबी न समझा जाए। यकीन मानिए इस चुनाव के जरिये मतदाताओं ने इंडिया गठबंधन में भरोसा जता दिया है। लोकसभा चुनाव में भी इसी नतीजे का व्यापक दोहराव आपको देखने को मिलेगा।
    सवाल-भविष्य की रणनीति क्या है?
    जवाब-हम अपना फॉर्मूला छिपाने में यकीन नहीं रखते। पहले ही कह चुके हैं कि इंडिया हमारी टीम है और पीडीए रणनीति। मतलब, हम पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना कराएंगे और उसी के अनुरूप सभी की हिस्सेदारी तय करेंगे। घोसी की जीत से हमने यह साबित करके दिखा दिया कि अच्छी सोच वाला सर्वसमाज और पीडीए एक साथ आ जाए तो नतीजा कैसा हो सकता है। हमारा यह प्रयोग सफल हो चुका है, इसलिए इस पर और अधिक शिद्दत के साथ आगे बढ़ेंगे।

    सवाल-घोसी उपचुनाव से भविष्य के लिए क्या सबक लिए हैं?
    जवाब-देखिए, चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री स्वयं एक दरोगा से बात करें तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सिस्टम कहां बचेगा। वह दरोगा आम लोगों की कहां सुनेगा। घोसी के उपचुनाव में भाजपा ने पैसे बांटे। मीडिया ने इसकी अनदेखी की। लेकिन, हमें पता है कि हर समस्या का समाधान जनता के बीच से ही मिलता है।
    हमने लगातार अपनी बात जनता के बीच रखी। महिलाएं चुनाव में इंडिया प्रत्याशी को जिताने की लिए लोकगीत गाते हुए दिखीं। यही इंडिया गठबंधन और समाजवादियों की असली ताकत बन रहा है। ये भाजपा सरकार में लगातार बढ़ती महंगाई और घटती कमाई दी दोहरी मार झेल रहे परिवारों का आक्रोश है, जिसने वोट बनकर भाजपा को हराने की शुरुआत कर दी है।

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