समस्याओं का समाधान करने के लिए जो जरूरी प्रबंध करने की आवश्यकता हो उसकी जगह दूसरो पर इल्जाम लगा कर और फ्री का लालच देकर जनता का मुंह बंद करवाकर सत्ता में विराजमान द्वारा जनहित सम्भव है ?
रूस में भी 100 साल पहले इसी फ्री के लालच ने सत्ता परिवर्तन कर दिया था ओर आज तक वहा की जनता इस गलती का हर्जाना अदा कर रहे हैं।
आज दिल्ली अनगिनत समस्याओं से जूझ रहा है जो आम आदमी अच्छी तरह जानती है। उनमें से किसी एक भी समस्या का समाधान करने का दिल्ली सरकार द्वारा प्रयास नही किया गया उसके विपरित जनता को गुमराह करने के लिए सभी आवश्यक समस्याओं के लिए दुसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने कर्तव्य से विमुख हो रही हैं और जनता विरोधाभास ना करें उसके लिए बाहरी राज्यों से लोगो को दिल्ली में अपना वोट बैंक बनाने और फ्री का डंडा दिखाने में लगी है।
स्वास्थ्य से जुड़े सर्वे के आधार पर दिल्ली वालों की आयु से 10 वर्ष कम और भयंकर बीमारियां होने की आशंकाएं जताई गई हैं।
कुछ सौं रुपयों की फ्री बिजली-पानी के चक्कर मे दिल्ली की जनता अपने जीवन से समझौता कर रही है।
अगर दिल्ली के यही हालत रहे तो दिल्ली में घुटकर मरने या दिल्ली को छोड़कर किसी अन्य राज्यो में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा।
दिल्ली का यह हाल दिल्ली की सरकार द्वारा उत्पन्न किया है क्या इस पार्टी की सरकार आने से पहले कभी दिल्ली में सुना था, ओड इवन, दिवाली पर बम पटाखे जलाने से मनाही या प्रदुषण की मार ।
राज्य में आज ना कोए सड़क सुरक्षित है चलने के लिए
ना कहीं सफाई व्यवस्था है
ना ही करोड़ों रुपए खर्च कर यमुना नदी में पानी साफ मिला
ना दिल्ली सरकार की और से एक भी नियमित सरकारी नौकरी दी गई
ना ही किसी विभाग में करप्शन पहले से कम हुआ
ना ही दिल्ली के छोटे रोजगार करने वालों पर रोजगार रहा
ना दिल्ली में कोई सुरक्षित
हा, दिल्ली की हर गली कूचे और हर जगह 24 घण्टे नशे उपल्ब्ध जरूर हुए।
दिल्ली की जनता अगर फ्री के लालच में अभी भी अपने मुंह बंद रखेंगे तो
अच्छा है
1.बीमार होकर तड़फ तड़फ कर मरने,
2.सड़क दुर्घटना से मरने,
3. किसी नशे बाज के हाथों मरने,
4. अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति के हाथो से मरने से अच्छा है दिल्ली छोड़नी ।
अभी छोड़ दो या फिर प्रदूषण से बीमार होने को तैयार हो जाओ या दूसरा विकल्प है अपने बंद मुंह को खोलकर और फ्री का लोभ छोड़ कर अपने कर्तव्य को पूरा नहीं करने वालो को सबक सिखाओ।
जनहित में जारी
संजय बाटला