स्वाद की दुनिया में सीवान के लाल का धमाल

स्वाद में वह ताकत होती है, जो हर किसी को अपना मुरीद बना सकती है। …और जुनून में वह शक्ति होती है, जो कभी देश में रोजगार खोजने वाले एक युवक को अमेरिका में उद्यमी बनाकर रोजगार बांटने वाला बना देती है। अपने अथक परिश्रम, समर्पित प्रयास और सशक्त संकल्प के बूते सीवान के लाल श्री आनंद कुमार आज अमेरिका में शेफ आनंद के नाम से जाने जाते हैं। स्वाद से दुनिया फतह करने की सोच रखनेवाले सीवान के लाल ने अमेरिका में रेस्त्रां चेन की शुरुआत सेंट पॉवेल से किया, अभी तक वे दो रेस्तरां खोल चुके हैं और लक्ष्य दुनिया के हर बड़े शहर में स्वाद का जादू बिखेरने की है। शेफ आनंद के रेस्तरां का स्वाद इस समय अमेरिका में धूम मचा रहा है। शेफ आनंद के रेस्तरां के मुरीद बन गए हैं संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो प्रांत के माननीय गवर्नर माइक डिवाइन भी।

सीवान शहर के श्रीनगर के मूल निवासी और स्वतंत्रता सेनानी बृजकिशोर बाबू के वंशज, बीएसएनएल इंजीनियर स्वर्गीय अनिल कुमार सिन्हा ( मणि बाबू) के द्वितीय सुपुत्र का अमेरिका के सेंट पॉवेल में स्थापित दूसरा रेस्टोरेंट ‘ अवध बाई शेफ आनंद’ स्वाद के आनंद से अमेरिकन लोगों को अभिभूत करता जा रहा है। इस रेस्तरां की लोकप्रियता का आलम यह है कि अमेरिका के ओहियो राज्य के गवर्नर भी अपने डिनर पार्टी के लिए इस रेस्तरां को ही पसंद करते हैं।

मशहूर शेफ आनंद की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि कोरोना महामारी के दौरान, जहां अन्य सभी रेस्तरां बंद हो गए वहीं ‘ अवध बाय शेफ आनंद’ रेस्तरां ने सभी प्रतिकूल स्थितियों का सामना करते हुए ओहिओ स्टेट के ऑफिसियल और आम जनता को अपनी सेवा प्रदान करता रहा, जो निश्चित तौर पर श्री आनंद कुमार के स्तरीय प्रबंधकीय और उद्यमी कौशल का परिचायक तथ्य ही रहा है। सीवान के शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने आनंद कुमार की उपलब्धि पर हर्ष जताया है।

स्वाद की दुनिया में छा जाने की हसरत

सीवान के लाल शेफ आनंद स्वाद की दुनिया में अपना अनोखा मुकाम कायम करने के लिए प्रयासरत हैं। उनका सपना दुनिया के बड़े शहरों में रेस्तरां की श्रृंखला स्थापित करने का है। शेफ आनंद स्वाद की दुनिया में शोहरत कायम करते जा रहे हैं। भारतीय व्यंजनों के साथ अन्य व्यंजनों के स्वाद के माध्यम से अमेरिकन को अपना मुरीद बनाते जा रहे हैं। शेफ आनंद के कौशल और उद्यमिता के सम्मान स्वरूप अमेरिकी सरकार ने अपनी नागरिकता प्रदान कर दी है लेकिन आज भी उनके दिल में हिंदुस्तान तो बसता ही है।

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