क्यों फ्री की राजनीति करने वाले देश के दुश्मन हैं।

*लेनिन का इतिहास पढ़ना और जानना राष्ट्र की रक्षा हेतू हम सबके लिए जरूरी है।*

लेनिन रूस का था और भगवान ने रूस को संभलने का कोई मौका नही दिया लेकिन भारत को दिया है।*

जैसे आज रूस का नाम रशियन फेडरेशन है , वैसे ही 1917 तक रशियन एम्पायर हुआ करता था यहाँ राजा था रानी थी।

मंत्रियों के निकम्मेंपन और रानी के एक गलत सलाहकार के चक्कर मे 300 सालो से चला आ रहा यह साम्राज्य नष्ट हो गया।

*रूस में गरीबी बढ़ रही थी और उसका फायदा उठाया व्लादिमीर लेनिन ने। लेनिन ने फेक्ट्री वर्कर्स और किसानों को भरोसा दिलाया कि फ्री पानी, फ्री बिजली, फ्री ट्रांसपोर्ट सब दूंगा बस राजा को मार दो और मुझे सत्ता दे दो*

लोगो ने लेनिन की बातो में आकर 1917 में तख्तापलट कर दिया जिसे यहां के लोग क्रांति कहते है।

लेनिन सत्ता में आया, देखा तो राजकोष खाली है, 2 महीने हो गए लोग वास्तव में भूखे थे तो प्रदर्शन करने लगे लेनिन ने लोगो को देशद्रोह के नाम पर मरवाना शुरू कर दिया बाद में सफाई दी कि उसमें कुछ राजा के नोबल थे।

*आज तक लादेन और बगदादी ने अपनी किसी हरकत को आतंकवाद का नाम नही दिया लेकिन लेनिन ने रेड टेरर की थ्योरी दी। लेनिन ने कहा की आतंकवाद से ही गरीबो का उत्थान हो सकेगा इसलिए अमीरों को मारो और लूटो*

लूटमार होती रही बीच बीच मे कुछ समझदार लोग लेनिन पर हमले कर देते थे तो कम्युनिस्टों को मौका मिल जाता था आतंकवाद करने का।

आखिरकार लेनिन ने भूमि बांटनी शुरू कर दी, सभी रूसियो के पास जमीन थी, अनाज था, लेकिन बिजली अब नही थी और पानी की किल्लत भी यथावत थी।

*1924 में लेनिन मर गया, आज 2022 चल रहा है रूस के लोगो के पास आज तक मुफ्त की बिजली और पानी नही है हालांकि उसी के चक्कर मे वो अपने राजा को मार चुके थे और अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग आपस मे मर चुके है। रूस की आबादी 14 करोड़ है अर्थात फ्री के चक्कर मे आधा देश साफ कर दिया लेकिन हाथ चुहिया ही लगी।*

अलेक्जेंडर केरेन्सकी जो कि बाद में लेनिन ने मौत का सौदागर कहा उन पर जानलेवा हमले करवाये और केरेन्सकी को देश छोड़कर भागना पड़ा।

जो तबका कमजोर है उसे लेनिन बहुत अच्छा लगता है, उसे इससे कोई मतलब नही की संसाधन प्राकृतिक है या कृत्रिम। उसे तो *बस फ्री में मिल जाये तो मानो समुद्र मंथन हो गया।*

जैसे लेनिन ने 100 साल पहले रूस को बर्बाद किया था वैसे ही हमारे भारत मे अब ऐसे राजनीतिक दल आ गए हैं जो टैक्स कट्स, फ्री का लालच देकर सत्ता पर अपना वर्चस्व कायम करने में लगे हैं और हमारे फ्री के लालच से कायम भी हो रहे हैं ।

रूस के पास संभलने का मौका नही था लेकिन हमारे पास बहुत मौके है।

*मातृभूमि की रक्षा कीजिये, आपको सशस्त्र संघर्ष नही करना है बस इन्हें वोट देना बंद कर दीजिए* । 6.2 प्रतिशत की रफ्तार से दौड़ रही जीडीपी के रास्ते मे खड़े सभी राजनीतिक दल और उनके नेता स्वतः ही हट जाएगा ।

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