चमोली। उत्तराखंड का दो दिवसीय दौरा संपन्न कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली लौट गए हैं। पीएम मोदी के विमान ने आज सुबह 7.30 बजे बदरीनाथ से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। पीएम मोदी ने रात्रि विश्राम बदरीनाथ में ही किया। पीएम के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बदरीनाथ धाम में ही रुके थे। शुक्रवार को बदरीनाथ दौरे के दौरान पीएम मोदी ने मंदिर में पूजा अर्चना की।
इस बार के दौरे में पीएम मोदी केदारनाथ धाम के बाद बदरीनाथ पहुंचे। बदरीनाथ में बदरी विशाल की पूजा अर्चना करने के बाद वह देश के अंतिम गांव माणा पहुंचे। माणा से उत्तराखंड के साथ पूरे देश को संबोधित किया। अब तक जो लोग उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम आते थे, उनमें से बेहद कम लोग इस गांव का रुख करते थे। जबकि बदरीनाथ धाम से चंद मिनटों की दूरी पर यह गांव उत्तराखंड का या यह कहें देश का ऐसा अंतिम गांव है जो चीन की सीमा से लगा हुआ है। माणा गांव की खूबसूरत वादियां, पर्वतों से निकलने वाली नदियां किसी का भी मन मोह सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पांडव इसी गांव से होते हुए स्वर्ग की तरफ गए थे। इसलिए इस गांव इस जगह का महत्व और भी बढ़ जाता है
माणा गांव से प्रधानमंत्री जब देश को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने इस गांव का किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा माणा गांव से उनका नाता लगभग 25 साल पुराना है। जब वह भारतीय जनता पार्टी के एक साधारण से कार्यकर्ता हुआ करते थे। तब बीजेपी नेताओं की एक बैठक इसी गांव में बुलाई गई थी। उस वक्त बीजेपी के तमाम नेता इस बात का विरोध और नाराजगी जाहिर कर रहे थे कि आखिरकार इतने ऊंचे गांव में बैठक बुलाने का क्या औचित्य है। तब उन नेताओं को मैंने यह जवाब दिया था कि जब आप इस गांव में आकर यहां समय बिताएंगे, तभी उत्तराखंड के लोगों के दिलों में आपको स्थान मिलेगा। लिहाजा आज मुझे इस गांव में आकर बेहद अच्छा लग रहा है। मोदी ने यहां पर रहने वाले भोटिया जनजाति के लोगों से मुलाकात भी की और यहां पर बनने वाले गर्म कपड़े और अन्य पदार्थों के बारे में भी बारीकी से जानकारी ली।