चौपाल लगा कर किसानों को पराली न जलाने हेतु किया गया जागरूक।

चौपाल लगा कर किसानों को पराली न जलाने हेतु किया गया जागरूक।

*किसानों को चना राई, मटर, मसूर के मिनी किट का किया गया वितरण।
पहल टुडे / मसरूर अहमद पत्रकार
जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्ग दर्शन में राजस्व विभाग, विकास विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को पराली न जलाने हेतु जागरूक एवं पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। जिसके अनुक्रम में दिनांक 09.11.2023 को उप कृषि निदेशक, रामबचन राम एवम डा0 उमेश कुमार गुप्ता जिला कृषि अधिकारी कानपुर देहात द्वारा विकासखण्ड रसूलाबाद के ग्राम अमरोहिया में कृषक जागरूकता अभियान अन्तर्गत चौपाल लगा कर किसानों को पराली न जलाने हेतु जागरूक किया गया उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों को अवगत कराया गया कि फसल अवशेष/पराली जलाने से जहॉ एक ओर पर्यावरणीय क्षति, मृदा स्वास्थ्य एवं मित्र कीटों पर कुप्रभाव पडता है वही दूसरी ओर फसलों एवं ग्रामों में अग्निकाण्ड होने की भी सम्भावना होती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के तापमान में वृद्धि होने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पडता है, मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट होते है जिससे जीवांश के अच्छी प्रकार से सडने में भी कठिनाई होती है। पौधे जीवांश से ही पोषक तत्व लेते है तथा इससे फसलों का उत्पादन भी कम होता है। अतः पराली किसी भी दशा में न जलाये। उनके द्वारा किसानों को अवगत कराया गया कि जिला प्रशासन द्वारा जनपद में पराली दो खाद लो अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत किसान भाई गोशालाओं पर 2 ट्राली पराली देकर, 01 ट्राली की गोबर की खाद प्राप्त कर सकते है। मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर पूर्णतः रोक लगाते हुए इस दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रखा है तथा यदि किसी व्यक्ति द्वारा फसल अवशेष/पराली जलाने की घटना घटित की जाती है तो मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत उसके विरूद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रु0 2500/- प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ के लिए रु0 5000/- प्रति घटना और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रु0 15000/- प्रति घटना की दर से अर्थदण्ड वसूले जाने का प्राविधान है।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा किसानों को पी एम प्रणाम योजना अन्तर्गत रासायनिक उर्वरकों से होने वाले नुकसानों एवं कृषि में पड़ने वाले अतिरिक्त आर्थिक बोझ के संबंध में जागरूक करते हुए नैनो यूरिया, नैनो डी ए पी, एन पी के तथा एस एस पी उर्वरक के प्रयोग विधि एवं लाभों के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई । उप कृषि निदेशक एवं जिला कृषि अधिकारी कानपुर देहात द्वारा राजकीय कृषि बीज भण्डार झिंझक एवम विकास खण्ड रसूलाबाद के ग्राम अमरोहिया में किसानों को चना राई, मटर, मसूर मिनी कीट का वितरण किया गया।

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