ममता का कत्ल: जिस दादी ने लुटाया प्यार… उन्हीं पर क्रूरता की सारी हदें पार; जरा भी न कांपे मानस के हाथ
लखनऊ
बुजुर्ग महिला पौत्र मानस के आने से वह खुश थीं। रविवार को सुबह उसको खाना बनाकर खिलाया। फिर जब उसने रुद्रपुर जाने की बात कही तो दादी ने दोबारा खाना बनाया। टिफिन पैक करके मानस को दे दिया, लेकिन निर्दयी मानस ने कुछ ही देर बाद दादी पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। सिर से लेकर पेट तक करीब एक दर्जन बार बांका से वार कर प्यार लुटाने वाली दादी का खून बहा दिया।
लखनऊ के अलीगंज इलाके में त्रिवेणीनगर-2 के योगीनगर में 90 वर्षीय वृद्धा स्नेहलता शर्मा की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बुजुर्ग की हत्या उनके ही पोते मानस ने की थी। रविवार देर रात पुलिस ने उसको जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरी वारदात कुबूल कर ली।
परिवार से अलग अकेली रहने वाली बूढ़ी स्नेहलता खुद ही अपना सारा काम करती थीं। पौत्र मानस के आने से वह खुश थीं। रविवार को सुबह उसको खाना बनाकर खिलाया। फिर जब उसने रुद्रपुर जाने की बात कही तो दादी ने दोबारा खाना बनाया। टिफिन पैक करके मानस को दे दिया, लेकिन निर्दयी मानस ने कुछ ही देर बाद दादी पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
सिर से लेकर पेट तक करीब एक दर्जन बार बांका से वार कर प्यार लुटाने वाली दादी का खून बहा दिया। एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार ने बताया कि जब आरोपी मानस को गिरफ्तार गया तो उसके पास से एक बैग बरामद हुआ। इसमें एक टिफिन में खाना रखा हुआ था।
इस बारे में मानस से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि ये खाना उसकी दादी ने ही पैक करके दिया था। मानस का कहना था कि उसने बोला था कि खाना न पैक करें, तब भी उन्होंने कहा था कि भूखे रहोगे, बाहर का खाने से अच्छा है यहीं से लेते जाओ। हैरानी की बात ये है कि उनकी ममता का कत्ल करने में मानस के जरा भी हाथ नहीं कांपे।
संपन्न परिवार, तब भी एकाकी जीवन बिता रही थीं स्नेहलता
स्नेहलता के चार बेटे और एक बेटी है। बेटी मधु अपनी बेटी के पास लंदन में रह रही हैं। बड़े बेटे रमेश हरदोई से नगर पालिका से अधिशासी अभियंता के पद से रिटायर्ड हैं। दूसरे नंबर के आलोक स्टेट फूड कॉरपोरेशन से रिटायर्ड हुए हैं। वह सिधौली में रहते हैं।
तीसरे नंबर के मुकेश फोरेंसिक विभाग से डिप्टी डायरेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। वहीं चौथे बेटे महेश सिधौली में अपना काम करते हैं। आरोपी मानस, महेश का ही बेटा है। इतना संपन्न परिवार होने के बाद भी 90 साल की स्नेहलता एकाकी जीवन बिताने को मजबूर थीं। मुकेश एक तरह से कुछ हद तक फर्ज निभा रहे थे। लगभग हर दिन वह मां का हालचाल जानने चले आते थे।
पति की बीमारी के बाद बदले हालत
स्नेहलता के पति कैलाश का करीब छह साल पहले कैंसर की वजह से निधन हो गया था। एसीपी अलीगंज ने बताया कि जांच के दौरान जब संबंधित लोगों से पूछताछ की गई तो सामने आया कि कैलाश को कैंसर होने के बाद से बड़े दो बेटों ने उनसे दूरी बना ली थी। बेटी बाहर रहती थी। तीसरे नंबर वाले बेटे ही थोड़ी बहुत देखरेख करते थे। एक तरह से कैलाश की बीमारी के बाद से पूरे परिवार के हालात बदले और स्नेहलता अकेली पड़ गईं।
पड़ोसी बोली, घर से तेज आवाज आई थी
वारदात के बाद से मोहल्ले वाले स्तब्ध हैं। एक पड़ोसी ने बताया कि इतनी उम्र में भी स्नेहलता हर दिन सुबह मंदिर जाती थीं। खुद ही घर की साफ-सफाई करने के साथ खाना बनाती थीं। कपड़े भी खुद ही धुलती थीं।
उन्होंने बताया कि दोपहर को उनके घर से कुछ तेज आवाजें आ रही थीं तो पहले कुछ शक हुआ, लेकिन बाद में सब शांत हो गए तो लगा कि कोई मामूली बात हुई होगी। रात में पता चला कि हत्या कर दी गई है।
सिर पर चोट लगने से हुई मौत
सोमवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसकी रिपोर्ट से पता चला कि सिर पर जो वार किया गया, उसकी वजह से स्नेहलता की मौत हुई। इसके अलावा गले, चेहरे, पेट पर करीब एक दर्जन बार बांका से आरोपी ने वार किए थे।