इस विटामिन की कमी बढ़ा रही है गंभीर मस्तिष्क रोग का जोखिम, 60 साल की उम्र तक जा सकती है याददाश्त
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue,
अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया, तेजी से बढ़ती मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं है, 60 साल की उम्र आते-आते इन रोगों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण इस रोग का खतरा अधिक देखा जा रहा है। यह बीमारी आपके सोचने-समझने और तर्क करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली मानी जाती है, यही कारण है कि कम उम्र से ही इससे बचाव के लिए प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया, कुछ विटामिन्स की कमी भी आपमें डिमेंशिया रोग के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है, इसपर ध्यान देना बहुत आवश्यक हो जाता है।
विटामिन बी-12 और डिमेंशिया का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डिमेंशिया मानसिक स्वास्थ्य की उन जटिलताओं को संदर्भित करता है जिसमें सोच या स्मृति प्रभावित हो जाती है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि विटामिन-बी12 की कमी डिमेंशिया के प्रमुख कारणों में से एक है, यह अल्जाइमर रोग और नार्मल प्रेशर हाइड्रोसिफ़लस (एनपीएच) का भी कारण बन सकती है। यानी कि अगर आहार में विटामिन-बी12 वाली चीजों की मात्रा को बढ़ाया जाए तो इससे इस गंभीर मानसिक रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कम उम्र से ही आहार में इस विटामिन की मात्रा को बढ़ाना सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी है, ये बुढ़ापे में आपके मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखने में सहायक होगी।
विटामिन-बी12 को आहार में करें शामिल –
विटामिन-बी12 को आहार में शामिल करना बहुत आवश्यक
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि हमारे निष्कर्ष अल्जाइमर रोग के बढ़ते जोखिम वाले लोगों की पहचान करने के लिए विटामिन-बी12 की कमी को एक मार्कर के तौर पर भी देखने की तरफ संकेत देते हैं। बड़ी संख्या में बुजुर्गों में विटामिन-बी12 का निम्न स्तर देखा जा रहा है। हालांकि, याददाश्त की कमी के जोखिमों को कम करने के लिए विटामिन-बी12 सप्लीमेंट्स की उपयोगिता के लिए जो परिणाम देखे गए हैं वो काफी मिले-जुले से हैं।
अल्जाइमर रोग के मार्करों के बारे में जानिए
अध्ययन में क्या पता चला?
सात साल के अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 65-79 वर्ष की आयु के 271 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए, अध्ययन की शुरुआत में किसी भी प्रतिभागी को डिमेंशिया की समस्या नहीं थी। समय के साथ अध्ययन के दौरान 17 लोगों को अल्जाइमर रोग विकसित हुआ। ऐसे लोगों की जांच में होमोसिस्टीन के बढ़े स्तर के बारे में पता चला जो विटामिन-बी12 से जुड़ा एक अमीनो एसिड है।
रक्त में होमोसिस्टीन के बढ़े हुए स्तर के कारण मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है जो स्ट्रोक जैसी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन-बी12, होमोसिस्टीन को कम कर सकता है।
आहार में शामिल करें विटामिन बी वाली चीजें
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
अध्ययनकर्ता कहते हैं, उम्र, लिंग, शिक्षा, धूम्रपान की स्थिति, रक्तचाप और बॉडी मास इंडेक्स जैसे अन्य कारक भी मस्तिष्क से संबंधित इस विकार को बढ़ाने वाले हो सकते हैं, इनपर भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे रोगों के खतरे को कम करने के लिए आहार में सुधार करना बहुत जरूरी है, विशेषतौर पर विटामिन बी-12। इसे आप आसानी से आहार के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि इस विटामिन का सप्लीमेंट क्या इस रोग के खतरे को भी कम कर सकता है, यह अध्ययन का विषय है।
की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।