हर शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा,व्यवहारिक शिक्षा व समाजिक शिक्षा जरूरी-महात्मा सारथा नन्द जी हरिद्वार
दुल्लहपुर-गाजीपुर , स्थानिक क्षेत्र दुल्लहपुर में मानव उत्थान सेवा समिति हरिद्वार से आए महात्मा सारथा नन्द जी ने कई जगह पर छोटे-बड़े धर्म प्रचारक बैठक कर लोगों को अध्यात्म से जुड़ी जानकारी दी और नैतिक शिक्षा,नशा उन्मूलन, लिंग भेदभाव ,बालिकाओं की शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन ,सामाजिक ज्ञान, सहित जीवन से जुड़े तमाम बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी और कहा कि आज शिक्षा के अभाव में जो लोग अपने मां-बाप के प्रति दुर्व्यवहार करते हैं उनको उनके ही बने घरों से ठोकर मार कर बाहर निकलते हैं यह कहीं ना कहीं नैतिक शिक्षा, व्यवहार परिवर्तन, और सामाजिक ज्ञान के अभाव में लोग करते हैं जो नहीं होना चाहिए क्योंकि आज जो वह अपने मां-बाप के साथ कर रहे हैं कल वही शिक्षा लेकर उनके भी बच्चे उनके साथ करेंगे और उनको इस स्थिति से गुजरना पड़ेगा जो वह लोग अपने मां-बाप के प्रति कर रहे हैं साथ ही वहाँ मौजूद लोगों ने महात्मा जी के बातों को सुनकर यह संकल्प लिया कि हमें भी अपने बच्चों को आध्यात्मिक से जुड़ी शिक्षा, सांसारिक शिक्षा ,सामाजिक शिक्षा अपने बच्चों को देना चाहिए ताकि समाज जैसे पहले आपस में मिलजुल कर भाईचारे का व्यवहार कर जीवन यापन करती थी वह आगे भी सफल हो सके और लोग जिस उद्देश्य से धरा पर जन्म लिया है उस जीवन को सफल बना सके जिस बैठक में डॉ०संजय,दुलारे,अवधू,रामविलास, रामजियावन यादव,राजेश,अजय,मार्कण्डेय मौर्य,रंगीला यादव,संतोष यादव आदि लोग शामिल रहे।