परिवहन आयुक्त किस पर चाहते हैं नियंत्रण :- वाहन मालिक या प्रदुषण

उच्चतम न्यायालय के आदेश का नाम लेकर पक्षपात पूर्ण डीजल वाहनों के पंजीकरण खोलने के आदेश के खिलाफ़ वाहन मालिकों की बगावत शुरू

परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली में डीजल वाहनों के पंजीकरण को जिन शर्तों के साथ शुरू करने के आदेश पारित किए हैं उससे दिल्ली के अधिकतर परिवहन क्षेत्र से जुड़े मालिको, संस्थाओं, यूनियन, एनजीओ एवम् ट्रस्टों में रोष है।

बड़ा सवाल:- क्या परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली में प्रदुषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से डीजल वाहनों का व्यवसायिक गतिविधियों के लिए पंजीकरण बंद किया था ?

अगर दिल्ली में डीजल वाहनों का पंजीकरण प्रदुषण नियंत्रण के उद्देश्य से लगाया गया था तो यूरो VI डीजल इंजन के वाहनों से निकलने वाला प्रदुषण सीएनजी से चलने वाले वाहनों से भी कम है की रिपोर्ट उजागर होने के साथ ही दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्रदुषण नियंत्रण की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्रभाव से दिल्ली में डीजल वाहनों का पंजीकरण क्यो नही शूरू किया ?
इसके बावजूद दिल्ली परिवहन विभाग के द्वारा कुछ महीनों पहले दिल्ली से अंतरराजकिय बस रूट पर डीजल बसों द्वारा प्रीमियम बस सेवा शुरू करने के उद्देश्य से कानूनी राय ली गई थी और उसमे भी डीजल यूरो VI वाहनों के पंजीकरण को हरी झंडी मिल गई थी,
अब पिछले महीने एक एसोसिएशन द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर डीजल बसों के पंजीकरण शुरू करने के आदेश पारित करवाए गए

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर देखा जाए तो दिल्ली में डीजल वाहनों के पंजीकरण में किसी प्रकार की रुकावट /शर्त नही होनी चाहिए पर दिल्ली के परिवहन आयुक्त द्वारा शर्तो के साथ आदेश पारित करवाना यह सिद्ध करता है की वह नही चाहते की दिल्ली का वाहन मालिक जो दिल्ली की जनता और बाहरी राज्यों / विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित और विश्वसनीय सेवा प्रदान करते आ रहे हैं वह दिल्ली में अपना निजी डीजल वाहन पंजीकरण करवा पाए ।

परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा को दिल्ली के सभी पर्यटक स्थलों, धार्मिक स्थलों, अन्य सभी घूमने- देखने के स्थलों और व्यवसायिक बाजारों में दिल्ली से बाहर के राज्यो के व्यवसायिक नम्बर के पंजीकृत अनगिनत डीजल वाहनों का खड़ा होना और दिल्ली की सड़को पर 24 घंटे 12 महीनों तक बेखौफ चलते रहना नही दिखता या देखना नही चाहते ?

क्या परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा का यह मानना है की दिल्ली से बाहर के राज्यो के यूरो-II और यूरो-IV के पंजीकृत हजारों की तादाद के डीजल वाहन जो बेखौफ दिल्ली की सड़को पर चल रहे हैं से प्रदूषण नही होता ?

क्या प्रदुषण सिर्फ दिल्ली के पंजीकृत डीजल वाहनों से ही निकलता है इसलिए दिल्ली में डीजल वाहनों का पंजीकरण बंद कर रखा हैं चाहें वह यूरो VI इंजन के डीजल वाहन ही क्यों ना हो जिनका प्रदूषण सीएनजी वाहनों से भी कम है (गूगल सर्च कंपेरिजन रिपोर्ट की कॉपी स्लगन)

स्पेशल कमिश्नर शिल्पा शिंदे द्वारा हस्ताक्षरित आदेश NO. F.DTO(HQ)/ 2022/11/CD No. 075689410/59404 Dated June, 23, 2023. जारी हुआ। इस आदेश में कहा गया है दिल्ली में बीएस 6 डीजल बसें उन्ही वाहन मालिकों की पंजीकृत होंगी जिनके पास विदेश मंत्रालय, दूतावास या किसी मंत्रालय या अन्य अथॉरिटी द्वारा वाहनों का मांग पत्र (एग्रीमेंट) उपल्ब्ध होगा और पंजीकृत करे गए वाहन G 20 शिखर सम्मेलन में चलेंगे । 7+1 एवम् उससे अधिक सवारी क्षमता के डीजल यूरो 6 वाहनों को दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है । पंजीकरण करने से पहले परिवहन विभाग का शाखा प्रबंधक इस बात की जांच करेगा की यह वाहन G20 शिखर सम्मलेन से जुड़ा है, (आदेश की कापी स्लगन)

दिल्ली के छोटे बड़े ट्रांसपोर्टर्स को ना तो G20 शिखर सम्मलेन में काम मिला है और ना ही मिलेगा, लेकिन हर साल देश और विदेश से लाखों पर्यटक दिल्ली में आते है और दिल्ली के पंजीकृत वाहनों के ना उपल्ब्ध होने पर अन्य राज्यों के पंजीकृत डीजल वाहनों का प्रयोग करने को मजबूर रहते हैं । दिल्ली के साधन संपन्न ट्रांसपोर्टर्स दुसरे राज्यों में डीजल बसें पंजीकृत करवा कर दिल्ली में चलाते हैं और अन्य ट्रांसपोर्टर अपने रोजगार को बनाए रखने के लिए बाहरी राज्यों के डीजल वाहनों को किराए पर लेने के लिए मजबूर रहते है ।

अब सवाल यह उठता है बाहरी राज्यों के पंजीकृत डीजल वाहनों के बेखौफ दिल्ली की सड़को पर 24 घंटे चलन के बावजूद कैसे परिवहन विभाग करता है प्रदुषण नियंत्रण? यह बात आज तक दिल्ली की जनता और वाहन क्षेत्र के व्यवसाई नही समझ पाए ।

यहां एक बात समझ आती है दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार ग्रीन टैक्स के नाम पर जो करोड़ों रुपए बटोर रहे हैं अगर दिल्ली में डीजल वाहनो का पंजीकरण शुरू कर देंगे तो बटोरे जाने वाले करोड़ों रुपए में गिरावट आ जाएगी जो किसी भी क़ीमत पर परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा को गवारा नहीं होगा, प्रदूषण नियत्रण का नाम लेकर डीजल वाहनों का पंजीकरण रोकना तो सिर्फ एक दिखावा है।

दिल्ली परिवहन विभाग की जब इच्छा होती है वायु गुणवता पर्यावरण के नाम पर दिल्ली के पंजीकृत बीएस 4 डीजल टैक्सियों को बंद करने के आदेश पारित कर बीएस 6 डीजल टैक्सी को चलने की इजाजत दे देता हैं। जब दिल्ली में यूरो 6 डीजल वाहनों का पंजीकरण ही बंद हैं तो बाहरी राज्यों के पंजीकृत वाहनों के लिए दिल्ली में चलने के लिए छूट क्यों?

कुछ महीनों पहले स्वयं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह स्वीकार किया और बयान दिया था बीएस 6 डीजल वाहन पर्यावरण के अनूकूल है और पर्यावरण के लिए सीएनजी वाहनों से बेहतर है.

सबसे बड़ा सवाल G 20 शिखर सम्मेलन अक्टूबर 2023 में खत्म हो जायेगा क्या दिल्ली परिवहन विभाग जिन वाहनों को जी20 के लिए पंजीकृत कर रहा है उनका पंजीकरण अक्टूबर में रद्द करेगा?

दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग अगर दिल्ली के छोटे ट्रांसपोर्टर्स के साथ भेद भाव करेगें तो G20 शिखर सम्मेलन पर विरोध प्रदर्शन होगा और इस विरोध प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होगें दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग दिल्ली

दूसरा बड़ा सवाल:- दिल्ली की जनता और ट्रांसपोर्टर्स के हित के सारे फैसलो को करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जाना ही जरूरी है तो फिर लोकतंत्र या दिल्ली में चुनाव से बनी सरकार और सरकारी विभाग खास तौर से परिवहन विभाग दिल्ली की क्या है जरुरत ?

तीसरा सवाल:- दिल्ली बॉर्डर से अंदाजन आधा किलोमीटर की दूरी पर लाखों डीजल वाहन पंजीकरण करवाकर लोग दिल्ली में चलाते है, फिर दिल्ली में पंजीकरण पर रोक क्यों ?

परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा जवाब दें क्या हमारा दिल्ली का नागरिक होना और वाहन क्षेत्र मे काम करना ही सबसे बड़ा कसूर और जुर्म है?

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