बिहार के समस्तीपुर रेलमंडल में आरपीएफ टीम ने ऐसे शातिर तस्करों के गिरोह का खुलासा किया है जो रेलवे ट्रैक के ज्वाइंट पर सिक्का रखकर ट्रेन को रोक देते थे और फिर शराब की खेप उतारते थे.
तस्करी करने वाला यह गिरोह जिस जगह शराब की खेप उतारनी होती थी वहां रेल ट्रैक के ज्वाइंट पर सिक्का रख देते जिससे शॉर्ट सर्किट की वजह से आगे का सिग्नल लाल हो जाता था और ट्रेन रूक जाती थी.
इसके बाद तस्कर शराब को ट्रेन से उतार कर बाइक से आसानी से फरार हो जाते थे. इस तरकीब से शराब की तस्करी करने वाले तीन लोगों को आरपीएफ की टीम ने शराब के साथ गिरफ्तार किया है.
समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर शराब के कारोबार से जुड़ा यह गिरोह काफी शातिराना तरीके से शराब की तस्करी करता था. इस गिरोह में मुख्य रूप से तीन लोग शामिल थे जो ट्रेन के माध्यम से शराब की बड़ी खेप मंगवाते थे. पुलिस को चकमा दे कर शराब को बीच रास्ते में ही उतार लेते थे.
इस गिरोह में शामिल शराब तस्कर समस्तीपुर दरभंगा रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों से शराब लेकर आते थे. ट्रेन जब किसनपुर स्टेशन के आगे बढ़ने वाली रहती थी तो गिरोह का एक सदस्य रेल पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल को लाल कर देता था जिससे ट्रेन रुक जाती थी. फिर शराब तस्कर बाइक से शराब लेकर फरार हो जाते थे रेलवे सिग्नल कंट्रोल रूप को जब लगातार किसनपुर स्टेशन से आगे सिग्नल के लाल हो जाने की शिकायत मिलने लगी तो इसकी जांच की गई. जांच में रेलवे ने सिग्नल सिस्टम में कोई खराबी नहीं पायी.
इसके बाद आरपीएफ की टीम को सिविल ड्रेस में ट्रेन और किसनपुर स्टेशन के आसपास तैनात किया गया. जैसे ही बीती रात रेल पटरी पर सिक्का लगाकर सिग्नल लाल कर शराब तस्कर ट्रेन से शराब उतारने लगे आरपीएफ की टीम ने तीन तस्करों को शराब की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार कर लिया.
आरपीएफ टीम के हत्थे चढ़े शराब कारोबारी की पहचान रवि कुमार सिंह, विशाल कुमार सिंह, और निखिल कुमार सिंह के रूप में हुई है. शराब को ढोने में इस्तेमाल किए जाने वाले बाइक को भी जप्त कर लिया गया है.