शीतकालीन सत्र से पहले PM की अपील- सदन चलने दें:कहा- युवा सांसदों के भविष्य के लिए उन्हें बहस में भाग लेने का मौका मिले

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले बुधवार को पीएम मोदी ने मीडिया से बात की। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि वे सदन की कार्रवाई को चलने दें। बिना शोरगुल और व्यवधान के चर्चाओं को आगे बढ़ाएं। 15 दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सत्र की शुरुआत से पहले पीएम ने कहा, ‘पहली बार सदन में आए युवा सांसदों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए हम ज्यादा से ज्यादा अवसर दें। चर्चाओं में भागीदार बनाएं। पिछले दिनों सभी दलों के सांसदों से मेरी मुलाकात हुई है। वे एक बात कहते हैं सदन स्थगित हो जाता है। चर्चा न होने के कारण हम जो सीखना चाहते हैं समझना चाहते हैं, उससे अछूत रह जाते हैं। इसलिए सदन का चलना बहुत जरूरी है। ये सभी युवा सांसदों की मांग है। विपक्ष की भी मांग है कि डिबेट में हमें बोलने का मौका नहीं मिलता है। हमारा बहुत नुकसान होता है।’

मोदी ने कहा- सभी युवा सांसदों की वेदना समझें

मोदी ने कहा- ‘सभी नेता हमारे सांसदों की वेदना समझें। देश के विकास में उनका योगदा लोकतंत्र के लिए जरूरी है। मैं सभी दलों के सभी सांसदों से सत्र को प्रोडक्टिव बनाने की अपील करता हूं। आज पहली बार हमारे उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में पहला सत्र और पहला दिन होगा। राष्ट्रपति ने भारत की आदिवासी परंपरा के गौरव को बढ़ाया है। उसी तरह किसान पुत्र वाइस प्रेसिडेंट देश का गौरव बढ़ाएंगे। उनको भी मेरी तरफ से शुभकामनाएं।’

उन्होंने कहा, विश्व समुदाय में भारत का स्थान बढ़ा है। G-20 की मेजबानी मिलना भारत के लिए बड़ा अवसर है। यह समिट सिर्फ एक कूटनीतिक कार्यक्रम नहीं है। बल्कि दुनिया के सामने भारत की क्षमता को दिखाने का मौका है। इतना बड़ा देश, लोकतंत्र की जननी, इतनी विविधता, इतनी क्षमता… दुनिया को भारत को जानने में मदद मिलेगी।

राज्यसभा में पीएम मोदी ने उप राष्ट्रपति का स्वागत किया

पीएम मोदी ने कहा- आज आर्म्ड फोर्सेस फ्लैग डे भी है। झुंझनु वीरों की भूमि है, शायद ही कोई परिवार हो जिसने देश सेवा न की हो। ये सोने पे सुहागा है कि आप सैन्य स्कूल के स्टूडेंट रहे। आप में किसान और जवान दोनों समाहित हैं। सदन ऐसे समय में आपका स्वागत कर रहा है जब देश दो अवसरों का साक्षी बना है। कुछ दिन पहले G-20 की मेजबानी मिली है, साथ ही अमृतकाल की शुरुआत भी है।

यह सत्र कुल 23 दिनों का होगा, जिसमें 17 बैठकें होंगी। इस मौके पर सरकार कुल 16 बिल पेश करेगी। इधर, विपक्ष सत्र के दौरान हर दिन एक नया मुद्दा लेकर चर्चा करने की रणनीति बना रही है। माना जा रहा है कि सत्र के दौरान संसद में महिला आरक्षण का मुद्दा फिर से उठ सकता है। इसके अलावा मोरबी हादसा, महंगाई, बेरोजगारी, चुनाव आयोग अरुण गोयल की नियुक्ति और जजों की नियुक्ति पर कॉलेजियम सिस्टम पर विपक्ष केंद्र को घेर सकता है। सदन की कार्यवाही 29 दिसंबर को समाप्त होगी।

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