विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: रेलवे में जॉब का झांसा देकर ठगी के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी आई-कार्ड और अपॉइंटमेंट लेटर लेकर पांच टिकट एग्जामिनर (TTE) बन 15 दिन से ट्रेन में टिकट चेक कर रहे थे। रेलवे पुलिस ने आरोपी यूपी के बदायूं के मोहम्मद रिजवान (22), महाराजगंज के भूपेंद्र चौरसिया (20), पंजाब के पठानकोट निवासी गगनदीप सिंह (21), गौरव कुमार (20) और होशियारपुर के अमनदीप सिंह (19) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने छह संदिग्ध और पकड़े थे, जिनकी संलिप्तता फिलहाल नहीं दिखी है। पुलिस को दो मास्टरमाइंड की तलाश है। रिजवान और अमनदीप को रिमांड में लेकर तफ्तीश की जा रही है।
डीसीपी (रेलवे) हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को रेलवे स्टाफ ने कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस में खुद को ट्रेनी टीटीई बता रहे युवक को पकड़ा। इससे फोन में आई-कार्ड मिला। संदिग्ध लगने पर चीफ टिकट इंस्पेक्टर को सूचना दी गई। आरपीएफ स्टाफ और रेलवे अधिकारी आरोपी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाने में वेरीफिकेशन के लिए लेकर आए। आरोपी ने अपनी पहचान भूपेंद्र चौरसिया के तौर पर बताई। इसका आई-कार्ड फर्जी पाया गया। प्रशांत शुक्ला को रेलवे में जॉब के लिए पैसे दिए थे, जिसने ये कार्ड दिया था।